tag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post945212329485027319..comments2024-03-17T19:33:00.050+05:30Comments on न दैन्यं न पलायनम्: गूगल का गणितप्रवीण पाण्डेयhttp://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comBlogger76125tag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-65256115257068019162020-05-19T17:03:06.280+05:302020-05-19T17:03:06.280+05:30nice story<a href="https://www.thekahaniyahindi.com/2020/02/bhutiya-kahani-hindi.html" rel="nofollow">nice story</a>AKhttps://www.blogger.com/profile/13202288033907820749noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-22600091160813527012020-01-24T19:45:52.295+05:302020-01-24T19:45:52.295+05:30
Gulam sarwar please remove the links<br />Gulam sarwar please remove the linksAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-31820656371280325832018-10-21T16:04:59.389+05:302018-10-21T16:04:59.389+05:30Nice postNice postGulam sarwarhttp://www.thehindistory.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-6950123725684117742011-12-29T15:10:37.448+05:302011-12-29T15:10:37.448+05:30फिर भी अभी ज्ञान सागर के बहुत से शब्दों का अभाव ह...फिर भी अभी ज्ञान सागर के बहुत से शब्दों का अभाव है कई बार मैने ऐसा महसुस किया है हिन्दी शब्दों का समावेश पूर्ण नही लगाता है फिर ठीक है क्योंकि ज्ञान का तो अन्त ही नही है ाविक्रमसिंह राठौडnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-47594306600439319262011-12-07T19:53:05.467+05:302011-12-07T19:53:05.467+05:30Power of google well explained n loved the way how...Power of google well explained n loved the way how u related it wid mathematics n complexities of life !!<br />"लोग गूगलाने लगते हैं।" that was hilarious :DJyoti Mishrahttps://www.blogger.com/profile/01794675170127168298noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-30617062342138265512011-12-07T18:47:29.673+05:302011-12-07T18:47:29.673+05:30इस पोस्ट में लिखी गई हर एक बात से सहमत हूँ। गूगल ...इस पोस्ट में लिखी गई हर एक बात से सहमत हूँ। गूगल न सिर्फ ज्ञान ही देता है बल्कि किसी शीर्षक से जुड़ी तस्वीरें भी बड़ी ही आसानी से उपलभ्ध करा देता है। आज गूगल के बिना लोग कुछ सोच भी नहीं पाते इसलिए उसके महत्व को नकारा भी नहीं जा सकता। सार्थक प्रस्तुति...Pallavi saxenahttps://www.blogger.com/profile/10807975062526815633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-62150326223370748752011-12-06T19:43:48.469+05:302011-12-06T19:43:48.469+05:30लाइब्रेरी में छै छै महीने खट कर निकाले गये रेफरेन्...लाइब्रेरी में छै छै महीने खट कर निकाले गये रेफरेन्सेस गूगल का एक दिन का काम है । क्या बच्चे क्या बूढे सबको गूगल का ही सहारा है इसको तो आप नकार नही सकते । ज्ञान नही इनफॉरमेशन का जमाना है आज तो ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-883168127504387962011-12-06T19:41:08.876+05:302011-12-06T19:41:08.876+05:30तर्क संगत खूबशूरत आलेख,
पोस्ट में आने के लिए आभारतर्क संगत खूबशूरत आलेख,<br />पोस्ट में आने के लिए आभारधीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-34374029391722076842011-12-06T15:59:44.628+05:302011-12-06T15:59:44.628+05:30गूगल खुद कुछ नही करता , उसका सीधा सा फंडा है इसकी ...गूगल खुद कुछ नही करता , उसका सीधा सा फंडा है इसकी टोपी उसके सर..<br />गूगल ने मानव वयवहार को ताड़ कर ये निति अपनाई है, लेकिन क्या करें, <br />जब बिना मेहनत के सब कुछ सैकिंडो में मिले तो कोण न कहेगा गूगल महाराज कोRajputhttps://www.blogger.com/profile/08136572133212539916noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-80308207647200190242011-12-06T08:59:47.803+05:302011-12-06T08:59:47.803+05:30अंत में सूक्ष्म सार पर रोशनी डाल दी, आप बहुत गहरी ...अंत में सूक्ष्म सार पर रोशनी डाल दी, आप बहुत गहरी सोच वाले बंदे हैं प्रवीण भाई। इसीलिए आप की टिप्पणियों के चुनिन्दा शब्दों से भी अर्थ ढूँढने को लालायित रहता हूँ मैं।www.navincchaturvedi.blogspot.comhttps://www.blogger.com/profile/07881796115131060758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-80231611427373917622011-12-05T19:33:08.105+05:302011-12-05T19:33:08.105+05:30गूगल के गणित और ज्ञान का अद्भुत समीकरण!!गूगल के गणित और ज्ञान का अद्भुत समीकरण!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-51226147331542954092011-12-05T17:21:43.427+05:302011-12-05T17:21:43.427+05:30आवश्यक नहीं जो गूगल बताये वही विश्वशनीय हो .आवश्यक नहीं जो गूगल बताये वही विश्वशनीय हो .गिरधारी खंकरियालhttps://www.blogger.com/profile/07381956923897436315noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-54284902298729112142011-12-05T16:11:34.922+05:302011-12-05T16:11:34.922+05:30शुक्रिया ज़नाब आपकी आवाजाही के लिए .इस पोस्ट के लि...शुक्रिया ज़नाब आपकी आवाजाही के लिए .इस पोस्ट के लिए जो बेहद प्रेरक और बच्चों को समर्पित है .बच्चों के लिए तो उत्प्रेरक है उनके विकास के लिए .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-15696226192627435582011-12-05T15:06:00.529+05:302011-12-05T15:06:00.529+05:30bahut hi accha lekh sir.....bahut hi accha lekh sir.....kanu.....https://www.blogger.com/profile/16556686104218337506noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-18471367552263985012011-12-05T12:20:02.580+05:302011-12-05T12:20:02.580+05:30तथ्य (डाटा) की गुलामी सिखाता है गूगल!तथ्य (डाटा) की गुलामी सिखाता है गूगल!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-62956702017211004972011-12-05T10:48:28.207+05:302011-12-05T10:48:28.207+05:30सम्बन्धों के सम्बन्ध में गूगल का गणित निर्बन्ध हो ...सम्बन्धों के सम्बन्ध में गूगल का गणित निर्बन्ध हो जाता है। <br />संबंधो के सम्बन्ध , भावनाओ की अभिव्यकि , अव्यक्त की व्यक्ति ये सभी गूगल की सीमा रेखाए है जिन्हें गूगल अतिक्रमित नहीं कर सकता इन पर हमारे अपनों का ही विचरण संभव है .................. <br />सम्पूर्णता के लिए ......परिपूर्ण ज्ञान के लिए दोनों में बैलेंस बनाये रखना आवश्यक है ............ <br />हमें ये भी याद रखना चाहिए की गूगल भी किसी मानवीय मस्तिषक की उपज है इसलिए गूगल से भी आगे गूगल का निर्माता मस्तिष्क है .........<br />मस्तिष्क की अवहेलना कर गूगल पर निर्भरता बढ़ने से ज्ञान तंतुओ का विकास रुक जाता है वे संकुचित हो जाते है ..ANURAG JAINhttps://www.blogger.com/profile/11926667563395154654noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-7374264429339134232011-12-05T07:50:51.053+05:302011-12-05T07:50:51.053+05:30गूगल ज्ञान नहीं सूचनायें देता है जी! :)गूगल ज्ञान नहीं सूचनायें देता है जी! :)अनूप शुक्लhttp://hindini.com/fursatiyanoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-3816893116634203252011-12-04T18:21:18.958+05:302011-12-04T18:21:18.958+05:30जय गूगल बाबा। गूगल गाथा रुचिकर रही।जय गूगल बाबा। गूगल गाथा रुचिकर रही।ePandithttps://www.blogger.com/profile/15264688244278112743noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-83608078360505336642011-12-04T18:02:45.103+05:302011-12-04T18:02:45.103+05:30अज्ञात के सामने ज्ञात की भला क्या बिसात?
बैसाखी क...अज्ञात के सामने ज्ञात की भला क्या बिसात? <br />बैसाखी को पाँव मान लेने भर से विश्वसनीयता तो नहीं बढ़ जाती।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-43883246064598480872011-12-04T17:33:13.542+05:302011-12-04T17:33:13.542+05:30सच कहा गूगल बाबा सब कुछ सही कह रहे अहिं ये भी नहीं...सच कहा गूगल बाबा सब कुछ सही कह रहे अहिं ये भी नहीं पता ... और निर्णय क्या लेना चाहिए ... ये तो वैसे भी विवेक की बात है ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-2302046334566442542011-12-04T17:32:18.564+05:302011-12-04T17:32:18.564+05:30बहुत पहले लिखा मेरा एक लेख "गूगल चाचा से एक भ...बहुत पहले लिखा मेरा एक लेख "गूगल चाचा से एक भेंटवार्ता "<br /> आज बस यूं ही मन के विमान पर सवार हो कर अंतरिक्ष की यात्रा कर रहा था,तभी रास्ते में एक अजीब से कद काठी के आदमी से मुलाकात हो गई, जो बहुत ठिगना पर बहुत बड़े सिर वाला था।मैनें पूछा कौन हो भाई,"वह बोला,लो कर लो बात ,मुझे नही जानते,मै हूं तुम्हारा गूगल चाचा। पिछले जन्म में मेरा नाम लाल बुझक्कड़ था।मैने कहा अच्छा बताओ कैसे हो चाचा। बस इतना मेरा कहना था कि लगे चाचा बुक्का फ़ाड़ कर रोने,मैनें उन्हें धीरज बंधाते हुए पूछा क्या बात है चाचा?गूगल चाचा बोले,”क्या बताऊं ,शुरू शुरू मे तो मुझे बच्चों को उनके सवाल के जवाब देनें मे बहुत आनंद आता था, पर अब क्या बच्चे, क्या बड़े, सब ऐसी बातें लिखकर पूछ डालते हैं कि मेरे पेट में गुड़गुड़ होने लगती है।<br /> आगे उन्होंने बताया कि लोग अपने दिमाग का सारा कचरा मेरे पेट मे डाल देते हैं,ना किसी को कोई शर्म है, ना कोई लिहाज़ कि चाचा से कैसे कैसे सवाल वे पूछ रहे हैं।’साबूदाना’के बनने की विधि से लेकर’बच्चा ना पैदा होने पाए’ तक की तरकीब मुझसे पूछ डालते हैं । अभी कल ही एक साहब मुझसे वियग्रा का कोई नया उपयोग पूछ रहे थे, मैने भी झल्ला कर बता दिया, तनिक सा लेकर चाय मे डाल देना बिसकुट गलेगा नही। कैसे कैसे चित्र मेरा पेट टटोल कर देखते हैं कि, मै अंदर ही अंदर शर्म के मारे कसमसाता रहता हूं पर क्या करूं,यही मेरी रोज़ी रोटी है पेट का सवाल है ,बेटा । मैने कहा चाचा पर आप तो बहुत पुण्य का काम भी कर रहे हैं,कितनो को बीमारियों की लेटेस्ट दवाओं के बारे मे जानकारी देकर,पढ़ने वाले बच्चों को उन्हे नई नई सूचनाएं एवं तकनीकी जानकारी देकर उनका काम आसान कर रहे है। रही बात लोगों के दिमाग के कचरे की, उसे हम नादानो की नादानी समझ कर माफ़ कर दीजियेगा। इस पर चाचा मूछों ही मूछों में मुसकुराते हुए आगे निकल गए धरती की पोस्टमैनी करने गूगल अर्थ का झोला लेकर।amit kumar srivastavahttps://www.blogger.com/profile/10782338665454125720noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-31219846740455327542011-12-04T16:58:17.368+05:302011-12-04T16:58:17.368+05:30गूगल ने सब कुछ आपके द्वारे ला पटका है इसका एक नुकस...गूगल ने सब कुछ आपके द्वारे ला पटका है इसका एक नुकसान भी हुआ है तमाम शोध प्रबंध बे मानी हो गए हैं .ढूँढने का चस्का भी सामिग्री का जाता रहा है पता है सब कुछ एक क्लिक की दूरी पर है .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-35333617455035240482011-12-04T15:33:17.436+05:302011-12-04T15:33:17.436+05:30आप का कहना अपनी जगह कुछ हद तक ठीक है,परन्तु आप गूग...आप का कहना अपनी जगह कुछ हद तक ठीक है,परन्तु आप गूगल के ज्ञान को नाकार नहीं सकते.....हर कोई आज गूगल पर डिपेण्ड कर रहा है अपनी हर चीज़ के लिए चाहे वो tangible ho ya intangible....नश्तरे एहसास .........https://www.blogger.com/profile/12413478447349797313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-74030658003109349942011-12-04T14:53:39.814+05:302011-12-04T14:53:39.814+05:30तथ्यात्मक ज्ञान मिलने के बाद उन पर निर्णय लेने की ...तथ्यात्मक ज्ञान मिलने के बाद उन पर निर्णय लेने की समझ गूगल नहीं सिखा सकता....<br />बहुत सटीक समीक्षा ... सहमत हूँ ... आभारसमयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-65165079809722847112011-12-04T12:02:32.162+05:302011-12-04T12:02:32.162+05:30हमारे देश में ज्ञान की एक मौखिक परम्परा भी रही है ...हमारे देश में ज्ञान की एक मौखिक परम्परा भी रही है .जो एक पीढ़ी दूसरी को थमाती रही है यह मौखिक संचार कभी भी चुकेगा नहीं अप्रासंगिक भी नहीं हो सकता ,दादा ,बना रहेगा आप जैसे लोग इसे जीवित रखेंगे जो विज्ञ हैं सचेत हैं जीवन और जगत के अपनी परम्परा और दर्शन औ संस्कृति के प्रति .!virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.com