tag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post6298310515345004312..comments2024-03-17T19:33:00.050+05:30Comments on न दैन्यं न पलायनम्: आओ, मैं स्वागत में बैठा हूँप्रवीण पाण्डेयhttp://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comBlogger71125tag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-44812289887343983292011-11-22T15:07:51.200+05:302011-11-22T15:07:51.200+05:30how's life ? praveenpandeypp.blogspot.com blog...how's life ? praveenpandeypp.blogspot.com blogger discovered your blog via search engine but it was hard to find and I see you could have more visitors because there are not so many comments yet. I have found site which offer to dramatically increase traffic to your website http://xrumerservice.org they claim they managed to get close to 1000 visitors/day using their services you could also get lot more targeted traffic from search engines as you have now. I used their services and got significantly more visitors to my website. Hope this helps :) They offer backlink search engine free seo <a href="http://xrumerservice.org" rel="nofollow">backlinks</a> generate backlinks Take care. JohnAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-28052896261217358242010-09-25T05:16:22.178+05:302010-09-25T05:16:22.178+05:30भागादौड़ी में अचानक समय सामने आ खड़ा हुआ , हमने भी...भागादौड़ी में अचानक समय सामने आ खड़ा हुआ , हमने भी उसका स्वागत किया और दोनो ने मिलकर ब्लॉगजगत की ओर रुख किया और यहाँ आ पहुँचे...<br /> समय का स्वागत करने पर ही इतना प्रभावशाली लेख पढ़ पाए...मीनाक्षीhttps://www.blogger.com/profile/06278779055250811255noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-27143031681355408032010-09-21T22:02:27.137+05:302010-09-21T22:02:27.137+05:30@ Manoj K
समय से व्यवहार करने के लिये उससे परे तो ...@ Manoj K<br />समय से व्यवहार करने के लिये उससे परे तो जाना ही पड़ेगा।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-57606765248886795682010-09-19T07:41:14.078+05:302010-09-19T07:41:14.078+05:30मैं कल्पना करता हूँ कि मैं बैठा हूँ समय से परे,
स...मैं कल्पना करता हूँ कि मैं बैठा हूँ समय से परे,<br /><br />सरल भाषा के बीच एक स्ट्रोक..<br />यह पंक्ति कमाल हैManoj Khttps://www.blogger.com/profile/06707542140412834778noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-65204232805795078932010-09-15T22:38:55.258+05:302010-09-15T22:38:55.258+05:30@ सागर
हमें आपका आना बहुत अच्छा लगा। आपकी विचार श्...@ सागर<br />हमें आपका आना बहुत अच्छा लगा। आपकी विचार श्रंखला बिना असर डाले नहीं जाती है।<br /><br />@ anitakumar<br />आपसे भेंट में मेरा समय भी नेपथ्य में चला गया था।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-35657632312912189152010-09-15T15:45:47.558+05:302010-09-15T15:45:47.558+05:30सम्मोहन तो जीवन का ही है, समय का नहीं। जीवन जीने ल...सम्मोहन तो जीवन का ही है, समय का नहीं। जीवन जीने लगते हैं और समय नेपथ्य में चला जाता है। आकर्षण व्यक्तित्व का होता है, आयु का नहीं। महान कोई एक विचार बना देता है, बेचारी व्यस्तता नहीं।<br /><br />बहुत खूबAnita kumarhttps://www.blogger.com/profile/02829772451053595246noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-35769164721693148212010-09-14T19:24:23.024+05:302010-09-14T19:24:23.024+05:30आज आपके घर आकार बहुत अच्छा लगा, बहुत ही प्रेरक सोच...आज आपके घर आकार बहुत अच्छा लगा, बहुत ही प्रेरक सोच, उम्दा वाणी और सकारात्मक सद्विचार. शुक्रिया .सागरhttps://www.blogger.com/profile/13742050198890044426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-77631380063367964972010-09-11T20:38:02.077+05:302010-09-11T20:38:02.077+05:30@ रचना दीक्षित
जीवन की गुणवत्ता ही समय ती व्यग्रता...@ रचना दीक्षित<br />जीवन की गुणवत्ता ही समय ती व्यग्रता को कम करती है।<br /><br />@ विनोद शुक्ल-अनामिका प्रकाशन <br />कर्म अमर बनाते हैं, आयु नहीं। सच कहा है आपने।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-66248643180663722862010-09-11T11:23:46.482+05:302010-09-11T11:23:46.482+05:30आपने सही लिखा है-"सम्मोहन तो जीवन का ही है, स...आपने सही लिखा है-"सम्मोहन तो जीवन का ही है, समय का नहीं। जीवन जीने लगते हैं और समय नेपथ्य में चला जाता है। आकर्षण व्यक्तित्व का होता है, आयु का नहीं। महान कोई एक विचार बना देता है, बेचारी व्यस्तता नहीं।" <br /> जीवन में शरीर की उपस्थिति समयबद्ध होती है। शरीर है तो इसका अन्त भी है। लेकिन प्रत्येक शरीरधारी अपने कर्म से अमर हो सकता है।<br /> निश्चित रूप से आपके ग्यान का स्पेक्ट्रम बहुत बडा है; तभी तो आप विभिन्न विषयों पर इतने सुन्दर ढंग से अपने पाठकों को इतना कुछः और इतना अद्भुत दे पाते हैं। बधाई।विनोद शुक्ल-अनामिका प्रकाशनhttps://www.blogger.com/profile/18173585318852399276noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-49524967465455691342010-09-07T16:19:09.805+05:302010-09-07T16:19:09.805+05:30जीवन समय से अधिक महत्वपूर्ण हो गया।
काल की अग्नि म...जीवन समय से अधिक महत्वपूर्ण हो गया।<br />काल की अग्नि में सबको तिरोहित होना है। मैं दौड़ लगा कर आत्मदाह नहीं करूँगा। अपना जीवन अपनी गति से जीकर आगन्तुक से कहूँगा।<br />" आओ, मैं स्वागत में बैठा हूँ "<br />प्रशंसनीय प्रस्तुति<br />सच है की हम सब समय का ही रोना रोते हैं. स्वयं समय के साथ न चलकर समय को अपने साथ चलाना चाहते हैं और फिर व्यथित होते हैंरचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-70831396830271665632010-09-07T12:15:45.230+05:302010-09-07T12:15:45.230+05:30@ डॉ. मोनिका शर्मा
बहुत धन्यवाद।
@ Mumukshh Ki Ra...@ डॉ. मोनिका शर्मा<br />बहुत धन्यवाद।<br /><br />@ Mumukshh Ki Rachanain<br />बहुत सटीक उदाहरण दिया है। हमें भी प्रकृति का अनुसरण करना चाहिये, इस विषय में।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-87591558361469353772010-09-07T12:13:42.549+05:302010-09-07T12:13:42.549+05:30@ निर्मला कपिला
समय को पता हमें तब चलता है जब हम उ...@ निर्मला कपिला<br />समय को पता हमें तब चलता है जब हम उससे ऊपर उठकर जीवन पर ध्यान केन्द्रित कर देते हैं। लक्षेयों के पीछे भागते रहने से तो थकान ही प्रप्त होगी।<br /><br />@ Sanjeet Tripathi<br />आपका अनुभव मेरे चिन्तन को दृढ़ ही करेगा। हृदयाद्गारित आभार उत्साहवर्धन का।<br /><br />@ सत्यप्रकाश पाण्डेय<br />समय बलवान है, केवल इस कारण से थक हार कर नहीं बैठा जा सकता है।<br /><br />@ नीरज गोस्वामी<br />बहुत सही कहा है रेड्डीजी ने। भागने वालों की भीड़ का हिस्सा बनना स्वीकार नहीं है।<br /><br />@ सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी<br />जीवन को समय से बड़ा मानना ही पड़ेगा। मूल्यवान जीवन है, इसमें समय के अतिरिक्त और भी बहुत कुछ है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-41064513629978414382010-09-07T11:49:40.534+05:302010-09-07T11:49:40.534+05:30प्रकृति समय का पालन बिना किसी आप-धापी के करती है, ...प्रकृति समय का पालन बिना किसी आप-धापी के करती है, इन्सान क्यों तनाव ग्रस्त रहता है आप-धापी में शायद उसे जल्दी ज्यादा है प्रारंभ में, अंत कब होगा पता ही नहीं रहता........................<br />धीरे - धीरे रे मना , धीरे ही सब होए<br />माली सींचे सौ घड़ा, ऋतु आये फल होए<br /><br />एक अत्यंत सम्यक ज्ञानवर्धक, प्रेरक पोस्ट<br />हार्दिक बधाई.<br /><br />चन्द्र मोहन गुप्तMumukshh Ki Rachanainhttps://www.blogger.com/profile/11100744427595711291noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-515316233234563312010-09-07T06:24:46.721+05:302010-09-07T06:24:46.721+05:30प्रशंसनीय प्रस्तुति..... सच कहा है .... "समय...प्रशंसनीय प्रस्तुति..... सच कहा है .... "समय बड़ा बलवान है " सार्थक पोस्ट.. डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-73850817815390222822010-09-07T00:22:27.719+05:302010-09-07T00:22:27.719+05:30अद्भुत व्याख्या समय के सापेक्ष। मन को राहत पहुँचा...अद्भुत व्याख्या समय के सापेक्ष। मन को राहत पहुँचाती।सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/04825484506335597800noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-76348902007294355272010-09-07T00:20:34.732+05:302010-09-07T00:20:34.732+05:30समय के प्रति नयी सोच। राहत देने वाली। अद्भुत लिखा...समय के प्रति नयी सोच। राहत देने वाली। अद्भुत लिखा है आपने।सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/04825484506335597800noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-67725771950306308972010-09-06T16:16:14.323+05:302010-09-06T16:16:14.323+05:30कितनी सहजता से आपने इतनी महत्वपूर्ण बात को अपनी पो...कितनी सहजता से आपने इतनी महत्वपूर्ण बात को अपनी पोस्ट में समझाया है...वाह...आपके शब्द कौशल की जितनी तारीफ़ की जाए कम है...मेरे मित्र राजेश रेड्डी का ये तब शेर है जब उन्हें कोई जानता था...देखिये कितना सही कहा है उन्होंने :-<br /><br />ज़िन्दगी का रास्ता क्या पूछते हैं आप भी <br />बस उधर मत जाइये भागे जिधर जाते हैं लोग<br /><br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-53906377262081645882010-09-06T11:20:50.375+05:302010-09-06T11:20:50.375+05:30सच ही कहा है समय से बड़ा बलवान कोई नहीं.सच ही कहा है समय से बड़ा बलवान कोई नहीं.SATYAhttps://www.blogger.com/profile/17480899272176053407noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-81154106188679525862010-09-06T00:01:57.338+05:302010-09-06T00:01:57.338+05:30aaya, padhaa lekin kuchh sikhkar jaa rahaa hu bhaa...aaya, padhaa lekin kuchh sikhkar jaa rahaa hu bhaai sahab....aapki aur apne Gyaan dadda ki blog post aksar sochne par majbur karti hain.....<br />chaliye dekhte hain mujhe gadhe ke bheje me kitni aasaani se ye sab baatein ghusti hain....<br /><br />shukriyaa.Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-51907625776411520702010-09-05T23:08:43.745+05:302010-09-05T23:08:43.745+05:30समय की गति ? कुछ पता ही नही चला आपकी पोस्ट पढ कर ध...समय की गति ? कुछ पता ही नही चला आपकी पोस्ट पढ कर ध्यान आया कि 61 साल? इतनी जल्दी चले गयी पता ही नही चला। अभी बहुत कुछ करना है---- मगर समय है कि भागा जा रहा है। सुन्दर दर्शन । क्या करें ऐसे प्रवचन सुनने का समय नही मिला मगर लगता है ब्लागिन्ग करना सफल रहा कम से कम ज़िन्दगी की सच्चाई को तो पडः लेते हैं। बधाई।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-21475932308438480812010-09-05T20:35:03.827+05:302010-09-05T20:35:03.827+05:30@ दिगम्बर नासवा
मानसिक स्थिति ठीक रहने से समय की ग...@ दिगम्बर नासवा<br />मानसिक स्थिति ठीक रहने से समय की गति दिखायी पड़ती है, नहीं तो भड़भड़ में कुछ समझ में नहीं आता है।<br /><br />@ महेन्द्र मिश्र <br />बहुत धन्यवाद।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-50887555518487994952010-09-05T20:32:37.364+05:302010-09-05T20:32:37.364+05:30@ हास्यफुहार
बहुत धन्यवाद।
@ अरुणेश मिश्र
बहुत धन...@ हास्यफुहार<br />बहुत धन्यवाद।<br /><br />@ अरुणेश मिश्र<br />बहुत धन्यवाद।<br /><br />@ हिमांशु पाण्डेय<br />SAINWINIAN ?<br /><br />@ अनामिका की सदायें ......<br />यदि कार्य बहुत अधिक कर लेंगे तो समय के पीछे भागते रहेंगे।<br /><br />@ डॉ महेश सिन्हा<br />समय भागे अपनी गति से, यह उसका धर्म है। हम जीवन जियें अपनी धुन में, यह हमारा धर्म है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-34026464630401129972010-09-05T20:08:32.090+05:302010-09-05T20:08:32.090+05:30@ सतीश पंचम
मनुष्य ने सब यन्त्रों का आविष्कार कर स...@ सतीश पंचम<br />मनुष्य ने सब यन्त्रों का आविष्कार कर समय की गति तो बढ़ा दी, अब पीछे पीछे भाग रहा है। आगे आगे देखिये होता है क्या?<br /><br />@ इलाहाबादी अडडा<br />व्यस्तता के क्षोभ से निकला हुआ उद्गार है यह।<br /><br />@ rakesh ravi<br />जब तेज भागते भागते हाफने लगता हूँ तो यही लगता है कि दौड़ किसलिये रहे थे? प्रश्नों के दलदल में उत्तर के कमल खिल ही जाते हैं।<br /><br />@ shikha varshney<br />बहुत धन्यवाद आपको।<br /><br />@ Ashok Pandey<br />जीवन का महत्व उद्घोषित करने वाला हर लेख सुहाता हैं हमें।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-10540835804557927182010-09-05T18:32:34.229+05:302010-09-05T18:32:34.229+05:30बहुत बढ़िया विचारणीय प्रस्तुति ... आभारबहुत बढ़िया विचारणीय प्रस्तुति ... आभारसमयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-856207236655554662010-09-05T14:51:44.840+05:302010-09-05T14:51:44.840+05:30समय की गति तो हमेशा से एक ही रहती है पर हमारी मानस...समय की गति तो हमेशा से एक ही रहती है पर हमारी मानसिक स्थिति अनुसार हम समय की गति का आंकलन करने लग जाते हैं .... बहुत ही चिंतन से उपजी पोस्ट है ये .... बहुत अच्छी लगी ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.com