tag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post8611372633655467525..comments2024-03-17T19:33:00.050+05:30Comments on न दैन्यं न पलायनम्: मधुरं मधुरं, स्मृति मधुरंप्रवीण पाण्डेयhttp://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comBlogger71125tag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-32725678298193932632011-11-05T09:09:09.284+05:302011-11-05T09:09:09.284+05:30Which came first? chicken or the eggWhich came first? chicken or the eggAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-58234145777402504792011-10-13T01:08:37.313+05:302011-10-13T01:08:37.313+05:30लगता है, आप टोह ले रहे हैं - अपने 'गोपन' क...लगता है, आप टोह ले रहे हैं - अपने 'गोपन' को 'ओपन' किया जाय या नहीं। बिन्दास हो कर कह दीजिए सब कुछ। प्रत्येक वैवाहिक जीवन का विशाल सुदृढ प्रासाद, ऐसी अव्यक्त कथाओं की नींव पर ही आकार लेता है।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-88159226310187822782011-10-12T19:07:56.219+05:302011-10-12T19:07:56.219+05:30प्रेम तो उदारता में और पल्लवित होता है।
बहुत सुन्द...प्रेम तो उदारता में और पल्लवित होता है।<br />बहुत सुन्दरनीलिमा सुखीजा अरोड़ाhttps://www.blogger.com/profile/14754898614595529685noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-35131749444224717262011-10-11T21:50:46.069+05:302011-10-11T21:50:46.069+05:30यादों की यही विशिष्टता है कि घटनायें अच्छी अथवा बु...यादों की यही विशिष्टता है कि घटनायें अच्छी अथवा बुरी कैसी भी हों ,परन्तु यादें बन जाने पर वही स्थितियां मीठी लगने लगती हैं .....<br />वैसे आपने देवेन्द्र जी के कन्धे पर रख कर बन्दूक अच्छी चलायी :)))निवेदिता श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/17624652603897289696noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-37775338010727904122011-10-08T19:29:42.396+05:302011-10-08T19:29:42.396+05:30मैं भी पत्नी को पढ़वा कर देखता हूँ देवेन्द्र जी का...मैं भी पत्नी को पढ़वा कर देखता हूँ देवेन्द्र जी का आलेख.... :)<br /><br />वैसे निचोड़ तो मिल ही गया है:<br /><br />प्रेम तो उदारता में और पल्लवित होता है।Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-87089330825048089762011-10-07T22:29:55.600+05:302011-10-07T22:29:55.600+05:30इतने सजग पहरे के बीच बहुत पति अपने उद्गारों को मन ...इतने सजग पहरे के बीच बहुत पति अपने उद्गारों को मन में ही दबाये रहते हैं और यदि कभी भूलवश वह उद्गार निकल जायें तो संशयात्मक प्रश्नों की बौछार झेलते रहते हैं। अब जब इतना सुरक्षात्मक वातावरण हो तो भारतीय विवाह क्यों न स्थायी रहेंगे। भारतीय पति भी सुरक्षित हैं, उनकी चंचलता भी और भारत का भविष्य भी। <br />पाण्डेय जी सार्थक आलेख सुन्दर सन्देश आप का ...जय श्री राम <br />भ्रमर ५SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR5https://www.blogger.com/profile/11163697127232399998noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-7793922384958469312011-10-07T21:34:14.011+05:302011-10-07T21:34:14.011+05:30प्रवीण जी, धन्यवाद कि आपके सोंधे छौंक वाला लेखन वह...प्रवीण जी, धन्यवाद कि आपके सोंधे छौंक वाला लेखन वह मनोरम अभिव्यक्ति पढ़ने को प्रेरित कर गया .प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-17470143302206773652011-10-07T20:30:24.485+05:302011-10-07T20:30:24.485+05:30बहुत खूबसूरत विचार और व्यक्त करने का वही खूबसूरत अ...बहुत खूबसूरत विचार और व्यक्त करने का वही खूबसूरत अंदाज़ :) आपका लेख पढकर हमें भी लगा की हम भी गलत नहीं थे |<br />बहुत सुन्दर पोस्ट दोस्त |Minakshi Panthttps://www.blogger.com/profile/07088702730002373736noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-23608136820039150432011-10-07T19:32:25.013+05:302011-10-07T19:32:25.013+05:30उर्मिला सिंह की प्राप्त टिप्पणी..
मधुरं,मधुरं----...उर्मिला सिंह की प्राप्त टिप्पणी..<br /><br />मधुरं,मधुरं----सटीक लेख,क्यों नहीं,स्मृतियों की गुलाबी पंखुडियां,सूंघते रहना चाहिए,जीने की अभीप्सा बनी रहती है,अधिकार दौनों को है.<br /><br />प्रयोग की वस्तु----आपने सही कहा,काशः हम न्याय कर पाते.प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-87643665171853770012011-10-07T18:45:15.981+05:302011-10-07T18:45:15.981+05:30@@प्रेम तो उदारता में और पल्लवित होता है।
सहमत है...@@प्रेम तो उदारता में और पल्लवित होता है।<br /><br />सहमत है... १००%दीपक बाबाhttps://www.blogger.com/profile/14225710037311600528noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-1684809147386953512011-10-07T17:33:18.880+05:302011-10-07T17:33:18.880+05:30बहुत ही सुंदर और विचारणीय पोस्ट |बहुत ही सुंदर और विचारणीय पोस्ट |जयकृष्ण राय तुषारhttps://www.blogger.com/profile/09427474313259230433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-82597364261189488692011-10-07T17:33:18.245+05:302011-10-07T17:33:18.245+05:30बहुत ही सुंदर और विचारणीय पोस्ट |बहुत ही सुंदर और विचारणीय पोस्ट |जयकृष्ण राय तुषारhttps://www.blogger.com/profile/09427474313259230433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-33761457582163052242011-10-07T11:05:16.821+05:302011-10-07T11:05:16.821+05:30वो पल जो ज़िन्दगी का नखलिस्तान होतें हैं ,ओएसिस हो...वो पल जो ज़िन्दगी का नखलिस्तान होतें हैं ,ओएसिस होतें हैं ,कभी जाते ही नहीं है .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-27830041817222166562011-10-07T09:56:24.022+05:302011-10-07T09:56:24.022+05:30स्मृति बहुत सुन्दर... ऐसी ही सुन्दर यादों के सहारे...स्मृति बहुत सुन्दर... ऐसी ही सुन्दर यादों के सहारे जिंदगी कटती हैMurari Pareekhttps://www.blogger.com/profile/16625386303622227470noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-49868791357035812552011-10-07T07:01:40.382+05:302011-10-07T07:01:40.382+05:30पुरानी बाते और घटानाएं जीवन भर याद रहती हैं।
विजय...पुरानी बाते और घटानाएं जीवन भर याद रहती हैं।<br /><br />विजयादशमी पर्व की हार्दिक शुभकामनाएंब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-74886762483732247902011-10-07T06:05:44.577+05:302011-10-07T06:05:44.577+05:30सुंन्दर जानकारी...
एक ब्लोगर का सम्मान
http://vija...सुंन्दर जानकारी...<br />एक ब्लोगर का सम्मान<br />http://vijaypalkurdiya.blogspot.com/2011/10/blog-post.htmlVIJAY PAL KURDIYAhttps://www.blogger.com/profile/17787959354209775603noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-71932126498932313462011-10-07T00:38:39.505+05:302011-10-07T00:38:39.505+05:30haha, bahut he pyaari saaree!!haha, bahut he pyaari saaree!!SEPOhttps://www.blogger.com/profile/18165767356704947895noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-52275027740743200002011-10-06T23:03:52.909+05:302011-10-06T23:03:52.909+05:30स्मृतियाँ निकलती कब हैं ह्रदय की अतल गहराइयों से.....स्मृतियाँ निकलती कब हैं ह्रदय की अतल गहराइयों से...चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-18718208418690612782011-10-06T21:55:17.755+05:302011-10-06T21:55:17.755+05:30देवेन्द्र दत्त जी और आप दोनों संवेदनशील इंसान हैं ...देवेन्द्र दत्त जी और आप दोनों संवेदनशील इंसान हैं आप दोनों ब्लोगिंग को अपनी वैचारिक मंथन से नित शुद्ध कर रहें हैं ये देखकर मन को एक शांति मिलती है....आपने इस पोस्ट में जिन विषयों को उठाया है उसके बारे में मैं तो इतना ही कहूँगा की मन तो हमेशा हिलोरे मारता रहता है और हम आप जैसे इंसान उस हिलोरें में से कुछ अच्छाई को सहेज कर बाकीं को किनारे लगने के लिए छोर देते हैं और ये प्रक्रिया रोज होती है.....honesty project democracyhttps://www.blogger.com/profile/02935419766380607042noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-80259001878185366002011-10-06T20:45:20.085+05:302011-10-06T20:45:20.085+05:30गहरे भाव और अभिव्यक्ति के साथ ज़बरदस्त प्रस्तुति!
व...गहरे भाव और अभिव्यक्ति के साथ ज़बरदस्त प्रस्तुति!<br />विजयादशमी पर आपको सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएं।Dr Varsha Singhhttps://www.blogger.com/profile/02967891150285828074noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-25870252832660851402011-10-06T20:25:48.341+05:302011-10-06T20:25:48.341+05:30a cute n sweet read...smiles !!a cute n sweet read...smiles !!Jyoti Mishrahttps://www.blogger.com/profile/01794675170127168298noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-59463026054973058392011-10-06T19:46:15.936+05:302011-10-06T19:46:15.936+05:30आपकी पोस्ट आज के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है
कृ...आपकी पोस्ट आज के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है<br />कृपया पधारें<br /><a href="http://charchamanch.blogspot.com/2011/10/659.html" rel="nofollow">चर्चा मंच 659,चर्चाकार-दिलबाग विर्क </a>दिलबागसिंह विर्कhttps://www.blogger.com/profile/11756513024249884803noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-9524975087910169842011-10-06T18:33:13.448+05:302011-10-06T18:33:13.448+05:30कोमल अहसासों का पिटारा । कभी मुस्कान ला दे तो कभी ...कोमल अहसासों का पिटारा । कभी मुस्कान ला दे तो कभी हंगामा बरपवा दे ।<br />दशहरे की हार्दिक शुभकामनाएँ...Sushil Bakliwalhttps://www.blogger.com/profile/08655314038738415438noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-46707232460407357842011-10-06T14:38:54.463+05:302011-10-06T14:38:54.463+05:30बंधू !विवाह एक कमिटमेंट है .मिट जाना है .स्मृतियों...बंधू !विवाह एक कमिटमेंट है .मिट जाना है .स्मृतियों को बुहारना ही अच्छा है .इस संस्था में सब कुछ परम्परा बद्ध है .मुक्त छंद की गुंजाइश नहीं है .छायावादी मुस्कान भी संशय के घेरे में आजाती है .एक दूसरे को पज़ेस करने के जिद रहती है यहाँ .विवाह में खुलापन नहीं होता .आप सच बोलने की छूट ले सकतें हैं लेकिन कीमत भी आपको ही चुकानी पड़ेगी .सच को पचाते पचाते औरत शमिता बन जाती है .मानने समझने लगती है खुद को शमित .ऐसा है अतीत के सच का स्वाद .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-59191543365223802872011-10-06T14:29:06.989+05:302011-10-06T14:29:06.989+05:30...मैं भी घर बैठ कर बच्चे बगैहरा संभालने को तैयार ......मैं भी घर बैठ कर बच्चे बगैहरा संभालने को तैयार हूं पर मेरी कोई सुनता ही नहीं :)Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.com