tag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post3621571044115764251..comments2024-03-17T19:33:00.050+05:30Comments on न दैन्यं न पलायनम्: आईआईटी - एक आनन्द यात्राप्रवीण पाण्डेयhttp://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comBlogger51125tag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-26857783048946478392013-02-16T15:34:30.270+05:302013-02-16T15:34:30.270+05:30आपने सही चिन्तन किया है ... कभी-कभी मुझे तो इसका क...आपने सही चिन्तन किया है ... कभी-कभी मुझे तो इसका कारण अनावश्यक राजनीतिक हस्तक्षेप लगता है । जब प्रवेश -प्रक्रिया में इन संस्थानों ने अपना अलग विचार रखा तो उनको किस प्रकार विवश किया गया ये तो सब जानते हैं । निवेदिता श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/17624652603897289696noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-5851018367434622432013-02-15T23:33:13.278+05:302013-02-15T23:33:13.278+05:30बहुत प्रेरक लेख ।सतत खोज ही ही ऐसे संस्थानों की उत...बहुत प्रेरक लेख ।सतत खोज ही ही ऐसे संस्थानों की उत्कृष्ट ता को बनाये रखती है वह जीवन या समाज से जुड़े कोई भी क्षेत्र से हो ।<br />ऐसे ही अध्यात्म के क्षेत्र में कर्नाटक में ही कोई मठ (मुझे नाम यद् नहीं आ रहा है ।)के स्वामी मुख्य श्री बालगंगाधर भी आई आई टी से पास आउट है शायद आप जानते ही होंगे ।शोभना चौरेhttps://www.blogger.com/profile/03043712108344046108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-86191844258015019632013-02-15T14:23:00.510+05:302013-02-15T14:23:00.510+05:30विनीत जी का दृष्टिकोण विचारणीय है ....विनीत जी का दृष्टिकोण विचारणीय है ....संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-46475486370655511912013-02-13T07:50:56.503+05:302013-02-13T07:50:56.503+05:30आई.आई.टी. में देश के सबसे अच्छे बच्चे जाते हैं लेक...आई.आई.टी. में देश के सबसे अच्छे बच्चे जाते हैं लेकिन कुछ तो लफ़ड़ा है कि निकलने के बाद देश का सबसे ज्यादा भला नहीं हो पाता। माहौल में कुछ तो गड़बड़ है कि कानपुर आई.आई.टी. में हर साल एक आत्महत्या हो जाती है। कानपुर के इन्फ़ोठेला का बहुत हल्ला सुना अब लगता है पंक्चर खड़ा है कहीं। अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-15378201190741627932013-02-12T20:42:12.554+05:302013-02-12T20:42:12.554+05:30सही प्रश्न उठाए हैं आपके मित्र ने इस आलेख द्वारा.....सही प्रश्न उठाए हैं आपके मित्र ने इस आलेख द्वारा..Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-38921876891327998732013-02-12T18:10:13.379+05:302013-02-12T18:10:13.379+05:30शुक्रिया आपकी टिपण्णी के लिए बेहतीन पोस्ट के ज्ञान...शुक्रिया आपकी टिपण्णी के लिए बेहतीन पोस्ट के ज्ञानवर्धक विश्लेषण के लिए .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-88547866025779566332013-02-12T15:14:12.375+05:302013-02-12T15:14:12.375+05:30बेहद सार्थकता लिये सटीक बातें कहता यह आलेख ... आभा...बेहद सार्थकता लिये सटीक बातें कहता यह आलेख ... आभार<br /><br />सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-75065794717365827762013-02-12T11:10:03.548+05:302013-02-12T11:10:03.548+05:30विनीत जी और आपका चिंतन सार्थक है ... नौकरी पाना ही...विनीत जी और आपका चिंतन सार्थक है ... नौकरी पाना ही महज़ एक लक्ष्य नहीं होना चाहिए ... कुछ नया करने का अदम्य साहस भी जगाना चाहिए ॥ संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-71326655443094935392013-02-12T06:47:14.460+05:302013-02-12T06:47:14.460+05:30सर बहुत ही ज्ञानवर्धक और उपयोगी आलेख |आप द्वारा कि...सर बहुत ही ज्ञानवर्धक और उपयोगी आलेख |आप द्वारा किया किसी भी विषय पर किया गया विश्लेषण मन को छू जाता है |जयकृष्ण राय तुषारhttps://www.blogger.com/profile/09427474313259230433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-86961397436412890212013-02-11T22:11:14.938+05:302013-02-11T22:11:14.938+05:30दुर्लभ सिद्धान्त व विचार । वरना आज छात्रों के लिये...दुर्लभ सिद्धान्त व विचार । वरना आज छात्रों के लिये सिर्फ सर्टिफिकेट पाना ही शिक्षित होना है।परिणामतः डिग्रियाँ तो मिल रहीं हैं पर शिक्षा नही । और अनेक स्तरों पर उसके दुष्परिणाम भी दिख रहे हैं ।गिरिजा कुलश्रेष्ठhttps://www.blogger.com/profile/07420982390025037638noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-58192087832743279402013-02-11T18:05:36.252+05:302013-02-11T18:05:36.252+05:30आज इस शिक्षण को हर एक की जरूरत है ताकि युवा अपने प...आज इस शिक्षण को हर एक की जरूरत है ताकि युवा अपने पैरों पर खड़े हो सके,बहुत ही सारगर्भित जानकारी शेयर किये,आभार आपका।Rajendra kumarhttps://www.blogger.com/profile/00010996779605572611noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-38248153212034140712013-02-11T17:34:47.730+05:302013-02-11T17:34:47.730+05:30सर जी | शिक्षित जीरो की माया से हट कर समाज को आत्...सर जी | शिक्षित जीरो की माया से हट कर समाज को आत्मनिर्भर भी बनायें |G.N.SHAWhttps://www.blogger.com/profile/03835040561016332975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-60869531783339402062013-02-11T14:33:06.431+05:302013-02-11T14:33:06.431+05:30sarthak Lekh ... Sadhuwad
http://ehsaasmere.blogs...sarthak Lekh ... Sadhuwad<br />http://ehsaasmere.blogspot.in/2013/02/blog-post_11.htmlAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/05063506423123114343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-23863024488489160352013-02-11T13:06:59.635+05:302013-02-11T13:06:59.635+05:30सामाजिक चिंतन करती सार्थक पोस्ट ... सामाजिक चिंतन करती सार्थक पोस्ट ... दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-16150522847827790312013-02-11T12:48:28.054+05:302013-02-11T12:48:28.054+05:30बहुत ही सारगर्भित जानकारी मिली, शुभकामनाएं.
रामरा...बहुत ही सारगर्भित जानकारी मिली, शुभकामनाएं.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-49927576048478228992013-02-11T11:54:13.796+05:302013-02-11T11:54:13.796+05:30 जहाँ इतनी क्षमताएँ बिखरी पड़ी हों,एक से एक उत्तम ... जहाँ इतनी क्षमताएँ बिखरी पड़ी हों,एक से एक उत्तम साधन विद्यमान हों, वहाँ जिसे अध्ययन करने को मिला है उसका विवेक जगानेवाली पोस्ट !प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-2452474479987250112013-02-10T21:39:41.589+05:302013-02-10T21:39:41.589+05:30हमने तो आईआईटी कैसी होती है उसकी शक्ल ही नहीं देखी...हमने तो आईआईटी कैसी होती है उसकी शक्ल ही नहीं देखी और न ही हमारी बैच से कोई आईआईटी तक पहुंचा। लोगों से ही सुना और जाना। :) बढिया पोस्ट <br /> ब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-84646908574778419262013-02-10T20:51:47.041+05:302013-02-10T20:51:47.041+05:30पिछले चार वर्षों से अमूमन प्रत्येक माह ही एक बार आ...पिछले चार वर्षों से अमूमन प्रत्येक माह ही एक बार आई आई टी ,कानपुर जाना होता है , दोनों बेटों से मिलने और मैं भी हमेशा यही कहता हूँ कि आई आई टी से इतने अच्छे बच्चों के समूह से अपेक्षित कीर्तिमान स्थापित करने वाले परिणाम क्यों नहीं मिलते । लीक से हटकर कुछ भी नया नहीं हो पा रहा है यहाँ से । मेधा विस्तार पाने के बजाय बस जीविकोपार्जन के रास्ते तय करने में ही 'die out'हो रही है ।amit kumar srivastavahttps://www.blogger.com/profile/10782338665454125720noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-25113910002607294642013-02-10T18:01:04.455+05:302013-02-10T18:01:04.455+05:30मद्रास प्रोद्योगिकी संस्थान की लाइब्रेरी भी दर्शनी...मद्रास प्रोद्योगिकी संस्थान की लाइब्रेरी भी दर्शनीय है .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-4736555198934258512013-02-10T17:59:54.056+05:302013-02-10T17:59:54.056+05:30
बकौल अपने पुत्र के जाना आई आई टी मद्रास का लक्ष्य...<br />बकौल अपने पुत्र के जाना आई आई टी मद्रास का लक्ष्य पूरी क्लास को ही एक न्यूनतम स्तर मुहैया करवाना रहता है . उपलब्धियों का .उस दौर में साहब जादे कम्युनिकेशन सिस्टम्स में एम्टेक कर <br /><br />रहे थे .भारतीय नौ सेना की योग्यता सूची के मुताबिक़ .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-17421783034041611602013-02-10T14:30:01.053+05:302013-02-10T14:30:01.053+05:30-- किसी भी उच्च-शिक्षा संस्थान के आदर्श, उद्देश्य ...<br />-- किसी भी उच्च-शिक्षा संस्थान के आदर्श, उद्देश्य व सामाजिक-सरोकार हेतु गुणवत्ता का सुन्दर विवेचन... हाँ ...<br /><br />"विज्ञान और तकनीक में उलझ जाने से हम उन मस्तिष्कों और उनकी क्षमताओं को भूल बैठते हैं जिनसे हमारी वर्तमान समस्याओं के सभी हल मिलना नियत हैं।"<br /><br />--- विज्ञान व तकनीक एवं उनकी उत्तरोत्तर प्रगति के साथ उनका सामाजिकता हेतु प्रयोग ही तो मस्तिष्क की क्षमताओं से हमारा परिचय है ..डा श्याम गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/03850306803493942684noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-34725996993301172002013-02-10T13:40:46.402+05:302013-02-10T13:40:46.402+05:30सार्थक चिंतन इन संस्थानों की सम्पूर्ण उपयोगिता को...सार्थक चिंतन इन संस्थानों की सम्पूर्ण उपयोगिता को लक्षित करता है ! वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-76949419544609336852013-02-10T10:13:57.819+05:302013-02-10T10:13:57.819+05:30आईआईटी को लेकर बनी हुई सामान्य जन छवि से एकदम हटक...आईआईटी को लेकर बनी हुई सामान्य जन छवि से एकदम हटकर यह चिन्तन, इन संस्थानों के अघोषित और अज्ञात सुदपयोग का परामर्श देता है। बात गले उतरती है। सम्बन्धितों तक यह चिन्तन पहुँचना चाहिएा आपकी और आपके सम्प्रेषण-तन्त्र की क्षमताओं का अनुमान होते हुए भी कह रहा हूँ कि इसमें यदि मेरा कोईउपयोग हो सकता हो तो सूचित कीजिएगा।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-55128064815066751862013-02-10T10:09:35.126+05:302013-02-10T10:09:35.126+05:30 आईआईटी पर बहुत सुंदर पोस्ट, ये २५ प्रतिशत लोग भ... आईआईटी पर बहुत सुंदर पोस्ट, ये २५ प्रतिशत लोग भी काफी हैं देश के लिए और बहुत अच्छा काम कर रहे हैं शतप्रतिशत ये हो जाएं तो फिर देश को कितना लाभ हो जाएगा इसकी कल्पना भी मुश्किल है। इंजीनियरिंग के अंतिम वर्षों में मैंने सोचा था कि आईआईटी जाऊँ, इसलिए नहीं कि अच्छी सैलरीड जॉब मिल जाए, इसलए कि वहाँ के श्रेष्ठ अकादमिक वातावरण का आनंद लूँ, इसलिए जब आनंद यात्रा शीर्षक पढ़ा तो मुझे यह बेहद सार्थक शीर्षक लगा। टेक्निकल नॉलेज की कमी के चलते यह संभव नहीं हो पाया। आईआईटी के युवाओं को केवल टेक्निकल परिधि से निकालने की जरूरत है। अंततः उन्हें मैनेजेरियल रोल अदा करने होते हैं और इसकी स्किल उन्हें सिखाई जानी चाहिए, स्किल इस रूप में ताकि वो अपने ज्ञान का लाभ एक वृहत्तर समुदाय को दे सकें, शायद जैसे नेहरू की इच्छा थी।sourabh sharmahttps://www.blogger.com/profile/11437187263808603551noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-7376938077233271392013-02-10T09:53:28.292+05:302013-02-10T09:53:28.292+05:30एक बढिया बौद्धिक विवेचन!एक बढिया बौद्धिक विवेचन!मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.com