tag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post4392411617383548661..comments2024-03-17T19:33:00.050+05:30Comments on न दैन्यं न पलायनम्: कफ, वात, पित्तप्रवीण पाण्डेयhttp://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comBlogger34125tag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-30951243225405865912015-09-25T11:18:09.460+05:302015-09-25T11:18:09.460+05:30ThanksThanksAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/00224042716739060117noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-65661931579793872392014-03-16T18:35:11.137+05:302014-03-16T18:35:11.137+05:30बहुत उपयोगी जानकारी हैं ,मेरे लिए |बहुत उपयोगी जानकारी हैं ,मेरे लिए |Dr ajay yadavhttps://www.blogger.com/profile/17231136774360906876noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-76958001815954643842014-02-25T00:03:09.121+05:302014-02-25T00:03:09.121+05:30mahattvapoorn jaankari aur vichaar ek saath !mahattvapoorn jaankari aur vichaar ek saath !Hari Shanker Rarhihttps://www.blogger.com/profile/10186563651386956055noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-51510793888770973082014-02-24T20:50:17.299+05:302014-02-24T20:50:17.299+05:30आपने बहुत ही उपयोगी व प्रमाणिक जानकारी दी है । मुझ...आपने बहुत ही उपयोगी व प्रमाणिक जानकारी दी है । मुझे याद है मेरे पिताजी , जो अच्छे शिक्षक होने के साथ-साथ आयुर्वेद-चिकित्सा में भी अच्छा अनुभव रखते थे, नाडी पर उंगलियाँ रख कर ही बता देते थे कि मरीज का पित्त कुपित है या वात । फिर उसी अनुसार पथ्य-अपथ्य । दवा कम परहेज ज्यादा । वास्तव में आयुर्वेद ही हमारे शरीर , स्वास्थ्य व सही चिकित्सा का मार्ग प्रशस्त करता है ।गिरिजा कुलश्रेष्ठhttps://www.blogger.com/profile/07420982390025037638noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-3854995875850673392014-02-24T18:09:03.237+05:302014-02-24T18:09:03.237+05:30आयुर्वेद में प्रत्येक व्यक्ति की उस समय की दशा के ...आयुर्वेद में प्रत्येक व्यक्ति की उस समय की दशा के आधार पर चिकित्सा निर्धारित की जाती है और वह आधार कफ , पित्त और वात से तय होता है। <br />विषय का सरलीकरण समझने में मददगार है। वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-50287362531569084972014-02-24T12:22:35.863+05:302014-02-24T12:22:35.863+05:30बड़ी आसानी से वे बातें समझा हीं आपने ,जो ग्रंथों म...बड़ी आसानी से वे बातें समझा हीं आपने ,जो ग्रंथों में इतनी भारी-भरकम लगती थीं कि उनके बीच धँसने की हिम्मत नहीं पड़ती थी.<br />साधु! प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-43811085982134206522014-02-23T18:37:07.958+05:302014-02-23T18:37:07.958+05:30बारीकी से विश्लेषण बहुत ही उपयोगी है ......
हार्दि...बारीकी से विश्लेषण बहुत ही उपयोगी है ......<br />हार्दिक शुभ कामनाएँ विभा रानी श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/01333560127111489111noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-7777691302560363822014-02-23T16:43:24.042+05:302014-02-23T16:43:24.042+05:30अति सुन्दर शानदार प्रस्तुति आत्मसात करने के बाद लि...अति सुन्दर शानदार प्रस्तुति आत्मसात करने के बाद लिखा है आपने अष्टांगहृदयम सार संक्षेप शुक्रिया आपकी निरंतर प्रेरक टिप्पणियों का। virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-36722259674576226982014-02-23T15:30:34.305+05:302014-02-23T15:30:34.305+05:30बहुत उपयोगी और सारगर्भित प्रस्तुति...बहुत उपयोगी और सारगर्भित प्रस्तुति...Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-35219178515642642742014-02-23T13:05:39.121+05:302014-02-23T13:05:39.121+05:30इस विषय पे आपकी खोज का लाभ ब्लॉग जगत ले रहा है ......इस विषय पे आपकी खोज का लाभ ब्लॉग जगत ले रहा है ... <br />आपमें बात को सहज और विस्तृत रूप से रखने की क्षमता है ... बहुत बहुत आभार आपका ... दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-45386608856548990142014-02-23T12:45:12.845+05:302014-02-23T12:45:12.845+05:30संग्रहणीय कड़ियँ।संग्रहणीय कड़ियँ।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-32280741258614394262014-02-22T23:47:36.218+05:302014-02-22T23:47:36.218+05:30ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन ब्लॉग-बुलेटिन: एक ...<br />ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन <a href="http://bulletinofblog.blogspot.in/2014/02/blog-post_22.html" rel="nofollow"> ब्लॉग-बुलेटिन: एक रेट्रोस्पेक्टिव </a> मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !<br /><br />ब्लॉग बुलेटिनhttps://www.blogger.com/profile/03051559793800406796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-38319572893763021952014-02-22T21:15:30.573+05:302014-02-22T21:15:30.573+05:30वाग्भट्ट कृत अष्टांगहृदयं के प्रथम अध्याय में ही इ...वाग्भट्ट कृत अष्टांगहृदयं के प्रथम अध्याय में ही इन तीन तत्वों के गुण परिभाषित हैं। कौन सा या कौन से तत्व प्रभावी है, यह शरीर की बनावट, मानसिक स्थिति और बौद्धिकता से स्पष्ट हो जाता है। जहाँ वात के प्रभाव वाला मन से सतत चंचल होगा, वहीं कफ के प्रभाव वाला सौम्य और स्थिर होगा। इनके गुणों को समझ लेने से किस वस्तु, मौसम, क्रिया और भाव का शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है, उसके सैद्धान्तिक आधार स्पष्ट हो जाते हैं।<br /><br />अष्टांग हृदयम को मथ के आपने मख्खन परोस दिया है। विस्तृत पड़ताल करती श्रंखला आयुर्वेद के बुनियादी सिद्धांतों और आधार का। आभार आपकी निष्काम टिप्प्णियों का। virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-1488604972269757892014-02-22T20:52:35.404+05:302014-02-22T20:52:35.404+05:30बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
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आपकी इस प्रविष्टि् की...बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!<br />--<br />आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (23-02-2014) को <a href="http://charchamanch.blogspot.in/" rel="nofollow">" विदा कितने सांसद होंगे असल में" (चर्चा मंच-1532) </a> पर भी होगी!<br />--<br />सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।<br />--<br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।<br />सादर...!<br />डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-53651938812300911232014-02-22T20:00:23.096+05:302014-02-22T20:00:23.096+05:30हम्म..हम्म..देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-66082402333038378782014-02-22T19:43:47.459+05:302014-02-22T19:43:47.459+05:30ज्ञान वर्धक पोस्ट !! आभार आपका !ज्ञान वर्धक पोस्ट !! आभार आपका !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-86658006212290507232014-02-22T19:40:36.186+05:302014-02-22T19:40:36.186+05:30हमें भी अष्टांगहृदयम को पढ़ने के बाद बहुत फ़ायदा हुआ...हमें भी अष्टांगहृदयम को पढ़ने के बाद बहुत फ़ायदा हुआ, बहुत सी छोटी छोटी बीमारियों के अचूक इलाज मिल गये ।विवेक रस्तोगीhttps://www.blogger.com/profile/01077993505906607655noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-15032955284022828112014-02-22T19:31:59.966+05:302014-02-22T19:31:59.966+05:30आगे की कड़ियों का इंतजार है फिर इत्मिनान से कमेंट ...आगे की कड़ियों का इंतजार है फिर इत्मिनान से कमेंट करेंगे।Ankur Jainhttps://www.blogger.com/profile/17611511124042901695noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-4044928005313974102014-02-22T18:03:49.376+05:302014-02-22T18:03:49.376+05:30सेहत के सुंदर सूत्र ...अच्छी जानकारी मिल रही है .....सेहत के सुंदर सूत्र ...अच्छी जानकारी मिल रही है ....; डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-32851798152385228472014-02-22T17:32:14.294+05:302014-02-22T17:32:14.294+05:30निरोगधाम में बहुत पढ़ा ...पर तब इतना मन नहीं लगा......निरोगधाम में बहुत पढ़ा ...पर तब इतना मन नहीं लगा........ऊपवास तो प्रयोग किया है बहुत प्रभावी रहा हमेशाArchana Chaojihttps://www.blogger.com/profile/16725177194204665316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-24943152404660873212014-02-22T17:25:01.322+05:302014-02-22T17:25:01.322+05:30पराधीनता ही तो सब कुछ लील गयी इस देश का।पराधीनता ही तो सब कुछ लील गयी इस देश का।गिरधारी खंकरियालhttps://www.blogger.com/profile/07381956923897436315noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-56505267046864856742014-02-22T15:35:27.526+05:302014-02-22T15:35:27.526+05:30निश्चय ही कालान्तर में पराधीनता के घातक पाशों मे...निश्चय ही कालान्तर में पराधीनता के घातक पाशों में रहने के दौरान राष्ट्र ने आयुर्वेद के प्रलेखीय दर्शन को तो गाहे-बगाहे जीवित रखा, पर उसकी प्रायोगिकता को दैनंदिन का व्यवहार नहीं बनने दिया। करते रहिए अध्ययन वाग्भट्ट के आयुर्वेद का और ब्लॉग जगत में हिन्दी को उत्कृष्टता से स्थापित भी। Harihar (विकेश कुमार बडोला) https://www.blogger.com/profile/02638624508885690777noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-78328076031188007762014-02-22T14:44:28.731+05:302014-02-22T14:44:28.731+05:30कफ, वात और पित्त का सत ,रज और तम से किसी स्तर पर स...कफ, वात और पित्त का सत ,रज और तम से किसी स्तर पर सम्बन्ध है क्या ?ज्ञानवर्धक आलेख .......कौशल लालhttps://www.blogger.com/profile/04966246244750355871noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-26312700087505814312014-02-22T12:27:10.333+05:302014-02-22T12:27:10.333+05:30पूरी रिसर्च ही कर ली आपने ... बहुत सुन्दर आलेख पूरी रिसर्च ही कर ली आपने ... बहुत सुन्दर आलेख संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-13067871839617995542014-02-22T12:26:36.078+05:302014-02-22T12:26:36.078+05:30This comment has been removed by the author.संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.com