15.5.16

एकान्त-मन

आज  एकान्त में बढ़ती विवशता,
सदा खालीपन सताता है समय का

मन अभी भी बाल्य मेरा,
व्यस्तता का पा खिलौना
विषय की भी रिक्तता में,
खेलता रहता मगन हो ।।

नहीं आवश्यक इसे आधार चिन्तन का,
और सूझे इसे व्यवहार जीवन का
यह बढ़ा देता कदम, बस सहजता का सार पाकर,
जिस दिशा में इसे केवल भीड़ का विस्तार दिखता ।।

किन्तु जब होता अकेला,
नहीं कोई राह दिखती
शान्ति में है छटपटाता,
भीड़ की आदत पड़ी है ।।

वाह्य निर्भरता भुलाने,
आत्मगत मन चाहता हूँ
आश्रय पथ छोड़ सब मैं,
स्वयं जीना चाहता हूँ ।।

8 comments:

  1. यही तो है मानव जीवन की महानतम इच्छा ! मन तू ज्योति समान अपना मूल पिछान...नानक ने इसी लिए तो कहा था, ध्यान की गहराई में जाकर जब साधक का अपने से मिलना हो जाता है तो मन एकांत ही ढूँढता है..

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  2. मन की दशा का बहुत ही सही चित्रण है .

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  3. मन की दशा का बहुत ही सही चित्रण है .

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  4. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (18-05-2016) को "अबके बरस बरसात न बरसी" (चर्चा अंक-2345) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  5. आज की बुलेटिन विश्व दूरसंचार दिवस और ब्लॉग बुलेटिन में आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है। सादर ... अभिनन्दन।।

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  6. wah bahut hi behtareen...

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  7. मन में होती उथल पुथल का बहुत सही चित्रण किया है... बहुत दिनों बाद ब्लॉग जगत में लौटना मन को सुकून दे रहा है.

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  8. नमस्ते मेरा नाम सागर बारड हैं में पुणे में स्थित एक पत्रकारिकता का स्टूडेंट हूँ.

    मेंने आपका ब्लॉग पढ़ा और काफी प्रेरित हुआ हूँ.

    में एक हिंदी माइक्रो ब्लॉग्गिंग साईट में सदस्य हूँ जहाँ पे आप ही के जेसे लिखने वाले लोग हैं.

    तोह क्या में आपका ब्लॉग वहां पे शेयर कर सकता हूँ ?

    या क्या आप वहां पे सदस्य बनकर ऐसे ही लिख सकते हैं?

    #भारतमेंनिर्मित #मूषक – इन्टरनेट पर हिंदी का अपना मंच ।

    कसौटी आपके हिंदी प्रेम की ।

    #मूषक – भारत का अपना सोशल नेटवर्क

    जय हिन्द ।

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