tag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post7395765725772124453..comments2024-03-17T19:33:00.050+05:30Comments on न दैन्यं न पलायनम्: पर साथ छोड़ क्यों चली गयीप्रवीण पाण्डेयhttp://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comBlogger95125tag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-66147674643194115342011-05-09T08:41:51.322+05:302011-05-09T08:41:51.322+05:30@ रजनी मल्होत्रा नैय्यर
बहुत धन्यवाद आपका।@ रजनी मल्होत्रा नैय्यर<br />बहुत धन्यवाद आपका।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-29039982033934207882011-04-25T15:10:52.329+05:302011-04-25T15:10:52.329+05:30भावों ki सुंदर प्रस्तुति............भावों ki सुंदर प्रस्तुति............डॉ रजनी मल्होत्रा नैय्यर (लारा) https://www.blogger.com/profile/00271115616378292676noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-66874809402534279412011-04-24T20:54:15.712+05:302011-04-24T20:54:15.712+05:30@ सञ्जय झा
बहुत धन्यवाद आपका।
@ honey sharma
अनुत...@ सञ्जय झा<br />बहुत धन्यवाद आपका।<br /><br />@ honey sharma<br />अनुत्तरित प्रश्न रह रह याद आते हैं। कविता के रूप में संग्रहित भी हो जाते हैं। गीत गाने का प्रयास करूँगा।<br /><br />@ Patali-The-Village<br />बहुत धन्यवाद आपका।<br /><br />@ दिगम्बर नासवा<br />आपकी सलाह सर माथे, कविता पर समुचित ध्यान दिया जायेगा अब।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-70558561744837329312011-04-24T20:53:46.671+05:302011-04-24T20:53:46.671+05:30@ ZEAL
भावों की गूँज शब्दों से कहीं अधिक होती है।
...@ ZEAL<br />भावों की गूँज शब्दों से कहीं अधिक होती है।<br /><br />@ देवेन्द्र पाण्डेय<br />बहुत धन्यवाद आपका।<br /><br />@ sm<br />बहुत धन्यवाद आपका।<br /><br />@ उपेन्द्र ' उपेन '<br />बहुत धन्यवाद आपका उत्साह बढ़ाने के लिये।।<br /><br />@ ***Punam***<br />मन की हार इतना डुबाने वाली भी नहीं है कि उसे साहित्य में व्यक्त भी न किया जा सके।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-81282442551586673192011-04-24T20:53:25.959+05:302011-04-24T20:53:25.959+05:30@ ज़ाकिर अली ‘रजनीश’
अगर कुटे तो पोस्ट लिख देंगे।
...@ ज़ाकिर अली ‘रजनीश’<br />अगर कुटे तो पोस्ट लिख देंगे।<br /><br />@ योगेन्द्र मौदगिल<br />आपका आशीर्वाद मिल गया, साहस दिखाना सफल हो गया।<br /><br />@ महेन्द्र मिश्र<br />बहुत धन्यवाद आपका।<br /><br />@ डॉ॰ मोनिका शर्मा<br />अब तो बाँध को खोल दिया है, बाढ़ तो आना ही है।<br /><br />@ विजय रंजन<br />बहुत धन्यवाद आपका।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-77120119685092287192011-04-24T20:53:04.232+05:302011-04-24T20:53:04.232+05:30@ वीना
मन के भाव बहुधा यही रहते हैं, शब्द दे देने ...@ वीना<br />मन के भाव बहुधा यही रहते हैं, शब्द दे देने से बस उनकी पीड़ा कम हो जाती है।<br /><br />@ rashmi ravija<br />अब तो निर्भय हो कह दिया, संशय में साहित्य का विनाश न होने देंगे।<br /><br />@ ajit gupta<br />अब धीरे धीरे साहस बढ़ाते हैं।<br /><br />@ शोभना चौरे<br />बहुत धन्यवाद आपका।<br /><br />@ S.N.Tiwari<br />बहुत धन्यवाद आपका, उत्साहवर्धन के लिये।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-51445114421415720162011-04-24T20:52:37.078+05:302011-04-24T20:52:37.078+05:30@ विष्णु बैरागी
कोई कॉपीराइट नहीं है, कितनी भी अच्...@ विष्णु बैरागी<br />कोई कॉपीराइट नहीं है, कितनी भी अच्छी हो जाये दुनिया, ये कविता नित बनती रहेगी।<br /><br />@ Abhishek Ojha<br />वही घोड़े अब घर आ गये हैं, हमें दौड़ाये हुये हैं। <br /><br />@ संगीता स्वरुप ( गीत )<br />सबसे कठिन कार्य होता है, उस समय अपने भाव कह देना।<br /><br />@ abhi<br />महाराज, अभी चक्कर में पड़े नहीं हैं आप, जब पड़ेंगे तो इस कविता में 4 छंद और जोड़ देंगे।<br /><br />@ babanpandey<br />बहुत धन्यवाद आपका।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-75522082392653740852011-04-24T20:52:17.737+05:302011-04-24T20:52:17.737+05:30@ अमित श्रीवास्तव
एक संभालना कठिन है, कैसे भविष्य ...@ अमित श्रीवास्तव<br />एक संभालना कठिन है, कैसे भविष्य कटेगा तब।<br /><br />@ राज भाटिय़ा<br />गाने का साहस हो ही नहीं रहा है।<br /><br />@ संतोष पाण्डेय<br />सोने के कारण खोया हुआ सोना है।<br /><br />@ संतोष त्रिवेदी<br />सारी शक्तियाँ उफान पर होती हैं, सबकी ही। धुंध तो अब जाकर हटी है।<br /><br />@ प्रेम सरोवर<br />आपकी कविता में मैं अपने स्वरों के अंश पा गया, बहुत आभार आपका।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-49764034902577078182011-04-24T20:51:59.176+05:302011-04-24T20:51:59.176+05:30@ डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक (उच्चारण)
बहुत धन्यव...@ डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक (उच्चारण)<br />बहुत धन्यवाद आपका।<br /><br />@ Vivek Jain<br />बहुत धन्यवाद आपका।<br /><br />@ cmpershad<br />घर में डर,<br />डर बाहर।<br /><br />@ mahendra verma<br />अब प्रेम के पड़ाव से बहुत आगे भी तो आ गये हैं।<br /><br />@ Arvind Mishra<br />आपका प्रणामपत्र कुछ और कह रहा है, कुछ और इंगित कर रहा है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-48856264457165399722011-04-24T20:51:27.167+05:302011-04-24T20:51:27.167+05:30@ kshama
सच है, यदि आँखों का कहा सच हो जाता तो कवि...@ kshama<br />सच है, यदि आँखों का कहा सच हो जाता तो कविता क्यों लिखनी पड़ती।<br /><br />@ सदा<br />बहुत धन्यवाद आपका।<br /><br />@ संजय भास्कर<br />बहुत धन्यवाद आपका।<br /><br />@ Avinash Chandra<br />गाने का प्रयास करता हूँ तो यादों में उतरा जाता हूँ।<br /><br />@ Archana<br />आप धुन सुझा दीजिये तो गा भी देंगे।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-60930930696980708152011-04-24T20:51:08.437+05:302011-04-24T20:51:08.437+05:30@ मेरे भाव
बहुत धन्यवाद आपका, कविता लेखन निश्चय ही...@ मेरे भाव<br />बहुत धन्यवाद आपका, कविता लेखन निश्चय ही प्राथमिकताओं में आ गया है, आपके उत्साहवर्धन के बाद।<br /><br />@ shikha varshney<br />हर दिल जो प्यार करेगा, वो गाना गायेगा। इस गीत में प्यार ही नहीं हो पाया।<br /><br />@ G.N.SHAW<br />बहुत धन्यवाद आपका।<br /><br />@ Rakesh Kumar<br />इश्क छिपाये नहीं छिपता है।<br /><br />@ सुशील बाकलीवाल<br />बहुत धन्यवाद आपका।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-61609283733782192582011-04-24T20:50:48.926+05:302011-04-24T20:50:48.926+05:30@ ज्ञानदत्त पाण्डेय Gyandutt Pandey
इस बार बच कर न...@ ज्ञानदत्त पाण्डेय Gyandutt Pandey<br />इस बार बच कर निकले तो आगे भी प्रयास करते रहेंगे।<br /><br />@ nivedita<br />जाके पैर न पड़ी बिवाई, सो का जाने पीर पराई। समझिये कि मन व्यक्त हो गया।<br /><br />@ ashish<br />निर्भयता ने इतिहास तो लिख दिया, भूगोल का क्या होगा, कुछ नहीं ज्ञात।<br /><br />@ Dr (Miss) Sharad Singh<br />बहुत धन्यवाद आपका।<br /><br />@ नरेश सिह राठौड़<br />आप तो मेरी श्रीमतीजी के लिये तर्क एकत्र कर रहे हैं।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-89215980134175250592011-04-24T20:50:30.215+05:302011-04-24T20:50:30.215+05:30@ मीनाक्षी
इस कविता के लिये समुचित प्रस्तावना बनान...@ मीनाक्षी<br />इस कविता के लिये समुचित प्रस्तावना बनाना आवश्यक था।<br /><br />@ रचना दीक्षित<br />शुभकामनाओं की अधिक आवश्यकता है।<br /><br />@ निर्मला कपिला<br />कभी कभी वेदना की धूप के बाद साहित्य बरसता है।<br /><br />@ वन्दना<br />बहुत धन्यवाद आपका।<br /><br />@ पी.सी.गोदियाल "परचेत"<br />बहुत धन्यवाद कल्पना को बचा कर रखने का।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-40549169142031262752011-04-24T20:50:11.164+05:302011-04-24T20:50:11.164+05:30@ shilpa
बहुत धन्यवाद आपका।
@ Navin C. Chaturvedi...@ shilpa<br />बहुत धन्यवाद आपका।<br /><br />@ Navin C. Chaturvedi<br />कल्पना में उतरने से कभी कभी साहित्य के भटकने की सम्भावना बनी रहती है।<br /><br />@ सतीश सक्सेना<br />अँधेरे में पड़ी रचना को बाहर निकालने का साहस तो कर बैठे हैं, पता नहीं कब पहला मानसिक प्रहार होगा हमारे ऊपर।<br /><br />@ प्रतिभा सक्सेना<br />ब्याज गिनने बैठेंगे और पुरानी बातों पर लिखेंगे तो नव महाभारत छिड़ जायेगा।<br /><br />@ Mukesh Kumar Sinha<br />श्रीमतीजी ने कविता पढ़ तो ली है, प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-12151615503054192242011-04-24T20:49:51.915+05:302011-04-24T20:49:51.915+05:30@ Shah Nawaz
लिखने के पहले तक तो थी खैरियत, कल किस...@ Shah Nawaz<br />लिखने के पहले तक तो थी खैरियत, कल किसने देखा है।<br /><br />@ Apanatva<br />सब ठीक है अब तक।<br /><br />@ खुशदीप सहगल<br />प्रेम यदि विवाह में न परणित हो तो, उसकी यादें मोहक बनी रहती हैं। <br /><br />@ honesty project democracy<br />साहित्य सेफ्टी वाल्व सदा ही रहा है, मन से वहीं पर जाकर बतियाते हैं।<br /><br />@ रश्मि प्रभा...<br />मन जब नहीं समझता है तो यही बह निकलता है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-44024043317035773672011-04-24T20:49:29.221+05:302011-04-24T20:49:29.221+05:30@ आशा
बहुत धन्यवाद आपका।
@ संजय @ मो सम कौन ?
प्र...@ आशा<br />बहुत धन्यवाद आपका।<br /><br />@ संजय @ मो सम कौन ?<br />प्रयास तो किया पर गाने के पहले ही गला रूँध जाता है।<br /><br />@ Rahul Singh<br />नव-त्यक्तों का संगीत-उत्सव। <br /><br />@ dhiru singh {धीरू सिंह}<br />हर मन कभी न कभी तो यह गाता है।<br /><br />@ वाणी गीत<br />यह रचना अपना निर्वाण ढूढ़ रही थी अतः निर्भय होकर लिख दिया।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-32813661175493224912011-04-24T20:49:08.706+05:302011-04-24T20:49:08.706+05:30@ Udan Tashtari
गाने का अर्थ होगा, उस शपथपत्र पर ह...@ Udan Tashtari<br />गाने का अर्थ होगा, उस शपथपत्र पर हस्ताक्षर करना जिस पर लिखा होगा कि आ बैल मुझे मार।<br /><br />@ Smart Indian - स्मार्ट इंडियन<br />बहुधा मन में यही विचार आता है, जब कोई छोड़कर जाता है।<br /><br />@ anupama's sukrity !<br />प्रश्न तो सदा ही वही रहता है, उत्तर और संकेतों में तारतम्य नहीं बैठता बस।<br /><br />@ Ratan Singh Shekhawat<br />बहुत धन्यवाद आपका।<br /><br />@ भारतीय नागरिक - Indian Citizen<br />हर हरकत में संशकित हैं अब तो।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-11880234376657928552011-04-24T18:11:20.818+05:302011-04-24T18:11:20.818+05:30Bahut hi lajawaab rachna hai ... maise pahle bhi a...Bahut hi lajawaab rachna hai ... maise pahle bhi aapko kaha tha ... aap is vidha ke bahut kamaal ka likh jaaate ahin ... jaldi jaldi kavita likha karen ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-56057008840841909082011-04-22T23:43:36.183+05:302011-04-22T23:43:36.183+05:30मनोभावों का सुन्दर चित्रण| धन्यवाद|मनोभावों का सुन्दर चित्रण| धन्यवाद|Patali-The-Villagehttps://www.blogger.com/profile/08855726404095683355noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-76679193755147097352011-04-22T21:42:37.173+05:302011-04-22T21:42:37.173+05:30iska ek audio bhi post kijiye janaaabiska ek audio bhi post kijiye janaaabhoney sharmahttps://www.blogger.com/profile/02494188863155288704noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-62439341880989532072011-04-22T21:41:42.085+05:302011-04-22T21:41:42.085+05:30जीवन में बहुत सरे प्रश्न अनुत्तरित रह जाते हैं ......जीवन में बहुत सरे प्रश्न अनुत्तरित रह जाते हैं .....<br />स्मृति के सरोवर में खिला सुंदर सरोज ......<br />काव्य प्रेमियों का मन आल्हादित करता हुआ ......!!honey sharmahttps://www.blogger.com/profile/02494188863155288704noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-29382244341402963622011-04-22T17:53:50.875+05:302011-04-22T17:53:50.875+05:30bahoot khoob
pranambahoot khoob<br /><br />pranamसञ्जय झाhttps://www.blogger.com/profile/08104105712932320719noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-41404662899461426072011-04-22T17:12:57.592+05:302011-04-22T17:12:57.592+05:30sundar abhivyakti...
aapne n jane kitanon ke man k...sundar abhivyakti...<br />aapne n jane kitanon ke man ki baat kah di hai apne shabdon mein.....!!***Punam***https://www.blogger.com/profile/01924785129940767667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-19637760852653576192011-04-22T17:12:54.046+05:302011-04-22T17:12:54.046+05:30sundar abhivyakti...
aapne n jane kitanon ke man k...sundar abhivyakti...<br />aapne n jane kitanon ke man ki baat kah di hai apne shabdon mein.....!!***Punam***https://www.blogger.com/profile/01924785129940767667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-30856287929640294802011-04-22T13:38:08.501+05:302011-04-22T13:38:08.501+05:30पर साथ छोड़ क्यों चली गयी...........मन के भावों को...पर साथ छोड़ क्यों चली गयी...........मन के भावों को बड़ी खूबसूरती के साथ आपने शब्दों में समेटा है . सुंदर प्रस्तुति.उपेन्द्र नाथhttps://www.blogger.com/profile/07603216151835286501noreply@blogger.com