tag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post5919728495218062476..comments2024-03-17T19:33:00.050+05:30Comments on न दैन्यं न पलायनम्: वर्तमानप्रवीण पाण्डेयhttp://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comBlogger21125tag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-887275679446240782015-06-04T22:46:25.086+05:302015-06-04T22:46:25.086+05:30आधार मुक्त, मतिद्वार लुप्त,
संकेतों के संसार सुप्त...आधार मुक्त, मतिद्वार लुप्त,<br />संकेतों के संसार सुप्त,<br />प्रश्नों के उत्तर बने प्रश्न,<br />निष्कर्ष रचयिता स्वयं भुक्त ।।५।।<br />जयशंकर प्रसाद और सूर्यकान्त निराला की भाषा सा आलोड़न भाव सरिता लिए है है यह यह छंद बद्ध <br /><br />रचना रचना। बधाई परस्पर सीखते रहेंगे। क्या ज़नाब बनारस को गुलज़ार किये हैं ? virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-67814069619704475662015-06-04T22:38:04.153+05:302015-06-04T22:38:04.153+05:30न आदि ज्ञात, न अन्त ज्ञात,
न अन्तरमन का द्वन्द्व ज...न आदि ज्ञात, न अन्त ज्ञात,<br />न अन्तरमन का द्वन्द्व ज्ञात,<br />यदि ज्ञात अभी, बस वर्तमान,<br />एक साँस उतरती रन्ध्र ज्ञात ।।७।।<br />...एक शाश्वत सत्य...एक साँस का आना जाना ही जीवन है, जिसमें उसका जाना पता होता है लेकिन उसका वापिस आना एक अनिश्चितता. बहुत प्रभावी और गहन अभिव्यक्ति..Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-82030803784659918982015-06-03T14:20:18.674+05:302015-06-03T14:20:18.674+05:30
न आदि ज्ञात, न अन्त ज्ञात,
न अन्तरमन का द्वन्द्व ...<br />न आदि ज्ञात, न अन्त ज्ञात,<br />न अन्तरमन का द्वन्द्व ज्ञात,<br />यदि ज्ञात अभी, बस वर्तमान,<br />एक साँस उतरती रन्ध्र ज्ञात ।।७।।<br /><br />सुन्दर सटीक यथार्थ दर्शन वर्तमान virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-85981629623720773382015-06-02T18:33:33.452+05:302015-06-02T18:33:33.452+05:30यही ऊहापोह ही तो सारे व्यवधानों का मूल है .लेकिन स...यही ऊहापोह ही तो सारे व्यवधानों का मूल है .लेकिन समाधान खोज लेने की प्रज्ञा का प्रतीक भी .आपकी संस्कृतनिष्ठ भाषा रचनाओं को विशिष्ट बनाती है . चिन्तन तो उत्कृष्ट है ही .गिरिजा कुलश्रेष्ठhttps://www.blogger.com/profile/07420982390025037638noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-14332079473695593382015-06-02T10:21:33.762+05:302015-06-02T10:21:33.762+05:30वाह ! बहुत सुन्दर ,हृदयस्पर्शी भावपूर्ण प्रस्तुति....वाह ! बहुत सुन्दर ,हृदयस्पर्शी भावपूर्ण प्रस्तुति.शानदार Madan Mohan Saxenahttps://www.blogger.com/profile/02335093546654008236noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-73981847711986518672015-06-01T20:54:32.788+05:302015-06-01T20:54:32.788+05:30praveen bhayi , ek shaandar kavita .... mujhe to m...praveen bhayi , ek shaandar kavita .... mujhe to mahadevi ji aur nirala ji ki jhalak nazar aayi . <br /><br />aapko bahut saari badhayi vijay kumar sappattihttps://www.blogger.com/profile/06924893340980797554noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-91507761338750547072015-06-01T15:00:22.199+05:302015-06-01T15:00:22.199+05:30उन्मुक्त प्रवाह। उन्मुक्त प्रवाह। Harihar (विकेश कुमार बडोला) https://www.blogger.com/profile/02638624508885690777noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-12148580812256098322015-06-01T12:29:20.106+05:302015-06-01T12:29:20.106+05:30वाह, भावप्रवण कविता...
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रस सिक्त छंद, गति मंद म...वाह, भावप्रवण कविता...<br />...<br />रस सिक्त छंद, गति मंद मंद<br />वर दे भर दे मन में सुगंध<br />मति की गति को दिग्दर्शित कर<br />कविता से झाँके कवि-अंतरसिद्धार्थ शंकर त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/04825484506335597800noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-65892481767633205612015-06-01T11:29:04.121+05:302015-06-01T11:29:04.121+05:30गूढ़ विचारों से भरी जीवन दर्शन के सत्य को दर्शाती...गूढ़ विचारों से भरी जीवन दर्शन के सत्य को दर्शाती अद्भुत प्रस्तुती रचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-23842075653104628972015-06-01T11:05:53.568+05:302015-06-01T11:05:53.568+05:30वर्तमान ही सत्य है।वर्तमान ही सत्य है।गिरधारी खंकरियालhttps://www.blogger.com/profile/07381956923897436315noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-22254203992389321862015-06-01T07:34:26.950+05:302015-06-01T07:34:26.950+05:30 वर्तमान में रहें निरन्तर यह ही हमें अभीप्सित है ।... वर्तमान में रहें निरन्तर यह ही हमें अभीप्सित है । प्रेरक - प्रस्तुति । शकुन्तला शर्माhttps://www.blogger.com/profile/12432773005239217068noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-13422014487529735642015-06-01T05:50:53.038+05:302015-06-01T05:50:53.038+05:30सर जी! ये ट्रान्सफर के बाद एकाएक कवितायें?सर जी! ये ट्रान्सफर के बाद एकाएक कवितायें?बी एस पाबलाhttp://bspabla.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-66618997350717852432015-06-01T04:27:54.366+05:302015-06-01T04:27:54.366+05:30sundar rachna .........padhkar achcha laga.sundar rachna .........padhkar achcha laga.Rishabh Shuklahttps://www.blogger.com/profile/06379621561747869564noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-89746322568353730522015-06-01T02:18:44.078+05:302015-06-01T02:18:44.078+05:30सत्य वचन सत्य वचन NIDHI BAJPAIhttps://www.blogger.com/profile/17390901290467851463noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-53449669953225900242015-05-31T17:06:16.930+05:302015-05-31T17:06:16.930+05:30आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (01-...आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (01-06-2015) को <a href="http://charchamanch.blogspot.in/" rel="nofollow"> "तंबाखू, दिवस नहीं द्दृढ संकल्प की जरुरत है" {चर्चा अंक- 1993} </a> पर भी होगी।<br />--<br />सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।<br />--<br />चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।<br />जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।<br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।<br />सादर...!<br />डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंकडॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-15551792126112597292015-05-31T14:24:26.354+05:302015-05-31T14:24:26.354+05:30बड़े अंतराल के बाद पढ़ा .... अच्छा लगा सतत शब्द प्र...बड़े अंतराल के बाद पढ़ा .... अच्छा लगा सतत शब्द प्रवाह निवेदिता श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/17624652603897289696noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-19990474163953702562015-05-31T11:41:28.551+05:302015-05-31T11:41:28.551+05:30 उत्कृष्ट काव्य रचना उत्कृष्ट काव्य रचना डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-69211972451059074742015-05-31T09:05:57.344+05:302015-05-31T09:05:57.344+05:30दार्शनिक भाव से ओतप्रोत! दार्शनिक भाव से ओतप्रोत! Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-25884169062873865902015-05-31T09:05:48.335+05:302015-05-31T09:05:48.335+05:30दार्शनिक भाव से ओतप्रोत! दार्शनिक भाव से ओतप्रोत! Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-66148894407630253802015-05-31T08:50:23.786+05:302015-05-31T08:50:23.786+05:30क्या पास धरें, क्या त्याग करें,
किस संचय से सब भय ...क्या पास धरें, क्या त्याग करें,<br />किस संचय से सब भय हर लें,<br />तन मन भारी, जग लदा व्यर्थ,<br />गन्तव्य रिक्त, अनुकूल ढलें<br />क्या खूब कहा है भाई जीवन की सत्यता नजर आ गयीishwar khandeliyahttps://www.blogger.com/profile/01408727603986293583noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-27469301778964446432015-05-31T07:49:03.083+05:302015-05-31T07:49:03.083+05:30अद्वितीय विचार और अनूठी रचना ।सर्वांगसम ,सादर नमन ...अद्वितीय विचार और अनूठी रचना ।सर्वांगसम ,सादर नमन ।सर्वानन्द पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/11018277815008227954noreply@blogger.com