tag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post6995403537916335438..comments2024-03-17T19:33:00.050+05:30Comments on न दैन्यं न पलायनम्: नोकिया और माइक्रोसॉफ्टप्रवीण पाण्डेयhttp://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comBlogger85125tag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-24297006516709922042011-02-23T14:48:15.737+05:302011-02-23T14:48:15.737+05:30@ Gopal Mishra
आपका यह कहना इन संदर्भों में बहुत म...@ Gopal Mishra<br />आपका यह कहना इन संदर्भों में बहुत मायने रखता है। मेरी भी यही आशा है कि नोकिया निश्चय ही बहुत उन्नत मोबाइल सेट लेकर आने वाला है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-89540071670303712892011-02-23T04:45:36.487+05:302011-02-23T04:45:36.487+05:30Great writeup. I appreciate your in depth knowledg...Great writeup. I appreciate your in depth knowledge on such subjects.<br /><br />Just want to bring to your notice that due to this venture thousands of Indians are being sent to India from Helsinki.I am still continuing here as mine is a different client.Gopal Mishrahttps://www.blogger.com/profile/17048839371013189239noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-3056548331098277422011-02-22T19:19:59.639+05:302011-02-22T19:19:59.639+05:30@ Manoj K
एण्ड्रायड जो बदलाव पिछले 5 वरषों से कर र...@ Manoj K<br />एण्ड्रायड जो बदलाव पिछले 5 वरषों से कर रहा है, विण्डो ने वह गति अभी पकड़ी है, देखिये कितनी भरपायी कर पाते हैं।<br /><br />@ ePandit<br />मैंने सी-5 में टाइप किया है, असली हिन्दी कीबोर्ड से। मोबाइल पर ओपेरा का कोई विकल्प नहीं है। भविष्य बड़ा ही रोचक होने वाला है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-40508167071274999622011-02-22T19:19:29.661+05:302011-02-22T19:19:29.661+05:30@ विष्णु बैरागी
यदि केवल फोन ही करना हो तो अठारहवी...@ विष्णु बैरागी<br />यदि केवल फोन ही करना हो तो अठारहवीं शताब्दी का फोन भी बुरा नहीं है। हमारी उत्सुकता हर जगह पर बैठकर हर कुछ करने की है, उसी का ही मूल्य चुका रहे हैं।<br /><br />@ देवेन्द्र<br />उसी की ही उत्सुकता हमें भी है।<br /><br />@ Akshita (Pakhi)<br />आप भी अभी से रुचि बनाइये और सर्वोत्तम फोन लीजियेगा पिताजी से।<br /><br />@ Mrs. Asha Joglekar<br />मेरे लिये भी आउटलुक व वननोट के माध्यम से सदा ही यह समन्वय बना रहता है। यही कारण है कि और भी स्मार्टफोन की आवश्यकता पड़ने लगती है।<br /><br />@ ज्योति सिंह<br />नोकिया के फोनों में गज़ब का दमखम है पर उसे किसी सुदृढ़ ओ एस की आवश्यकता है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-50385484721325116662011-02-22T19:19:13.740+05:302011-02-22T19:19:13.740+05:30@ Harsh
बहुत धन्यवाद आपका।
@ abhi
यदि मन का फोन आ...@ Harsh<br />बहुत धन्यवाद आपका।<br /><br />@ abhi<br />यदि मन का फोन आ गया तो दिलाया जा भी सकता है।<br /><br />@ sagebob<br />बहुत धन्यवाद आपका।<br /><br />@ वन्दना अवस्थी दुबे<br />रुचि उसी में है और आगे भी वही लेना है।<br /><br />@ सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी<br />हिन्दी की कीबोर्ड हो और बड़े हिन्दी फोण्ट भी हों।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-76802450851922949012011-02-22T19:18:38.776+05:302011-02-22T19:18:38.776+05:30@ उन्मुक्त
एण्ड्रायड का सॉफ्टवेयर मुक्त है।
@ Ash...@ उन्मुक्त<br />एण्ड्रायड का सॉफ्टवेयर मुक्त है।<br /><br />@ Ashok Vyas<br />हम तो स्वयं ही अपना ज्ञान बढ़ाने के प्रयास में लगे रहते हैं, उसी से रुचि बनी रहती है।<br /><br />@ सदा<br />बहुत धन्यवाद आपका।<br /><br />@ मेरे भाव<br />हिन्दी कीबोर्ड आ पाने पर ही सही अवमूल्यन हो पायेगा तीनों का।<br /><br />@ Patali-The-Village<br />बहुत धन्यवाद आपका।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-25484179445264251192011-02-22T19:18:17.739+05:302011-02-22T19:18:17.739+05:30@ Saba Akbar
क्रान्ति का निष्कर्ष तो उसके उत्पादों...@ Saba Akbar<br />क्रान्ति का निष्कर्ष तो उसके उत्पादों पर निर्भर करेगा।<br /><br />@ बेनामी<br />ब्लैकबेरी को भी कई दिन देखा, ईमेल से उसका समन्वय अद्भुत है पर हिन्दी के मामले में और लैपटॉप से समन्वय में थोड़ा कमजोर लगा।<br /><br />@ डॉ॰ मोनिका शर्मा<br />कई बार तो बदलते बदलते रह गये, यदि उनमें हिन्दी होता तो संभवतः नया ले लिया होता।<br /><br />@ Smart Indian - स्मार्ट इंडियन<br />गूगल का सशक्त बिन्दु लगातार कुछ न कुछ करते रहना है, यही उसे नवनवीन बनाये रखता है। पता नहीं हिन्दी से इतनी बेरुखी क्यों है उसमें।<br /><br />@ राहुल सिंह<br />यदि अपनी आवश्यकतानुसार तकनीक का सशक्त पक्ष लेकर पहले से ही चलेंगे तो धमाके का असर न्यूनतम होगा।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-89161468228488257602011-02-22T19:17:56.693+05:302011-02-22T19:17:56.693+05:30@ ताऊ रामपुरिया
हम मोबाइल 24 घंटे साथ में रखते हैं...@ ताऊ रामपुरिया<br />हम मोबाइल 24 घंटे साथ में रखते हैं, अतः हमें रुचि बनाये रखना सुहाता है।<br /><br />@ cmpershad<br />आपसे बड़ा परमहंस मिलना कठिन है तब, मोबाइल से बचे रहना तो बहुत ही कठिन है। <br /><br />@ SEPO<br />एक फोन को पाँच साल से चलाते रहना उसके संग प्रेम में डूबने जैसा है।<br /><br />@ मनोज कुमार<br />तकनीकी बहुधा सहायता ही करती है पर कभी कभी अहित कर जाती है।<br /><br />@ mahendra verma<br />हमें भी यही लगता है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-70921107845614872592011-02-22T19:17:34.494+05:302011-02-22T19:17:34.494+05:30@ नरेश सिह राठौड़
मैंने तो अपनी आवश्यकतानुसार ही व...@ नरेश सिह राठौड़<br />मैंने तो अपनी आवश्यकतानुसार ही विश्लेषण कर के लिखा है, औरों के काम आ जाये तो बहुत ही अच्छा लगेगा मुझे।<br /><br />@ ममता त्रिपाठी<br />एप्पल ने बहुत ही जटिल तन्त्र बना रखा है, यही कारण है कि ज्लब्रेक करने पर लोग आमादा हैं।<br /><br />@ रंजना<br />अगले 6 माह बड़ा परिवर्तन लिये आने वाले हैं, ये तीनों घोड़े भरसक प्रयास करेंगे आगे निकलने का।<br /><br />@ Arvind Mishra<br />तकनीक सहयोग करती है तो उससे निकटता रखना स्वाभाविक है।<br /><br />@ Raviratlami<br />मैंने लैपटॉप ओ एस क्रोमियम का उल्लेख किया है। लैपटॉप पर जब तक वह नहीं आता एण्ड्रायड फोन अकेलेपन में विकास करेंगे।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-9238812191038887502011-02-22T19:17:12.359+05:302011-02-22T19:17:12.359+05:30@ पी.सी.गोदियाल "परचेत"
आपकी बात में दम ...@ पी.सी.गोदियाल "परचेत"<br />आपकी बात में दम है, आँखों पर जोर तो पड़ता है, इसीलिये फोण्ट बहुत बड़े कर रखे हैं और स्थिर रहने पर ही उपयोग में लाता हूँ उन्हें।<br /><br />@ shikha varshney<br />अब आशायें तो बहुत हैं नोकिया से।<br /><br />@ महफूज़ अली<br />मोबाइल के उपयोग में रम जाने के बाद श्रेष्ठतम की चाह तो हो ही जाती है।<br /><br />@ राज भाटिय़ा<br />कई लोग घर आकर मोबाइल बन्द कर देते हैं और कुछ 24 घंटे इसे साथ रखते हैं। मेरा प्रयास इसके अधिकतम उपयोग का रहता है।<br /><br />@ संगीता स्वरुप ( गीत )<br />तकनीकी क्षमताओं को टटोलना अब आदतों में शुमार हो गया है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-75996020152844004382011-02-22T19:16:45.108+05:302011-02-22T19:16:45.108+05:30@ OM KASHYAP
बहुत धन्यवाद आपका।
@ डा. श्याम गुप्त...@ OM KASHYAP<br />बहुत धन्यवाद आपका।<br /><br />@ डा. श्याम गुप्त<br />यदि कार्य सीमित हो और एक ही जगह हो तो सादा फोन लेना ही ठीक है।<br /><br />@ नीरज गोस्वामी<br />आशा करता हूँ कि कुछ न कुछ सार्थक निष्कर्ष निकलेगा।<br /><br />@ दिगम्बर नासवा<br />एप्पल का इण्टरफेस बहुत ही दमदार है, नये एमार्टफोन उसी का अनुकरण कर रहे हैं।<br /><br />@ G.N.SHAW<br />बहुत धन्यवाद आपका।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-14759935172495130352011-02-22T19:16:24.385+05:302011-02-22T19:16:24.385+05:30@ Kajal Kumar
पता नहीं पर भारत तो उनके लिये बहुत म...@ Kajal Kumar<br />पता नहीं पर भारत तो उनके लिये बहुत मजबूत बाजार सिद्ध होने वाला है।<br /><br />@ वन्दना<br />बहुत धन्यवाद आपका।<br /><br />@ Mukesh Kumar Sinha<br />मैंने तो निश्चय किया है कि नया मोबाइल बिना हिन्दी कीबोर्ड के लेना ही नहीं है।<br /><br />@ ajit gupta<br />कभी कभी आपका दर्शन बहुत सही लगता है पर कई बार खाली समय का समुचित उपयोग करने के लिये अच्छा फोन लेना आवश्यक हो जाता है।<br /><br />@ Ravi Rajbhar<br />बहुत धन्यवाद आपका।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-85413231708660637932011-02-22T19:16:04.590+05:302011-02-22T19:16:04.590+05:30@ सञ्जय झा
हमने भी त्रिभुज का विकास धीरे धीरे किया...@ सञ्जय झा<br />हमने भी त्रिभुज का विकास धीरे धीरे किया है और इतने दिनों बाद कुछ आत्मविश्वास आ रहा है प्रगति का।<br /><br />@ ashish<br />विवेचना करने पर लगता है कि नया फोन उतना मँहगा नहीं होगा क्योंकि नोकिया के पास बहुत अधिक तकनीक है इस तरह के फोन देने के लिये।<br /><br />@ Ankur jain<br />बहुत धन्यवाद आपका।<br /><br />@ गिरधारी खंकरियाल<br />अब आप कम्प्यूटर पर विण्डो 7 तो डाल ही लें।<br /><br />@ Deepak Saini<br />पूर्ण आनन्द ब्लॉग पढ़ने में नहीं, पढ़कर उसी से टिप्पणी करने में है। बहुत समय बचेगा ऐसे हम सबका।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-69740150094015013132011-02-22T19:15:39.500+05:302011-02-22T19:15:39.500+05:30@ K M Mishra
मोबाइल तकनीकी दृष्टि से कुछ वर्ष पहले...@ K M Mishra<br />मोबाइल तकनीकी दृष्टि से कुछ वर्ष पहले तक के लैपटॉपों से भी आगे निकल गये हैं। आगे आगे देखिये होता है क्या?<br /><br />@ सतीश सक्सेना<br />लैपटॉप पर कार्य बहुत तेजी से होता है, इस बात पर कोई सन्देह नहीं है पर हर समय लैपटॉप को साथ रखना सम्भव भी नहीं है। <br /><br />@ प्रवीण त्रिवेदी ╬ PRAVEEN TRIVEDI<br />यदि एण्ड्रायड हिन्दी के क्षेत्र में खरा उतरता है और नया नोकिया कुछ नहीं कर पाता है तो मेरे लिये भी कोई और विकल्प न रहेगा।<br /><br />@ भारतीय नागरिक - Indian Citizen<br />मेरा पुराना सोनी 7 वर्ष का हो चला है और पिताजी के हाथों में है पर उससे बहुत अधिक कार्य सम्भव नहीं है। नये फोन निश्चय ही बड़े दमदार हैं।<br /><br />@ Sonal Rastogi<br />बहुत से मोबाइल पानी पड़ने पर दम तोड़ देते हैं। हमारा भी फोन एक दो बार बीमार हो चुका है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-89021685503710104052011-02-22T19:15:21.493+05:302011-02-22T19:15:21.493+05:30@ संजय @ मो सम कौन ?
कभी कभी तो लगता है कि हजारवाल...@ संजय @ मो सम कौन ?<br />कभी कभी तो लगता है कि हजारवाले से ही काम चलायें। 80 प्रतिशत समय वही करते भी हैं।<br /><br />@ honesty project democracy<br />लोकतन्त्र ने मोबाइल व इण्टरनेट की ताकत का पूरा लाभ उठाया ही नहीं।<br /><br />@ ZEAL<br />बहुत धन्यवाद आपका।<br /><br />@ Ratan Singh Shekhawat<br />वह फोन देखा, बड़ा प्रभावित किया पर हिन्दी कीबोर्ड नहीं है उस संस्करण में।<br /><br />@ संजय भास्कर<br />इसके निष्कर्षों की व्यग्रता से प्रतीक्षा है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-70333901218355991952011-02-22T19:15:02.700+05:302011-02-22T19:15:02.700+05:30@ ललित शर्मा
अधिकतर के हाथों नोकिया का ही फोन दिखा...@ ललित शर्मा<br />अधिकतर के हाथों नोकिया का ही फोन दिखायी पड़ता है, मेरी मजबूरी है विण्डो फोन अतः नये फोन की व्यग्रता से प्रतीक्षा है। <br /><br />@ सुशील बाकलीवाल<br />स्मार्टफोन को तो लैपटॉप का लगभग 80 प्रतिशत कार्य कर देना चाहिये। हिन्दी की बोर्ड आ जाने से सम्भवतः वह हो जाये।<br /><br />@ संतोष त्रिवेदी<br />एण्ड्रायड निश्चय ही एक सुदृढ़ फोन है पर हिन्दी की व्यवस्था न होने से सके बारे में राय नहीं बन पा रही है। विण्डो के मजबूत बिन्दुओं को छूने का प्रयास भी किया गया है पर अभी बहुत कुछ करना है। मेरे लिये उसे अपनाना एक नये तन्त्र में प्रवेश करने जैसा होगा। <br /><br />@ Udan Tashtari<br />मैंने बहुत से एप्लीकेशन डाले और उपयोग के आधार पर धीरे धीरे उन्हे निकाल भी दिया। जिस जगह मोबाइल के मूलतन्त्र द्वारा पहुँचा जा सकता है सके लिये कुछ और लोड करना व्यर्थ लगा मुझे।<br /><br />@ dhiru singh {धीरू सिंह}<br />नोकिया के महारथी तो बहुत हैं, मेरा अनुभव विण्डोफोन के साथ बहुत अच्छा रहा है, मैं वही ही लूँगा।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-29005452005727789262011-02-21T16:05:47.176+05:302011-02-21T16:05:47.176+05:30आपकी भावनायें समझ रहे हैं, हमने भी बरसों स्मार्टफो...आपकी भावनायें समझ रहे हैं, हमने भी बरसों स्मार्टफोन की चाहत दिल में पाली। अब तो इन्तजार है कि ऍण्ड्रॉइड में हिन्दी आये तो उसके पाले में हो लें।<br /><br />इस समय ऍण्ड्रॉइड सबसे लोकप्रिय मोबाइल ओऍस के तौर पर उभर रहा है। सबसे ज्यादा ऍप्लिकेशन इसको ध्यान में रखकर बन रही हैं, शीघ्र ही यह इस मामले में आइफोन को भी मात दे देगा। इसके लिये इतनी बढ़िया-बढ़िया ऍप्स हैं कि क्या कहनें।<br /><br />नोकिया सी५ में हिन्दी है क्या, हरिराम जी ने लिया था वे तो कह रहे थे नहीं है।<br /><br />@प्रवीण त्रिवेदी,<br />क्या खूब कहा।<br /><br />"माइक्रोसॉफ्ट और नोकिया का मिलन मजबूरी के साथ साथ पूरक होने का परिचय है जैसे लंगड़े और अंधे का मिलन!"<br /><br />@सुशील बाकलीवाल,<br />नोकिया ऍक्स२ के कीबोर्ड पर हिन्दी वर्ण भी अंकित हैं क्या?<br /><br />@Deepak Saini,<br />५२३३ पर ऑपेरा मोबाइल इंस्टाल कीजिये, हिन्दी एकदम सही दिखेगी और हिन्दी टाइप करने के लिये हमारा टचनागरी इस्तेमाल कीजिये।<br />http://bit.ly/TouchNagari<br /><br />@विष्णु बैरागी,<br />रविरतलामी जी ने तो एक बार कहा था कि आप रेमिंगटन पर बढिया पकड़ रखते हैं फिर दो अंगुलियों से?ePandithttps://www.blogger.com/profile/15264688244278112743noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-64374813658753867552011-02-19T15:10:06.304+05:302011-02-19T15:10:06.304+05:30android फोन्स की लोकप्रियता बढती जा रही है और deve...android फोन्स की लोकप्रियता बढती जा रही है और developers काफी applications दिन-ब-दिन जोड़ते जा रहें हैं, मुझे लगता है android विंडोस़ से बेहतर विकल्प है, वैसे पसंद अपनी अपनी.Manoj Khttps://www.blogger.com/profile/06707542140412834778noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-68845556520902771482011-02-19T00:00:46.940+05:302011-02-19T00:00:46.940+05:30kahte hai nokia se adhik majboot koi aur nahi ,mag...kahte hai nokia se adhik majboot koi aur nahi ,magar nai nai taknikiyo ke pechhe log bhag rahe hai ,bahut kaam ki jaankari rahi .net ke khrab hone par, nahi aa saki waqt par .maaf kijiyega .ज्योति सिंहhttps://www.blogger.com/profile/14092900119898490662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-54394051828143592842011-02-18T14:36:31.300+05:302011-02-18T14:36:31.300+05:30नोकिया और माइक्रोसॉफ्ट का तालमेल वास्तव में एक अद्...नोकिया और माइक्रोसॉफ्ट का तालमेल वास्तव में एक अद्भुत और उल्लेखनीय घटना है । आप ने कितनी जानकारी भरी पोस्ट लिखी है पर हम तो त्रिकोण से बाहर ही हैं क्यूंकि मोबाइल पर टाइप करना अपने बसका नही । फोन ही कर लेते हैं उतना काफी है हाँ मेरे पति इन सब बातों में बहुत रुचुि लेते हैं और कल ही बता भी रहैथे कि कैसे वे अपने लैपटॉप पर मोबाइल से डाटा ट्रांसफर कर सकते हैं ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-74005054596460258982011-02-18T12:55:50.913+05:302011-02-18T12:55:50.913+05:30अच्छी जानकारी मिली....
___________________________...अच्छी जानकारी मिली....<br />______________________________<br />'पाखी की दुनिया' : इण्डिया के पहले 'सी-प्लेन' से पाखी की यात्रा !Akshitaa (Pakhi)https://www.blogger.com/profile/06040970399010747427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-13488869831618570002011-02-18T01:11:38.087+05:302011-02-18T01:11:38.087+05:30पाण्डेय जी सर्वदा की तरह अतीव सुन्दर शब्द चित्रण व...पाण्डेय जी सर्वदा की तरह अतीव सुन्दर शब्द चित्रण व कौशलपूर्ण व्याख्या । साधुवाद ।<br />नोकिया का मोबाइल फोन के उपयोग तक तो अच्छा सुख दे रहा है किन्तु सामान्य विन्डो सेवा की उसकी वर्तमान असमर्थता निराशा उत्पन्न करती है । अब तो आतुरता से वर्ष के अंत में आने वाले नोकिया के विण्डो फोन की प्रतीक्षा है ।देवेंद्रhttps://www.blogger.com/profile/13104592240962901742noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-23659935498756338832011-02-17T23:37:14.425+05:302011-02-17T23:37:14.425+05:30लगता है, मैं तो अठारहवीं शताब्दी में जी रहा हूँ। ...लगता है, मैं तो अठारहवीं शताब्दी में जी रहा हूँ। लेप टॉप से की बोर्ड जोड रखा है और कुंजी पटल पर हिन्दी वाले स्टीकर चिपका रखे हैं। दो अंगुलियों से टाइप करता हूँ - देख देख कर।<br /><br />भला बताइए, जो कुछ आपने लिखा है, वह मेरे पल्ले कितना पडा होगा।<br /><br />अपन को तो हजारवाला मामला भी ज्यादा लगता है।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-10317226838793855952011-02-17T23:25:29.932+05:302011-02-17T23:25:29.932+05:30मैने ताव में आकर नोकिया का N-86 खरीद लिया। लेकिन उ...मैने ताव में आकर नोकिया का N-86 खरीद लिया। लेकिन उपयोग केवल फोनबुक सहेजने और काल करने के लिए हो पाता है। एक उंगली से नेट सर्फ़िंग करना आसान नहीं है। वैसे भी घर और ऑफिस में कंप्यूटर और नेट उपलब्ध हो तो मोबाइल को क्या कष्ट देना। फील्ड में काम करने वालों के लिए यह सुविधा उपयोगी होगी।सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/04825484506335597800noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-33325309382793554292011-02-17T23:15:43.778+05:302011-02-17T23:15:43.778+05:30hmmmmmmmmm..........मतलब जानकारी के बहाने आपने पता...hmmmmmmmmm..........मतलब जानकारी के बहाने आपने पता ही दिया कि आप विंडो मोबाइल इस्तेमाल कर रहे हैं....:):)वन्दना अवस्थी दुबेhttps://www.blogger.com/profile/13048830323802336861noreply@blogger.com