tag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post8685281431389490364..comments2024-03-17T19:33:00.050+05:30Comments on न दैन्यं न पलायनम्: कान्हा मुरली मधुर बजायेप्रवीण पाण्डेयhttp://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comBlogger92125tag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-71829578082571943052019-03-20T19:15:50.991+05:302019-03-20T19:15:50.991+05:30very nice article you write this article in the me...very nice article you write this article in the meaningful way thanks for sharing this.<br /><a href="https://www.onlymyhealth.info/2019/03/anar-ke-fayde.html/" rel="nofollow">plz visit my website</a>Ujjwal Vaishhttps://www.blogger.com/profile/04981365875617241793noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-5566193743697797852011-05-18T11:22:24.723+05:302011-05-18T11:22:24.723+05:30सुरेश दुबेजी की ईमेल से प्राप्त टिप्पणी
बचपन की ...सुरेश दुबेजी की ईमेल से प्राप्त टिप्पणी<br /><br /><br />बचपन की यादें आपने ताजा कर दिया। बात उन दिनों की है जब गाॅंव के कुछ बाॅंसुरी वादकों को सुनकर मेरा भी बाल मन डोल उठा। उस समय मैं छठवीं कक्षा का छात्र था। माॅं ने प्रयाग में माघ मेला देखने के लिए दो रूप्ये दिये कि जलेबी वगैरह खा लेना। परन्तु धुन तो बासुरी खरीदने की लगी थी। मेले में जाते ही एक बासुरी बजाता विक्रेता घूमता हुआ दिखायी दिया। लपक कर उसके पास पहॅुचा और उससे एक अच्छी सी बासुरी देने का अनुरोध किया। उसने कहा खुद ही बजाकर देख लो। मैंने कहा भइया हम अभी नौसिखिया हैं। वह समझ गया और एक मीडियम बासुरी दिया। उस समय उसकी कीमत 50 पैसे थी। <br /> इसके बाद ही घर के बडों के साथ गंगा में डुबकी लगायी । मन तो लगा था कि गाॅंव के बाहर बावन बीघे के विशाल आम्रवन में बासुरी सीखने की । छोटा था, इसीलिए किसी ने लिफ्ट नहीं मारी। घर वाले उस समय बासुरी बजाना लोफरगीरी समझते थे। अतः गाय -भैंस चराने के बहाने बाग में जाकर घर वालों की निगाह बचाकर बासुरी का एकलव्य अभ्यास शुरू किया। माॅं शारदा की ऐसी कृपा हुई कि कुछ ही समय में गाॅंव के सर्वश्रेष्ठ बासुरी वादकों के बीच मैं चर्चा का विषय बन गया। फिर तो मैं अन्धों में काना राजा बन बैठा। <br /> सावन के महीने में एक दिन मैं आम के पेंड़ पर बैठकर बासुरी बजा रहा था। कुछ ही समय बीते थे कि कई मयूर (मोर) आये और शान्त और निर्भय होकर कदाचित मेरी बासुरी की आवाज सुनते रहे। तभी एक अनुज साथी वहाॅं आकर जोर से चिल्लाया भईया ! देखो कितने मोर आ गये हैं। और पकड़ने को दौड़ा। अंततः सभी उड़ गये।<br /> कुछ दिन बाद बाग के बीच बने सरोवर के किनारे बैठ कर जैसे ही बासुरी बजायी, अनेकों मोर बोलने लगे। तब लगा की बासुरी की आवाज मयूरों का अच्छी अथवा अजीब लगती होगी। <br /> तब से लेकर 10वीं कक्षा तक बासुरी के सन्दर्भ मेरे साथ अनेक दिलचस्प घटनाएं घटती रहीं। एक दिन मैं नौकरी के समय छोटी सी कालोनी के मकान <br /><br />में रात्रि लगभग 8 बजे बासुरी का अभ्यास कर रहा था। लगभग आधे घण्टे के बाद पड़ोस में आये मेहमान ने अचानक दरवाजा खटखटाया और कहाॅं भाई साब जरा बाहर आइये। मैं अपनी साधना में हुए विघ्न से बौखलाते हुए दरवाजा खोला और देखा कि कालोनी में पली अनेक गायें मेरे दरवाजे की सामने खड़ी हैं। सहसा विश्वास नही हुआ। परन्तु यथार्थ यही था। <br /> कहने का तात्पर्य यह है कि हम जैसे नौसिखिये बासुरी वादक के साथ ऐसी घटनाएं हो सकती हैं। तो कान्हा की मुरली की धुन कैसी रही होगी , थोड़ा-थोड़ा अनुमान सहजता से लगाया जा सकता है। जहाॅं तक उनकी मुरली और आध्यात्मिकता का सम्बन्ध है वह तो छोटी मुॅंह और बड़ी बात होगी । और इसे समझना और अनुभूति करना पहॅुचे साधू-सन्तों के वश की बात है। परन्तु हम सहज बुद्धि के लोग भी बासुरी की स्वरलहरी सुनने के बाद इसके सम्मोहन से बच नही सकते। और यदि बासुरी सम्राट पण्डितजी बजा रहे हों तो क्या बात। खेद है कि उनको मैं लाइव नही सुन सका। और न ही कोई गुरू मुझे मिल पाये। बस यूॅं ही पिपिहिरी की तरह स्वान्तः सुखाय बंशी बजाता रहता हॅू और आत्मिक शान्ति एवं चैन की वंशी का सुखद अनुभव करता रहता हूॅं।<br />कभी मौका मिला तो आपको भी इसका अनुभव कराउॅंगा। <br /> आपका<br /> सुरेश दुबे, झाॅंसी।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-9991937965611210092011-04-30T23:33:41.423+05:302011-04-30T23:33:41.423+05:30@ चला बिहारी ब्लॉगर बनने
बहुत धन्यवाद आपका।
@ संत...@ चला बिहारी ब्लॉगर बनने<br />बहुत धन्यवाद आपका।<br /><br />@ संतोष पाण्डेय<br />विद्या ददाति विनयम्।<br /><br />@ संतोष त्रिवेदी<br />मुरली में हृदय को छू लेने वाले गुण हैं।<br /><br />@ विष्णु बैरागी<br />सच कहा आपने कि वर्णन नहीं किया जा सकता है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-59859399366691408392011-04-30T23:33:21.938+05:302011-04-30T23:33:21.938+05:30@ mahendra srivastava
बहुत सुखद अनुभव रहा है।
@ ए...@ mahendra srivastava<br />बहुत सुखद अनुभव रहा है।<br /><br />@ एम सिंह<br />बहुत धन्यवाद आपका।<br /><br />@ Poorviya<br />बहुत धन्यवाद आपका।<br /><br />@ RAJEEV KUMAR KULSHRESTHA<br />डिवशेयर नामक सॉफ्टवेयर से आप लोड कर सकते हैं।<br /><br />@ महफूज़ अली<br />आपकी उपस्थिति लगी है, अभी आप ट्रेन पकड़ लीजिये, बाद में बाते होंगी।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-64171285006574530192011-04-30T23:33:00.897+05:302011-04-30T23:33:00.897+05:30@ JHAROKHA
कान्हा की मुरली में सबको आकर्षित कर लेन...@ JHAROKHA<br />कान्हा की मुरली में सबको आकर्षित कर लेने का गुण था।<br /><br />@ रंजना<br />बहुत धन्यवाद आपका।<br /><br />@ honesty project democracy<br />शोर सुनने से कहीं अच्छा है कि मुरली की मधुर धुन में समय बिताया जाये।<br /><br />@ अमरेन्द्र नाथ त्रिपाठी<br />बहुत धन्यवाद आपका।<br /><br />@ Coral<br />आप वातावरण में खोने लगते हैं।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-78341624649377423902011-04-30T23:32:42.481+05:302011-04-30T23:32:42.481+05:30@ ज्योति सिंह
सच में सौभाग्य ही कहा जायेगा।
@ Mrs...@ ज्योति सिंह<br />सच में सौभाग्य ही कहा जायेगा।<br /><br />@ Mrs. Asha Joglekar<br />बहुत धन्यवाद आपका। जैसा अनुभव किया, वैसा ही व्यक्त कर दिया।<br /><br />@ नीरज जाट जी<br />सच कहा आपने।<br /><br />@ निशांत मिश्र - Nishant Mishra<br />संगीत के इतना निकट रहना सच में परम भाग्य का विषय है।<br /><br />@ G.N.SHAW<br />बहुत धन्यवाद आपका।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-18610307778481165332011-04-30T23:32:24.157+05:302011-04-30T23:32:24.157+05:30@ ajit gupta
प्रकृति तत्वों का राग समाहित है मुरली...@ ajit gupta<br />प्रकृति तत्वों का राग समाहित है मुरली में।<br /><br />@ हरकीरत ' हीर'<br />संगीत मन को सुखद अनुभूति देता है, गाना भी बहुत सुहाता है।<br /><br />@ अतुल प्रकाश त्रिवेदी<br />आभार आपका।<br /><br />@ Dr (Miss) Sharad Singh<br />बहुत धन्यवाद आपका।<br /><br />@ दिगम्बर नासवा<br />गोपियों का खिंचे चले जाना, मुरलीधारी की मुरली के आकर्षण के कारण ही होगा।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-51611355016127592472011-04-30T23:32:01.458+05:302011-04-30T23:32:01.458+05:30@ Abhishek Ojha
जब भी अवसर मिले तो अवश्य सुनियेगा।...@ Abhishek Ojha<br />जब भी अवसर मिले तो अवश्य सुनियेगा।<br /><br />@ Khushdeep Sehgal<br />यह जुगलबंदी अद्भुत लगी। <br /><br />@ M VERMA<br />सच कहा आपने।<br /><br />@ अमित श्रीवास्तव<br />हृदय की धड़कनों को अनुनादित कर जाती है मुरली।<br /><br />@ pallavi trivedi<br />सच कहा, अलग ही अनुभव है यह।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-44813162715917713142011-04-30T23:31:44.340+05:302011-04-30T23:31:44.340+05:30@ देवेन्द्र
इस प्रस्तुति की स्मृति सदा ही मेरे पास...@ देवेन्द्र<br />इस प्रस्तुति की स्मृति सदा ही मेरे पास रहेगी।<br /><br />@ डॉ॰ मोनिका शर्मा<br />देश की संस्कृति के संगीत पक्ष के सशक्त हस्ताक्षर हैं।<br /><br />@ mahendra verma<br />संगीत का प्रभाव समझ में आने लगता है, मुरली की तानों में।<br /><br />@ देवेन्द्र पाण्डेय<br />बहुत धन्यवाद आपका।<br /><br />@ Gopal Mishra<br />बहुत धन्यवाद आपका।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-2395515509155718782011-04-30T23:31:22.459+05:302011-04-30T23:31:22.459+05:30@ ज़ाकिर अली ‘रजनीश’
सीखने का मेरा प्रयास भी असफल ...@ ज़ाकिर अली ‘रजनीश’<br />सीखने का मेरा प्रयास भी असफल ही रहा था।<br /><br />@ Patali-The-Village<br />सच कहा आपने, ऐसा ही अनुभव होता है।<br /><br />@ mahendra verma<br />आपको आहत किया है तो क्षमाप्रार्थी हूँ, भगवान करे कि वे सौ वर्षों से भी अधिक जियें पर वृद्ध सूर्य की लालिमा में भक्ति और प्रेम दोनों ही झलकता है।<br /><br />@ संजय भास्कर<br />सच कहा आपने।<br /><br />@ राज भाटिय़ा<br />अलौकिक अनुभव है वह।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-77141696441292444052011-04-30T23:31:03.979+05:302011-04-30T23:31:03.979+05:30@ संगीता स्वरुप ( गीत )
सच कहा आपने, मन प्रसन्न हो...@ संगीता स्वरुप ( गीत )<br />सच कहा आपने, मन प्रसन्न हो गया था।<br /><br />@ मीनाक्षी<br />शरीर तो अपनी हलचल भूल जाता है।<br /><br />@ गिरधारी खंकरियाल<br />कई प्रतिभायें हैं जो संगीत साधना में निरत हैं।<br /><br />@ G Vishwanath<br />इस पोस्ट का कुछ भाग सभागार से बाहर आते ही लिख लिया था। सेष स्मृति की ध्यानस्थ अवस्था में लिखा। आपकी बांसुरी की कुछ फाइलें हैं मेरे पास, सुनकर बहुत अच्छा लगा था। प्रवीण गोदखिण्डी का संगीत सुना है, बहुत प्रभावित किया है उसने भी। मुरलीधर की मुरली का आकर्षण अप्रतिम है।<br />आपको शीघ्र ही पूर्ण स्वास्थ्य लाभ हो।<br /><br />@ Navin C. Chaturvedi<br />कृष्ण का आकर्षण गूँज रहा था सभागार में उस दिन।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-65255027270539097922011-04-30T23:30:46.355+05:302011-04-30T23:30:46.355+05:30@ वन्दना
बहुत धन्यवाद आपका, इस सम्मान के लिये।
@ ...@ वन्दना<br />बहुत धन्यवाद आपका, इस सम्मान के लिये।<br /><br />@ सदा<br />बहुत धन्यवाद आपका।<br /><br />@ Dr. shyam gupta<br />असीमित, अपरिमित सौन्दर्य के प्रारम्भ क्षेत्र में पहुँचा देता है यह संगीत।<br /><br />@ Avinash Chandra<br />हमसे तो सुर कभी निकले नहीं पर सुनना सदा ही अच्छा लगता है।<br /><br />@ अरुण चन्द्र रॉय<br />वे स्मृतियों मधुर होंगी।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-47815982897466335352011-04-30T23:30:11.389+05:302011-04-30T23:30:11.389+05:30@ Mukesh Kumar Sinha
बहुत धन्यवाद आपका।
@ निर्मला...@ Mukesh Kumar Sinha<br />बहुत धन्यवाद आपका।<br /><br />@ निर्मला कपिला<br />भक्ति और प्रेम के सुरों को सरलता से व्यक्त करती है मुरली। <br /><br />@ cmpershad<br />वही दिव्य शान्ति मिली वहाँ पर जाकर।<br /><br />@ सुशील बाकलीवाल<br />बहुत धन्यवाद आपका।<br /><br />@ shikha varshney<br />सच कहा आपने, वही अनुभव करना अच्छा लगता है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-29510896200200345402011-04-30T23:29:48.971+05:302011-04-30T23:29:48.971+05:30@ रश्मि प्रभा...
कृष्ण का मुरली-आकर्षण तो चौरसिया ...@ रश्मि प्रभा...<br />कृष्ण का मुरली-आकर्षण तो चौरसिया जी ही समझा सकते हैं।<br /><br />@ नरेश सिह राठौड़<br />हाँ हमने भी देखी है।<br /><br />@ ashish<br />बहुत धन्यवाद आपका।<br /><br />@ Shilpa<br />वही माधुर्य मुरली से टपकता है।<br /><br />@ ***Punam***<br />हरि का उपहार ही है, तभी रमकर बजाते हैं।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-34271206691885302032011-04-30T23:29:15.903+05:302011-04-30T23:29:15.903+05:30@ Sunil Kumar
यही आनन्द है उन्हे सुनने का।
@ मनोज...@ Sunil Kumar<br />यही आनन्द है उन्हे सुनने का।<br /><br />@ मनोज कुमार<br />सच कहा आपने।<br /><br />@ Arvind Mishra<br />रिकॉर्डिंग की अनुमति न थी, नहीं तो लगा देते।<br /><br />@ Rahul Singh<br />बहुत धन्यवाद आपका।<br /><br />@ दीपक बाबा<br />मुरलीधारी का यही आकर्षण है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-72059264494297447082011-04-30T23:28:51.203+05:302011-04-30T23:28:51.203+05:30@ Apanatva
बांसुरी के स्वर लहरियों को शब्दों की आव...@ Apanatva<br />बांसुरी के स्वर लहरियों को शब्दों की आवश्यकता ही नहीं।<br /><br />@ वाणी गीत<br />यह गीत तो बहुत अच्छा लगता है।<br /><br />@ भारतीय नागरिक - Indian Citizen<br />भारतीय शास्त्रीय संगीत में अध्यात्म झलकता है।<br /><br />@ संजय @ मो सम कौन ?<br />शान्ति से बैठकर सुने, अलौकिक है।<br /><br />@ ललित शर्मा<br />सच कहा आपने, यही अनुभूति होती है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-35246833251573504652011-04-30T23:28:24.076+05:302011-04-30T23:28:24.076+05:30@ Udan Tashtari
उन्हे सुनना अपने आप में एक अनुभव थ...@ Udan Tashtari<br />उन्हे सुनना अपने आप में एक अनुभव था।<br /><br />@ रचना दीक्षित<br />जब अनुनाद हृदय से होता है तो सच में परमात्मा से निकटता का अनुभव होता है।<br /><br />@ सतीश सक्सेना<br />आनन्द-निमग्ना होकर ही रसानुभूति होती है।<br /><br />@ anupama's sukrity !<br />ऐसा ही कुछ अनुभव हुआ हमें।<br /><br />@ Rakesh Kumar<br />आलौकिक अनुभूति देती है बांसुरी की तान।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-88984533209911600362011-04-30T09:29:22.629+05:302011-04-30T09:29:22.629+05:30भाग्यशाली हैं वे जिन्हानें सामने बैठकर चौरसियाजी...भाग्यशाली हैं वे जिन्हानें सामने बैठकर चौरसियाजी को सुना। एक किंवदन्ती को प्रस्तुति देते हुए देखना-सुनना वर्णनातीत है।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-2613916643254424422011-04-30T07:57:15.595+05:302011-04-30T07:57:15.595+05:30शास्त्रीय-संगीत की समझ ज़्यादा न होने के बावजूद बां...शास्त्रीय-संगीत की समझ ज़्यादा न होने के बावजूद बांसुरी-वादन मन को मुग्ध कर देता है,चौरसिया जी जैसे लोगों को सुनना बेहद दुर्लभ है !<br />सच्चा संगीत वही है जो दिल का दर्द फुर्र कर दे !संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-24182845251895686432011-04-30T01:54:22.301+05:302011-04-30T01:54:22.301+05:30इसमें दो राय नहीं कि हरिजी का बांसुरी वादन अद्भुत ...इसमें दो राय नहीं कि हरिजी का बांसुरी वादन अद्भुत है.यह उनकी साधना का कमाल ही है कि इस उम्र में भी वे घंटों बांसुरी बजा लेते है. पंडितजी से कई बार मुलाकात का मौका मिला है.वे एक बेहद अच्छे इन्सान भी हैं, आपने उनके बांसुरी वादन का सारगर्भित वर्णन किया है. बधाई.संतोष पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/06184746764857353641noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-34310032278731175872011-04-30T01:08:46.799+05:302011-04-30T01:08:46.799+05:30एक स्वर्गिक आनंद!!!एक स्वर्गिक आनंद!!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-82832088924259981472011-04-29T22:41:19.430+05:302011-04-29T22:41:19.430+05:30फिलहाल तो मेरी अटेंडेंस लगा लीजिये... अभी जा रहा ह...फिलहाल तो मेरी अटेंडेंस लगा लीजिये... अभी जा रहा हूँ ट्रेन पकड़ने........ लौट कर मिलता हूँ.... आपको पढना बहुत अच्छा लगता है बस कुछ बिज़िनेस है.... इसीलिए आ नहीं पा रहा हूँ.... होप यू विल अंडरस्टैंड ............डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali)https://www.blogger.com/profile/13152343302016007973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-40385982181440453372011-04-29T22:41:09.306+05:302011-04-29T22:41:09.306+05:30फिलहाल तो मेरी अटेंडेंस लगा लीजिये... अभी जा रहा ह...फिलहाल तो मेरी अटेंडेंस लगा लीजिये... अभी जा रहा हूँ ट्रेन पकड़ने........ लौट कर मिलता हूँ.... आपको पढना बहुत अच्छा लगता है बस कुछ बिज़िनेस है.... इसीलिए आ नहीं पा रहा हूँ.... होप यू विल अंडरस्टैंड ............डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali)https://www.blogger.com/profile/13152343302016007973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-21021603688375764852011-04-29T19:38:48.036+05:302011-04-29T19:38:48.036+05:30प्रवीण जी मेरे पास एक नोकिया ३११० में रिकार्डर में...प्रवीण जी मेरे पास एक नोकिया ३११० में रिकार्डर में<br />रिकार्ड की गयी amr file है । मैं इसको amr प्लेयर<br />से mp3 और wav में कन्वर्ट भी कर चुका हूँ । अब<br />कृपया इसे ब्लाग में पोस्ट करने का तरीका बतायें ।<br />मेरा ई मेल - धन्यवाद ।<br />golu224@yahoo.comसहज समाधि आश्रमhttps://www.blogger.com/profile/12983359980587248264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-76981477364465843022011-04-29T16:28:19.081+05:302011-04-29T16:28:19.081+05:30कृष्ण का आकर्षण समझने के लिये आपको उनके आकर्षण की ...कृष्ण का आकर्षण समझने के लिये आपको उनके आकर्षण की भाषा समझनी होगी.....<br /><br />jai baba banaras.........Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/07499570337873604719noreply@blogger.com