tag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post7275420791990134269..comments2024-03-17T19:33:00.050+05:30Comments on न दैन्यं न पलायनम्: मायके जाने का सुखप्रवीण पाण्डेयhttp://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comBlogger101125tag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-69615764747133441692011-01-09T14:38:20.953+05:302011-01-09T14:38:20.953+05:30@ बैसवारी
केवल दो दिन का आनन्द रहता है, उसके बाद ...@ बैसवारी <br />केवल दो दिन का आनन्द रहता है, उसके बाद कमी खलने लगती है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-81050583213312747372011-01-09T09:21:40.851+05:302011-01-09T09:21:40.851+05:30पत्नी के मायके जाने का इंतज़ार हमें भी रहता है ताक...पत्नी के मायके जाने का इंतज़ार हमें भी रहता है ताकि इसी बहाने कुछ दिन की बेफ़िक्री तो नसीब हो !<br />पर थोड़े सुख के बदले बड़े दुःख भी महसूसने पड़ते हैं,खाने के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है.पत्नी का घर से बाहर रहना थोड़े दिन ही अच्छा लगता है !बैसवारीhttp://www.santoshtrivedi.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-84625747477497286462011-01-09T07:21:12.910+05:302011-01-09T07:21:12.910+05:30@ कृष्ण
मन की अकह वेदना बहुधा दार्शनिकता में व्यक्...@ कृष्ण<br />मन की अकह वेदना बहुधा दार्शनिकता में व्यक्त होती है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-49728570582970298672011-01-09T02:25:50.424+05:302011-01-09T02:25:50.424+05:30आप की यह पोस्ट दार्शिकनिकता से ीगी हुई है, बन्धु ब...आप की यह पोस्ट दार्शिकनिकता से ीगी हुई है, बन्धु बहुत खूब...कृष्णhttp://dudhwalive.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-31204246757442577692011-01-08T08:15:12.115+05:302011-01-08T08:15:12.115+05:30@ अशोक बजाज
बहुत धन्यवाद उत्साहवर्धन का।
@ Suresh...@ अशोक बजाज<br />बहुत धन्यवाद उत्साहवर्धन का।<br /><br />@ Suresh Chiplunkar<br />सदियों से इन प्रकरणों का आनन्द लूट रहे हैं, हम भारतवासी।<br /><br />@ Gopal Mishra<br />चलिये, लिखना सार्थक हो गया।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-18572216308594233342011-01-07T20:36:55.318+05:302011-01-07T20:36:55.318+05:30maja aa gaya!!!maja aa gaya!!!Gopal Mishrahttps://www.blogger.com/profile/17048839371013189239noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-57365083651333043142011-01-05T11:40:38.424+05:302011-01-05T11:40:38.424+05:30ढिन्चक पोस्ट है प्रवीण जी… मजा आ गया…ढिन्चक पोस्ट है प्रवीण जी… मजा आ गया…Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/02326531486506632298noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-75001499361077586212011-01-05T00:27:52.942+05:302011-01-05T00:27:52.942+05:30मनोरंजक एवं ज्ञानवर्धक पोस्ट लिखने के बधाई !मनोरंजक एवं ज्ञानवर्धक पोस्ट लिखने के बधाई !ASHOK BAJAJhttps://www.blogger.com/profile/07094278820522966788noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-73578002781864404792011-01-04T22:55:59.370+05:302011-01-04T22:55:59.370+05:30@ नीरज गोस्वामी
बहुत धन्यवाद आपका।
@ रचना दीक्षित...@ नीरज गोस्वामी<br />बहुत धन्यवाद आपका।<br /><br />@ रचना दीक्षित<br />मैंने तो अपना पक्ष रखा है, मुझे यह भी ज्ञात है कि आप लोगों के तूरीण में और भी तीर हैं।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-14346974132633402332011-01-04T20:31:16.563+05:302011-01-04T20:31:16.563+05:30वाह नया साल नया व्यंग छा गये आप तो . वैसे हम लोगों...वाह नया साल नया व्यंग छा गये आप तो . वैसे हम लोगों का बस चले तो हर महीने आप लोगों को १५ अगस्त और २६ जनवरी का का मज़ा लेनें दें पर यहाँ तो माजरा होता ही उल्टा है मन मन भावे मुड़िया हिलावेरचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-24898045771965187902011-01-04T17:03:10.777+05:302011-01-04T17:03:10.777+05:30लाजवाब पोस्ट...एक सांस में पढ़ गया...आपकी लेखन क्ष...लाजवाब पोस्ट...एक सांस में पढ़ गया...आपकी लेखन क्षमता को नमन...<br /><br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-71859714097630827912011-01-04T14:55:31.633+05:302011-01-04T14:55:31.633+05:30@ रंजना
मायके गमन का मैं पुरुष-पक्ष हा रख पाया हूँ...@ रंजना<br />मायके गमन का मैं पुरुष-पक्ष हा रख पाया हूँ, और कोई भी युक्ति होती हो तो पाठकों को बताई जा सकती हैं। <br /><br />@ G.N.SHAW <br />बहुत धन्यवाद आपका।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-6039750666088481022011-01-04T14:49:54.957+05:302011-01-04T14:49:54.957+05:30@ G Vishwanath
मायके जाने का सुख भले न मिले पर झगड...@ G Vishwanath<br />मायके जाने का सुख भले न मिले पर झगड़े निपटाने का सुख तो मिल ही रहा है। टीवी सीरियल का आनन्द ले रहे हैं, कुछ ब्लॉग में भी प्रवाहित करें।<br /><br />@ दीप <br />बहुत धन्यवाद आपका।<br /><br />@ mukes agrawal<br />आपको भी नये वर्ष की शुभकामनायें।<br /><br />@ JHAROKHA<br />मायके जाना सदियों से चला आ रहा है, सबको ही इस सुख का आनन्द मिल जाता है। पुरुषों को थोड़ा कष्ट भी मिलता है पर कोमल नारीमन के लिये इतना तो किया जा सकता है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-62094523268409661232011-01-04T13:59:22.702+05:302011-01-04T13:59:22.702+05:30BAHUT SUNDAR GAATHA SIR.BAHUT SUNDAR GAATHA SIR.G.N.SHAWhttps://www.blogger.com/profile/03835040561016332975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-62207419936510268192011-01-04T13:58:19.296+05:302011-01-04T13:58:19.296+05:30कोई भी बात/पक्ष छूटी नहीं आपसे...स्वयं एक स्त्री ह...कोई भी बात/पक्ष छूटी नहीं आपसे...स्वयं एक स्त्री होते हुए भी आपकी इस पोस्ट का जो रस लिया है मैंने न...कह नहीं सकती..<br /><br />गजब गजब लिखा है..एकदम लाजवाब !!!रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-79556271414914377712011-01-04T13:22:58.364+05:302011-01-04T13:22:58.364+05:30praveen ji
aaj to maja hi aa gaya aapki post padh...praveen ji <br />aaj to maja hi aa gaya aapki post padh kar . hansi hai ki rukne ka naam hi nahi le rahi hai ,aise me sach maniye ghar par akeli hun aur thhaka lagane ka man kar raha hai .is samy yadi internet se camara juda hota to shayad aap meri hansi dekh paate .koi baat nahi bas hanste huye hi aapko itni badhiya prastuti ke liye badhai de rahi hun.---(:)<br /> poonamपूनम श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09864127183201263925noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-24876918002788979312011-01-04T13:14:54.550+05:302011-01-04T13:14:54.550+05:30आपको और आपके परिवार को नव वर्ष की अनंत मंगलकामनाएं...आपको और आपके परिवार को नव वर्ष की अनंत मंगलकामनाएंAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/05305557963852746494noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-45689178829273634112011-01-04T10:25:42.376+05:302011-01-04T10:25:42.376+05:30प्रवीण जी आप की लेखन प्रक्रिया बहुत प्रखर है,बहुत ...प्रवीण जी आप की लेखन प्रक्रिया बहुत प्रखर है,बहुत सुन्दर लगता है आप के ब्लॉग पर आ के <br />शुभ कामना सहित दीपांकर पाण्डेय <br />http://deep2087.blogspotलाल कलमhttps://www.blogger.com/profile/10463937302054552696noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-15973404022368647952011-01-04T10:13:34.308+05:302011-01-04T10:13:34.308+05:30क्षमा कीजिए, देर से पहुँचा।
हम ने यह सुख (बीवी का...क्षमा कीजिए, देर से पहुँचा।<br /><br />हम ने यह सुख (बीवी का मायके जाना) कभी भी अनुभव नहीं किया।<br />जी नहीं, यह न समझिए के बीवी मुझसे इतना प्यार करती है कि मायके जाने के बारे में सोचती भी नहीं।<br />बात यह है कि ससुर जी का कोई बेटा नहीं है, चार बेटियाँ हैं और ज्यादातर हमारे घर में ही हमारे ही साथ रहते हैं।<br />सास बहु का झगडा तो आम बात है पर हमारे यहाँ तो माँ-बेटी के बीच रोज रोज की नोंक झोंक किसी टीवी सीरयल से कम मनोरंजक नहीं है। हमें हस्तक्षेप करके घर में शान्ति लानी पडती है। कभी लिखेंगे इस विषय पर।<br /><br />नव वर्ष के अवसर पर शुभकामनाएं।<br />जी विश्वनाथG Vishwanathhttps://www.blogger.com/profile/13678760877531272232noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-33556752826497280032011-01-03T22:29:10.252+05:302011-01-03T22:29:10.252+05:30@ rashmi ravija
जानकर तो भला ही भला करती हैं। अन्ज...@ rashmi ravija<br />जानकर तो भला ही भला करती हैं। अन्जाने में भी हो जाता है।<br /><br />@ Er. सत्यम शिवम<br />बहुत धन्यवाद आपका।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-4786513986281353082011-01-03T22:27:00.909+05:302011-01-03T22:27:00.909+05:30@ ZEAL
धन्यवाद और अश्रुवाद के पात्र हैं। एक बार ज...@ ZEAL <br />धन्यवाद और अश्रुवाद के पात्र हैं। एक बार जाने में वह सुख कहाँ।<br /><br />@ दुधवा लाइव <br />बहुत धन्यवाद आपका।<br /><br />@ दिगम्बर नासवा<br />रिश्तों को निभाना, इसीलिये मायके जा कर आना।<br /><br />@ सुरेन्द्र सिंह " झंझट "<br />बहुत धन्यवाद आपका।<br /><br />@ ज़ाकिर अली ‘रजनीश’<br />एक वर्ष का वचन है, उससे पहले भी मिल सकता है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-11161572944910228892011-01-03T22:23:23.628+05:302011-01-03T22:23:23.628+05:30@ shikha varshney
आप भी इस सुख का लाभ उठायें, हम ल...@ shikha varshney<br />आप भी इस सुख का लाभ उठायें, हम लोग तो आप लोगों को प्रसन्न देखकर ही खुश हो लेते हैं।<br /><br />@ bilaspur property market <br />आपको भी यही सुख मिले।<br /><br />@ खबरों की दुनियाँ<br />बहुत धन्यवाद आपका।<br /><br />@ अन्तर सोहिल <br />पर आपको किसने कहा कि जीवन में केवल सुख होते हैं।<br /><br />@ Poorviya<br />बहुत धन्यवाद आपका।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-40791423881880559702011-01-03T22:20:02.147+05:302011-01-03T22:20:02.147+05:30@ amit-nivedita
एक ही घर कभी मायका बन जाता है और क...@ amit-nivedita<br />एक ही घर कभी मायका बन जाता है और कभी ससुराल।<br /><br />@ kshama<br />आपको भी शुभकामनायें।<br /><br />@ वन्दना<br />बहुत धन्यवाद इस सम्मान के लिये।<br /><br />@ satyendra...<br />आपको भी स्वतन्त्रता दिवस की शुभकामनायें।<br /><br />@ निर्मला कपिला<br />लड़कियाँ तो घर का गहना होती हैं, घर आती हैं तो आपके भी मुखमण्डल में ऊर्जा आ जाती है। कोई बात नहीं, हम होटलों में खा लेंगे।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-23825437476375913302011-01-03T22:15:47.220+05:302011-01-03T22:15:47.220+05:30@ उन्मुक्त
हमें तो लगता है कि आपसे अधिक भाग्यशाली ...@ उन्मुक्त<br />हमें तो लगता है कि आपसे अधिक भाग्यशाली कोई नहीं, कम से कम होटलों में तो नहीं खाना पड़ता है।<br /><br />@ abhi<br />अभी तो आप प्रसन्न हो लीजिये, कल आपकी बारी आयेगी तो हम 50 पैसे का टिकट लगा आपकी पिक्चर दिखायेंगे।<br /><br />@ सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी<br />साहित्यिक लाभ तो आपको हुआ ही, पर अन्त की पंक्तियों ने इस व्यंग का सत्य खोल दिया है।<br /><br />@ अजित वडनेरकर<br />मातृसत्तात्मक परिवारों को इस संदर्भ में विश्लेषित करना होगा।<br /><br />@ Dr. shyam gupta <br />बहुत धन्यवाद आपका।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-31121124277669136712011-01-03T22:06:08.083+05:302011-01-03T22:06:08.083+05:30@ अनामिका की सदायें ......
मायके का अनुराग नारीमन ...@ अनामिका की सदायें ......<br />मायके का अनुराग नारीमन अह्लादित कर देता है।<br /><br />@ डॉ० डंडा लखनवी <br />आपको भी नववर्ष की शुभकामनायें।<br /><br />@ विष्णु बैरागी<br />जब लेखन में लालित्य आयेगा तब ललित निबन्ध लिखेंगे, अभी तो छलित निबन्ध लिख रहे हैं।<br /><br />@ राजेश उत्साही <br />मायका तो घर जमाई पति का होता है, एक साल बच गया।<br /><br />@ फ़िरदौस ख़ान<br />आपको भी नये वर्ष की शुभकामनायें।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.com