tag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post4021136595507721516..comments2024-03-17T19:33:00.050+05:30Comments on न दैन्यं न पलायनम्: हिन्दी उत्थान और सहजताप्रवीण पाण्डेयhttp://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comBlogger73125tag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-83362298511565749222014-11-09T00:49:39.043+05:302014-11-09T00:49:39.043+05:30कोई भी शब्द और कहीं का भी विज्ञान कठिन नहीं होता। ...कोई भी शब्द और कहीं का भी विज्ञान कठिन नहीं होता। कठिन तो वह अर्थ होता है जो चयनित शब्दों के प्रयोग और उस विज्ञान के भौतिकीय अर्थ से भी मनुष्य के दिमाग में स्पष्ट चित्र नहीं बना पाता। यदि आपको मेरे शब्द कठिन लगते हैं। अर्थात मेरे लेखन में कहीं तो कमी है। और मुझे उसे दूर करना चाहिए।<br />- अज़ीज़ रायअज़ीज़ रायhttps://www.blogger.com/profile/09237300181352146572noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-14205798231544986132011-09-15T00:39:12.738+05:302011-09-15T00:39:12.738+05:30आपकी बात से मैं शब्दश: सहमत हूँ। हिन्दी के ही नह...आपकी बात से मैं शब्दश: सहमत हूँ। हिन्दी के ही नहीं, किसी भी भाषा के मामले को हलकेपन से नहीं लिया जाना चाहिए। हिन्दी के लिए, अपने परिचय क्षेत्र में मैं वह सब करता हूँ जिनका संकेत आपने किया है। असर यह होता है कि मेरी उपस्थिति में कोई भी हिन्दी का उपहास करने का साहस नहीं करता। अनुवाद के नाम पर हिन्दी को क्लिष्ट कर देना भी हिन्दी विरोध ही है।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-46357107187117733092011-09-10T11:39:57.382+05:302011-09-10T11:39:57.382+05:30प्यारे प्रवीण जी
आपका लिठ侼/SPAN> सही है और अच्...प्यारे प्रवीण जी <br />आपका लिठ侼/SPAN> सही है और अच्छा लगा. सरल भाद#183ा ही सुंदर भाद#183ा है. आपकी हिन्दी सरल है, सुंदर है, और शुद्ध है. हिन्दी ऐसी ही होनी चाहिए. श्री राजीव गोस्वामी दिल्ली मे प्राध्यापक वैज्ञानिक हैं. उनकी वेबसाइट है गीता कविता. वैसे तो यह हिन्दी कविताओं का सुंदर संकलन है पर वहाँ उनके कई वैयक्तिक ले़/SPAN> भी हैं. एक ले़/SPAN> में उन्होने इस बात पर विचार किया है और उनका मानना है की शुद्ध हिन्दी और उपयुक्त शब्दों का प्रयोग भी ज़रूरी है अगर हम हिन्दी का सम्मनजंक विकास चाहते हैं तो. कई क्लिद#183्ट विचार, भाव और परिस्थिति को सही सही व्यक्त कर पाने के लिए क्लिद#183्ट शब्दों का प्रयोग आवश्यक हो सकता है और हमें उससे बचने की कोशिश नही करनी चाहिए. हिन्दी मे विज्ञान और दर्शन के विकास के लिए यह भी आवश्यक है. परंतु कोशिश तो यही हो की हम सटीक और सरल हों. धन्यवाद <br />राकेशRaravihttps://www.blogger.com/profile/06067833078018520969noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-62131935469687512432011-09-10T09:22:33.549+05:302011-09-10T09:22:33.549+05:30संस्कृत निष्ठ भाषा को भी मजाक का पात्र बनाते हैं, ...संस्कृत निष्ठ भाषा को भी मजाक का पात्र बनाते हैं, जबकि जिन शब्दों का प्रयोग किया जाता है वे सामान्य लगने लगते हैं और जिन का प्रयोग बन्द कर दिया जाता है वे दुरूह हो जाते हैं.भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-89918551129991675542011-09-10T08:44:36.769+05:302011-09-10T08:44:36.769+05:30भाषा अभिव्यक्ति का माध्यम है। कपार पर ले कर चलने क...भाषा अभिव्यक्ति का माध्यम है। कपार पर ले कर चलने की चीज नहीं!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-34016671656428838422011-09-10T01:07:57.480+05:302011-09-10T01:07:57.480+05:30achchha lga aapka ye lekh ...vicharneey baat...achchha lga aapka ye lekh ...vicharneey baat...सु-मन (Suman Kapoor)https://www.blogger.com/profile/15596735267934374745noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-25851488142770768052011-09-10T01:07:57.252+05:302011-09-10T01:07:57.252+05:30achchha lga aapka ye lekh ...vicharneey baat...achchha lga aapka ye lekh ...vicharneey baat...सु-मन (Suman Kapoor)https://www.blogger.com/profile/15596735267934374745noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-9630733458772449292011-09-10T01:07:46.896+05:302011-09-10T01:07:46.896+05:30achchha lga aapka ye lekh ...vicharneey baat...achchha lga aapka ye lekh ...vicharneey baat...सु-मन (Suman Kapoor)https://www.blogger.com/profile/15596735267934374745noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-85746941177321959262011-09-09T21:03:11.414+05:302011-09-09T21:03:11.414+05:30गहन चिन्तनयुक्त विचारणीय लेख....गहन चिन्तनयुक्त विचारणीय लेख....Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-41566884575808279042011-09-09T19:03:32.110+05:302011-09-09T19:03:32.110+05:30जो हो भाई साहब हिंदी सरकारी उपेक्षा के बावजूद फल फ...जो हो भाई साहब हिंदी सरकारी उपेक्षा के बावजूद फल फूल रही है और अब तो इलेक्त्रोनी पत्रकारिता हिंदी के बिना लंगड़ी है .बच्चों के लिए अंग्रेजी के अलावा हिंदी पर अधिकार भी ज़रूरी है .केन्द्रीय विद्यालय प्रशंशा के पात्र हैं .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-72269726724758317132011-09-09T03:40:46.567+05:302011-09-09T03:40:46.567+05:30technical difficulty.
i typed a comment on qullpad...technical difficulty.<br />i typed a comment on qullpad in hindi but unable to transfer here.<br />i wonder how do somany people can write thier comments in hindi but not me.<br /><br />aap to kaphi technical hain, could you help me?<br /><br />aapka prashanshak<br />rakesh raviRaravihttps://www.blogger.com/profile/06067833078018520969noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-91754571426151029702011-09-09T00:50:03.415+05:302011-09-09T00:50:03.415+05:30भाषा किसी के कहने से नहीं बनती, उसे समाज और परिवेश...भाषा किसी के कहने से नहीं बनती, उसे समाज और परिवेश बनाता है। उदाहरण हैं आजके एफएम रेडियो। आप लाख सर मार लें वे जिस भाषा में बात करते हैं उसे आप क्या कहेंगे। एक एफएम रेडियो पर बहुत प्यार के साथ रसिया( यानी रूस) की बातें हिन्दी में बताई जाती हैं। लेकिन आधे से अधिक शब्द अंग्रेजी के होते हैं।राजेश उत्साहीhttps://www.blogger.com/profile/15973091178517874144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-25079856950098921692011-09-09T00:35:06.379+05:302011-09-09T00:35:06.379+05:30हिन्दी दिवस आ रहा है तो लेखों का बाजार गर्म है। यह...हिन्दी दिवस आ रहा है तो लेखों का बाजार गर्म है। यहाँ तो एक से एक भाषाविद और महान हिन्दी प्रेमी लोग आ चुके हैं। अब हम क्या कहे?चंदन कुमार मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/17165389929626807075noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-45149720455561702592011-09-08T22:12:27.529+05:302011-09-08T22:12:27.529+05:30सम्प्रेश्नीयता की बात सही है की बोलचाल की भाषा का ...सम्प्रेश्नीयता की बात सही है की बोलचाल की भाषा का उपयोग होना चाहिए.एनी भाषा के शब्दों को स्थान और स्वीकार्यता मिलनी चाहिए...पर इसका मतलब यह तो नहीं की एक वाक्य में साठ से अस्सी प्रतिशत शब्द अंगरेजी या अन्य भाषा से हों तो भी वाक्य हिन्दी ही कहलाये...रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-49400706582659057252011-09-08T22:08:06.603+05:302011-09-08T22:08:06.603+05:30शब्दशः सहमति है आपसे...आपने जितने सार्थक ढंग से वि...शब्दशः सहमति है आपसे...आपने जितने सार्थक ढंग से विषय को विवेचित किया,बहुत अधिक कुछ नहीं बच जाता जोड़ने को...<br /><br />सचमुच ही बहुत दुःख होता आज की पीढी को यह कहते सुनकर की क्या उपयोगिता है हिन्दी की...इसे अवैज्ञानिक अनुपयोगी और उपहासप्रद (संस्कृतिनिष्ठ रूप को) ठहरा पीढी केवल एक भाषा से ही नहीं,बल्कि विराट संस्कृति से दूर हो रही है..<br /><br />हमारे यहाँ एक समाचार पत्र है जो युवा पीढी(युवतियों) के लिए एक विशेष परिशिष्ट निकलता है जिसमे लड़कियों के लिए किशोरी,युवती जैसे शब्दों का व्यवहार नहीं बल्कि "गर्ल्स" शब्द व्यवहृत होता है...और जो लेख या समाचार होते हैं,उसमे अधिकांश रोमन शब्दों को देवनागरी में लिखा गया होता है...किस हिन्दी और किस वर्ग का कल्याण इससे किया जा रहा है,,,पता नहीं...रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-49854387206841899992011-09-08T18:00:05.866+05:302011-09-08T18:00:05.866+05:30मान्यवर प्रवीण जी !आपकी यह पोस्ट "हिंदी उत्थ...मान्यवर प्रवीण जी !आपकी यह पोस्ट "हिंदी उत्थान और सहजता "आज समाज "(८ सितम्बर ,२०११ )के सम्पादकीय पृष्ठ पर प्रकाशित है.बधाई .जरा भी कांट छांट नहीं की गई है पोस्ट से .बधाई !<br />किस्मत वालों को मिलती है "तिहाड़".<br />http://veerubhai1947.blogspot.com/virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-26359914758786130232011-09-08T16:58:23.362+05:302011-09-08T16:58:23.362+05:30सही है. सब टी वी वाले तो काफ़ी बढ़िया हिन्दी उपयोग ...सही है. सब टी वी वाले तो काफ़ी बढ़िया हिन्दी उपयोग करते हैं.<br />मुझे लगता है की अन्य भारतीय भाषाओँ से शब्द लिए जाएँ तो बेहतर होगा.<br />घुघूती बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-12459699944593461392011-09-08T15:42:25.632+05:302011-09-08T15:42:25.632+05:30आपकी पोस्ट आज के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है
क...आपकी पोस्ट आज के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है <br />कृपया पधारें <br /><a href="http://charchamanch.blogspot.com/2011/09/631.html" rel="nofollow"> चर्चा मंच-631,चर्चाकार --- दिलबाग विर्क </a>दिलबागसिंह विर्कhttps://www.blogger.com/profile/11756513024249884803noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-65103272303084135292011-09-08T13:24:38.789+05:302011-09-08T13:24:38.789+05:30"धीरे धीरे यह धारणा बनायी जा रही है कि हिन्दी..."धीरे धीरे यह धारणा बनायी जा रही है कि हिन्दी एक ऐसी भाषा है जो संवाद और संप्रेषण योग्य नहीं है, जो वैज्ञानिक नहीं है, जो आधुनिक नहीं हैं। "<br />---यह धारणा कौन बना रहा है...चंद अंग्रेजीदां पश्चिमोमुखी लोग....अन्यथा विभिन्न वैज्ञानिक एवं प्रत्येक प्रकार पत्र, साहित्य, व्यापारिक, बाज़ार के कार्य सभी में हिन्दी में बढ़ चढ कर सुलभता से कार्य होरहा है....<br />---भाषा वह है जो रहे सुंदर सरल सुबोध |<br /> जन मानस को कर सके हर्षित,प्रखर,प्रबोध|| <br /><br />--परन्तु यह भी सत्य है कि भाव और प्रसंग के अनुरूप तो भाषा अवश्य ही होनी चाहिए.. शुद्ध भाषा भी व क्लिष्ट भाषा भी ....अन्य भाषाओं के तमाम शब्द ग्रहण करने से भी मूल भाषा का लुप्त होने का भय रहता है अत: उसमें भी संयमता बरतानी चाहिए...<br />------सुंदर सार्थक पोस्ट के लिए बधाई... shyam guptahttps://www.blogger.com/profile/11911265893162938566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-31806337628925455072011-09-08T12:26:00.656+05:302011-09-08T12:26:00.656+05:30विचारणीय और सटीक आलेख्।विचारणीय और सटीक आलेख्।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-53456315736684701082011-09-08T11:41:44.569+05:302011-09-08T11:41:44.569+05:30बहुत ही निराश करने वाली बात है...बहुत ही निराश करने वाली बात है...संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-81001209954951312092011-09-08T10:49:17.610+05:302011-09-08T10:49:17.610+05:30जो हिंदी का सम्मान न करे उसमें स्वाभिमान की कमी है...जो हिंदी का सम्मान न करे उसमें स्वाभिमान की कमी है।ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-746007237399373452011-09-08T08:32:07.363+05:302011-09-08T08:32:07.363+05:30हम हिन्दी,हिन्दू,हिन्दुस्तान.....
हमारी भाषा सबमें...हम हिन्दी,हिन्दू,हिन्दुस्तान.....<br />हमारी भाषा सबमें महान.......amit kumar srivastavahttps://www.blogger.com/profile/10782338665454125720noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-23444435805765047662011-09-08T05:44:15.008+05:302011-09-08T05:44:15.008+05:30हिन्दी भाषा की रातें अमावस सी हैं,
आंग्ल-भाषा की र...हिन्दी भाषा की रातें अमावस सी हैं,<br />आंग्ल-भाषा की रातें तो पावस सी हैं,<br />मन्त्रियों की जबानों में छाला हुआ।<br />तेल कानों में हमने है डाला हुआ।।डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-69133194749117255492011-09-08T02:50:30.146+05:302011-09-08T02:50:30.146+05:30सरल,सहज संवाद स्थापित करती भाषा ही सबसे सुंदर व प्...सरल,सहज संवाद स्थापित करती भाषा ही सबसे सुंदर व प्रभावकारी भाषा है। मुँशी प्रेमचंद जी जैसे हमारे लेखकों की कृतियाँ हमारी हिंदी भाषा कि इसी सुंदरता व प्रभावकारिता की अक्ष्क्षुण सिद्धिमान हैं। अति सुंदर व स्पष्ट लेख ।देवेंद्रhttps://www.blogger.com/profile/13104592240962901742noreply@blogger.com