tag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post5811821486452569313..comments2024-03-17T19:33:00.050+05:30Comments on न दैन्यं न पलायनम्: साइकिल, टेण्ट और सूखे मेवेप्रवीण पाण्डेयhttp://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comBlogger36125tag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-60345523957395937412013-09-28T15:36:32.333+05:302013-09-28T15:36:32.333+05:30यात्रा का सुख, मित्र का साथ और प्रकृति की गोद में ...यात्रा का सुख, मित्र का साथ और प्रकृति की गोद में विश्राम। मन के साथ ही तन के लिए भी हितकारी। कब निकल रहे हैं।संतोष पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/06184746764857353641noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-21024973781226485412013-09-24T20:30:29.803+05:302013-09-24T20:30:29.803+05:30एक और पर्यटन आपकी अद्भुत लेखनी की बाट जोह रही है !...एक और पर्यटन आपकी अद्भुत लेखनी की बाट जोह रही है !<br />Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-36601726301219137232013-09-24T17:03:22.305+05:302013-09-24T17:03:22.305+05:30ट्रेन की यात्रा, एक फोल्डेबल साइकिल, एक टेण्ट और स...ट्रेन की यात्रा, एक फोल्डेबल साइकिल, एक टेण्ट और सूखे मेवे <br />आनंद के क्षण यहां भी साथ रहेंगे .... अच्छा लग रहा है नीरज जी को आपकी कलम से पढ़नासदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-16863938232140878382013-09-24T11:50:09.909+05:302013-09-24T11:50:09.909+05:30prakrti to adi sikshika hai
prakrti to adi sikshika hai <br />Unknownhttps://www.blogger.com/profile/12859520283420505932noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-20196297546572444142013-09-24T07:00:35.940+05:302013-09-24T07:00:35.940+05:30नीरज की यायावरी पढ़ते जमाना गुजरा...बस, वाह वाह ही...नीरज की यायावरी पढ़ते जमाना गुजरा...बस, वाह वाह ही कर पाते हैं और उससे आगे अपने बस का नहीं जैसे कि आपके लेखन पर बस वाह वाह कह पाते हैं...मेरे लिए दोनों...बस, स्वप्न की सी बातें हैं. Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-9376044606167070012013-09-23T11:58:35.676+05:302013-09-23T11:58:35.676+05:30 यात्रा में अद्भुत आनन्द है । यात्रा में अद्भुत आनन्द है ।शकुन्तला शर्माhttps://www.blogger.com/profile/12432773005239217068noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-55630209673257486652013-09-23T06:21:39.857+05:302013-09-23T06:21:39.857+05:30ख्याल तो अच्छा है
लेकिन बिल्ली के गले में घंटी बां...ख्याल तो अच्छा है<br />लेकिन बिल्ली के गले में घंटी बांधे कौन!?बी एस पाबलाhttp://bspabla.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-55796234007671858792013-09-22T17:20:02.535+05:302013-09-22T17:20:02.535+05:30नये विषयों पर आपके लेख बरबस खींच लेते हैं। अच्छा व...नये विषयों पर आपके लेख बरबस खींच लेते हैं। अच्छा विचार।गिरधारी खंकरियालhttps://www.blogger.com/profile/07381956923897436315noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-5186272860437679502013-09-22T16:48:49.863+05:302013-09-22T16:48:49.863+05:30पटरियों के किनारे-किनारे सायकिल से नापा हुआ पूरा द...पटरियों के किनारे-किनारे सायकिल से नापा हुआ पूरा देश..सोच कर ही रोमांच हो आया..Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-83416108138178861292013-09-22T12:34:52.246+05:302013-09-22T12:34:52.246+05:30सायकिल आज भी एक महत्पुन्र्ण सवारी है ... वो भी बिन...सायकिल आज भी एक महत्पुन्र्ण सवारी है ... वो भी बिना खर्च के ';मेरे भी ब्लॉग पर आये babanpandeyhttps://www.blogger.com/profile/17780357103706948852noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-34496360392554312832013-09-22T09:39:42.657+05:302013-09-22T09:39:42.657+05:30 बहुत सुन्दर आलेख नगर की सीमा ख़तम होते ही आनंद की... बहुत सुन्दर आलेख नगर की सीमा ख़तम होते ही आनंद की सीमा प्रारंभ होती है.. भ्रमण को प्रेरित करती हुई .... फिर भी घुम्म्क्कड़ी कई बातों पर निर्भर करती है , कई लोग चाहकर भी ऐसा नहीं कर पाते .. Neeraj Neerhttps://www.blogger.com/profile/00038388358370500681noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-77978170898667235102013-09-21T22:53:28.765+05:302013-09-21T22:53:28.765+05:30नीरज की तो बात ही अलहदा है... हम तो यही सोचते हैं,...नीरज की तो बात ही अलहदा है... हम तो यही सोचते हैं, चलो हुमसे तो इतना न हो पाएगा.... देख के ही मज़े ले लो.... Shekhar Sumanhttps://www.blogger.com/profile/02651758973102120332noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-10084146540478188042013-09-21T20:41:15.130+05:302013-09-21T20:41:15.130+05:30बहुत खूब लिखा है अभी इतने बुरे दिन नहीं आये हैं आप...बहुत खूब लिखा है अभी इतने बुरे दिन नहीं आये हैं आप अपनी पीठ के पीछे बस एक प्लास्टिक का डिब्बा और साईं बाबा की एक तस्वीर चिपका लें फिर ड्राई फ्रूट्स का खर्चा निकलता जाएगा। <br /><br />असल बात है देश दर्शन के अलावा देश की नवज टटोलना। virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-38146659163747606382013-09-21T20:11:37.726+05:302013-09-21T20:11:37.726+05:30राहुल सांकृत्यायन प्रसिद्ध घुमक्कड़ थे।एक बार तिब्...राहुल सांकृत्यायन प्रसिद्ध घुमक्कड़ थे।एक बार तिब्बत यात्रा के दौरान सत्तू ले गए थे।संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-16037142018820123602013-09-21T20:11:22.863+05:302013-09-21T20:11:22.863+05:30राहुल सांकृत्यायन प्रसिद्ध घुमक्कड़ थे।एक बार तिब्...राहुल सांकृत्यायन प्रसिद्ध घुमक्कड़ थे।एक बार तिब्बत यात्रा के दौरान सत्तू ले गए थे।संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-59037121853251941532013-09-21T20:05:47.359+05:302013-09-21T20:05:47.359+05:30सच में अच्छा तो लगता है उनका ब्लॉग पढ़कर ..... उनक...सच में अच्छा तो लगता है उनका ब्लॉग पढ़कर ..... उनका उत्साह और हिम्मत दोनों प्रशंसनीय हैं डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-43250764121126507162013-09-21T19:47:35.864+05:302013-09-21T19:47:35.864+05:30आपकी बदौलत नीरज को लगातार पढ रही हूँ । उनके यात्रा...आपकी बदौलत नीरज को लगातार पढ रही हूँ । उनके यात्रा-वृतान्त अनूठे हैं । रोचक हैं और सुन्दर चित्रमय हैं । हाँ हर किसी के लिये यह चाहते हुए भी सम्भव नही है । पर जिनके लिये है वे सचमुच जीवन का सच्चा आनन्द ले रहे हैं आप भी उनमें से एक हैं । गिरिजा कुलश्रेष्ठhttps://www.blogger.com/profile/07420982390025037638noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-44050318904051043032013-09-21T15:49:53.668+05:302013-09-21T15:49:53.668+05:30पर्यटन को एक नयी सोच और दिशा देता हुआ आलेख ।पर्यटन को एक नयी सोच और दिशा देता हुआ आलेख ।विकास गुप्ताhttps://www.blogger.com/profile/01334826204091970170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-39033055849228604012013-09-21T14:27:53.490+05:302013-09-21T14:27:53.490+05:30अभी पर्यटन में लगे व्यय को देखता हूँ तो लगता है कि...अभी पर्यटन में लगे व्यय को देखता हूँ तो लगता है कि पर्यटन भी सबकी पहुँच के बाहर होता जा रहा है, एक सुविधा होता जा रहा है। (सुविधा) के बजाय (दुविधा) कर लें। अभी अव्यावहारिक लगनेवाली आपकी पर्यटनोचित संकल्पनाएं निश्चय ही निकट भविष्य में व्यावहारिक रंग में रंगी होंगी, ऐसी कामना करता हूँ।Harihar (विकेश कुमार बडोला) https://www.blogger.com/profile/02638624508885690777noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-90284450915565562532013-09-21T13:55:11.024+05:302013-09-21T13:55:11.024+05:30“अजेय-असीम{Unlimited Potential}” -
मैंने रेलवे के ...<a href="http://drakyadav.blogspot.in/" rel="nofollow">“अजेय-असीम{Unlimited Potential}”</a> -<br />मैंने रेलवे के पटरियों के किनारे सौंदर्य और सुरम्य वातावरण देखा हैं |महसूस किया हैं |उर्जा /सकून/ताजगी बड़ी लुभावनी लगती हैं |<br />बहुत सुंदर लेखन |Dr ajay yadavhttps://www.blogger.com/profile/17231136774360906876noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-31427194345004459462013-09-21T13:49:23.444+05:302013-09-21T13:49:23.444+05:30बहुत सुन्दर प्रस्तुति सर थैंक्स। बहुत सुन्दर प्रस्तुति सर थैंक्स। Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/03331897204755328396noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-32474609247509576382013-09-21T12:57:56.489+05:302013-09-21T12:57:56.489+05:30पर्यटन की ओर यदि दृढ इक्छा हो तभी यह कार्य संभव है...पर्यटन की ओर यदि दृढ इक्छा हो तभी यह कार्य संभव है,,,<br /> <br /><b>RECENT POST </b><a href="http://dheerendra11.blogspot.in/2013/09/blog-post_19.html?showComment=1379606058203" rel="nofollow">: हल निकलेगा</a>धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-83627309537239911372013-09-21T12:35:44.577+05:302013-09-21T12:35:44.577+05:30आज की विशेष बुलेटिन विश्व शांति दिवस .... ब्लॉग बु...आज की विशेष बुलेटिन <a href="http://bulletinofblog.blogspot.in/2013/09/International-Peace-Day-21-September.html" rel="nofollow"><b>विश्व शांति दिवस .... ब्लॉग बुलेटिन</b></a> में आपकी इस पोस्ट को भी शामिल किया गया है। सादर .... आभार।।<br />HARSHVARDHAN https://www.blogger.com/profile/15717143838847827989noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-2320889698253600092013-09-21T12:09:00.906+05:302013-09-21T12:09:00.906+05:30Nice www.hinditechtrick.blogspot.comNice www.hinditechtrick.blogspot.comkunal kumarhttps://www.blogger.com/profile/07408822247276289116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-33881373774478075322013-09-21T11:19:55.425+05:302013-09-21T11:19:55.425+05:30यात्रा करनी चाहिए चाहे माध्यम एवं प्रयोजन खुछ भी ह...यात्रा करनी चाहिए चाहे माध्यम एवं प्रयोजन खुछ भी हो क्योंकि सतत् यात्रा ही जीवन है.RAKESH KUMAR SRIVASTAVA 'RAHI'https://www.blogger.com/profile/14562043182199283435noreply@blogger.com