tag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post873645852856197832..comments2024-03-17T19:33:00.050+05:30Comments on न दैन्यं न पलायनम्: आशा के शत दीप जलेप्रवीण पाण्डेयhttp://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comBlogger18125tag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-72419492043328271172021-09-03T07:11:20.554+05:302021-09-03T07:11:20.554+05:30जिनके ऊपर उत्तरदायित्व है वे भी पुण्य का भोग कर जी...जिनके ऊपर उत्तरदायित्व है वे भी पुण्य का भोग कर जीवन काट लेते हैं। आभार आपका मीनाजी।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-86523416182502790042021-09-03T07:09:55.266+05:302021-09-03T07:09:55.266+05:30आभार आपका श्वेताजी।आभार आपका श्वेताजी।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-41604618536316946522021-09-03T07:09:36.948+05:302021-09-03T07:09:36.948+05:30आभार आपका ज्योतिजी।आभार आपका ज्योतिजी।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-50613684537877190842021-09-03T07:09:12.962+05:302021-09-03T07:09:12.962+05:30आभार आपका अमृताजी।आभार आपका अमृताजी।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-3243267240675810092021-09-03T07:08:47.648+05:302021-09-03T07:08:47.648+05:30बहुत आभार आपका।बहुत आभार आपका।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-67623169395482626352021-09-03T07:08:30.561+05:302021-09-03T07:08:30.561+05:30आभार आपका।आभार आपका।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-6467945503525280322021-09-03T07:08:16.647+05:302021-09-03T07:08:16.647+05:30बहुत धन्यवाद आपका। आपके लिंक पर स्थान पाना सम्मान ...बहुत धन्यवाद आपका। आपके लिंक पर स्थान पाना सम्मान का विषय है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-45935393194823644052021-09-03T07:07:21.758+05:302021-09-03T07:07:21.758+05:30कैसा भी समय हो आशायें दूसरे छोर पर खड़ी मिलती हैं।...कैसा भी समय हो आशायें दूसरे छोर पर खड़ी मिलती हैं। आभार आपका।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-75520240572327506272021-09-03T07:06:31.683+05:302021-09-03T07:06:31.683+05:30बहुत आभार आपका धीरू भाई।बहुत आभार आपका धीरू भाई।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-87542459714547391282021-08-29T22:23:38.543+05:302021-08-29T22:23:38.543+05:30स्वार्थलोलुपता से भरे इस जग में अभी भी आशा की किरण...स्वार्थलोलुपता से भरे इस जग में अभी भी आशा की किरणें फैलानेवाले लोग हैं जो चाहते हैं कि देश बचे, देश बढ़े। परंतु अधिकतर तो भेड़ की खाल में छिपे भेड़िए ही हैं जिनकी करतूतों को यह रचना उजागर भी करती है और अंत में सार्थक संदेश देती हुईं सुंदर पंक्तियाँ -<br /><br />ये तेरे है, तुम इनके हो, इनमें तुममें कोई भेद नहीं,<br />बस राह मिलेगी अन्तहीन, हो गया किन्तु विच्छेद कहीं ।Meena sharmahttps://www.blogger.com/profile/17396639959790801461noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-2013902495646404632021-08-29T17:16:12.018+05:302021-08-29T17:16:12.018+05:30अत्यंत सकारात्मकता से परिपूर्ण आह्वान।
बेहद सुंदर ...अत्यंत सकारात्मकता से परिपूर्ण आह्वान।<br />बेहद सुंदर अभिव्यक्ति सर।<br />प्रणाम<br />सादर।Sweta sinhahttps://www.blogger.com/profile/09732048097450477108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-35595277147846476892021-08-29T16:25:31.234+05:302021-08-29T16:25:31.234+05:30सब यही चाहते देश बढ़े, उन्नति के विकसित पंथ चले,
य...सब यही चाहते देश बढ़े, उन्नति के विकसित पंथ चले,<br /><br />यदि निशा पसारे तम अपार, तब आशा के शत दीप जले।<br />बहुत सुंदर अभिव्यक्ति,प्रवीण भाई।Jyoti Dehliwalhttps://www.blogger.com/profile/07529225013258741331noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-82151192495401127162021-08-29T15:06:51.027+05:302021-08-29T15:06:51.027+05:30अब सच में आमूल क्रांति की आवश्यकता है । अति सुन्दर...अब सच में आमूल क्रांति की आवश्यकता है । अति सुन्दर कृति ।Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-79364449630636838992021-08-29T14:16:13.299+05:302021-08-29T14:16:13.299+05:30यथार्थ का चित्रण करती चिंतनपूर्ण उत्कृष्ट रचना ।यथार्थ का चित्रण करती चिंतनपूर्ण उत्कृष्ट रचना ।जिज्ञासा सिंह https://www.blogger.com/profile/06905951423948544597noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-49912949543431737642021-08-28T22:57:00.491+05:302021-08-28T22:57:00.491+05:30वाह बेहतरीन सृजन चिंतन दर्शन से ओतप्रोतवाह बेहतरीन सृजन चिंतन दर्शन से ओतप्रोतBharti Dashttps://www.blogger.com/profile/04896714022745650542noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-51844366875674244142021-08-28T16:17:08.693+05:302021-08-28T16:17:08.693+05:30आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द&q...<i><b> आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" रविवार 29 अगस्त 2021 को साझा की गयी है..............<a href="http://halchalwith5links.blogspot.com/" rel="nofollow"> पाँच लिंकों का आनन्द पर </a>आप भी आइएगा....धन्यवाद! </b></i>Digvijay Agrawalhttps://www.blogger.com/profile/10911284389886524103noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-56644746928212678592021-08-28T09:30:45.298+05:302021-08-28T09:30:45.298+05:30कितने सारे विचारों को प्रस्तुत किया है आपने ,किंत...कितने सारे विचारों को प्रस्तुत किया है आपने ,किंतु सार यही है ,कितना ही घनघोर अँधेरा हो सुबह का सूरज नियत समय पर उग आता है | सार्थक कविता !!Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-64589109401133755042021-08-28T07:54:15.197+05:302021-08-28T07:54:15.197+05:30शुद्ध हिंदी कविता 🙏
जिनके पेडों पर रुपया है वही ...शुद्ध हिंदी कविता 🙏<br /><br />जिनके पेडों पर रुपया है वही आज वनमाली है । सत्य यही है dhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह }https://www.blogger.com/profile/06395171177281547201noreply@blogger.com