tag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post2238667923513698084..comments2024-03-17T19:33:00.050+05:30Comments on न दैन्यं न पलायनम्: मटर की फलियाँप्रवीण पाण्डेयhttp://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comBlogger68125tag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-36569452141820851802012-03-13T21:22:17.563+05:302012-03-13T21:22:17.563+05:30क्षमा चाहता हूं। पता नहीं क्यों, ऐसी जगह पर मुझे घ...क्षमा चाहता हूं। पता नहीं क्यों, ऐसी जगह पर मुझे घुटन सी होती है। मेरा मन कहता है इन लोगों ने देश के न जाने कितने कम पूंजी में रोजी-रोटी कमानेवालों का रोजगार छीन लिया है। बड़ी अजीब सी बदबू (शायद तरह-तरह के बॉडी स्प्रे की मिलीजुली गंध) वहां तैरती रहती है। पीले-पीले चेहरों पर कृत्रिम मुस्कान लिए लोग दिखाई देते हैं। उनमें एक अजीब सी संवेदन शून्यता महसूस होती है। पहले कभी-कभार कोई गिफ्ट बाउचर मिल जाता था तो मजबूरी में जाना पड़ता था।संतोष पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/06184746764857353641noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-41499905518585314502012-02-24T11:56:10.760+05:302012-02-24T11:56:10.760+05:30सुना है कई पतियों को घर में खाना बनाने का कार्य अध...सुना है कई पतियों को घर में खाना बनाने का कार्य अधिक रुचिकर लगने लगा है।<br /><br />हे भगवान!! :P <br /><br />बाई द वे, मंत्री मॉल का फोटो है न पहला वाला, दिल खुश हो गया देख कर ;)abhihttps://www.blogger.com/profile/12954157755191063152noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-111627838049762062012-02-21T23:03:44.592+05:302012-02-21T23:03:44.592+05:30हर परिवार की कहानी की रोचक प्रस्तुती...आपकी लेखनी ...हर परिवार की कहानी की रोचक प्रस्तुती...आपकी लेखनी आम बात को भी बरी खास और स्वादिष्ट बना देती है...आपके हर पोस्ट में ये खासियत होती है की पढ़ते हुए बोरियत महसूस नहीं होती...honesty project democracyhttps://www.blogger.com/profile/02935419766380607042noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-71903573024294306012012-02-21T16:38:44.784+05:302012-02-21T16:38:44.784+05:30मतलब आपके हाथ के खाने से वंचित रहेंगे ..
बहुत ही प...मतलब आपके हाथ के खाने से वंचित रहेंगे ..<br />बहुत ही पारिवारिक पोस्ट है ... हर किसी से जुडी हुयी ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-74451103447103770352012-02-21T10:03:11.804+05:302012-02-21T10:03:11.804+05:30मटर के दानों सी सुन्दर...., पारिवारिक जीवन की सुगं...मटर के दानों सी सुन्दर...., पारिवारिक जीवन की सुगंध बिखेरती बढ़िया पोस्ट!अनुपमा पाठकhttps://www.blogger.com/profile/09963916203008376590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-25013653809175062572012-02-20T23:15:22.372+05:302012-02-20T23:15:22.372+05:30अपने को भी यही ज्यादा पसंद है।अपने को भी यही ज्यादा पसंद है।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-78987074012022976772012-02-20T21:52:36.797+05:302012-02-20T21:52:36.797+05:30बहुत सुन्दरमहा- शिव रात्रि के विशेष पर्व पर .खरीद...बहुत सुन्दरमहा- शिव रात्रि के विशेष पर्व पर .खरीदने के साथ ही स्वाद और खाने की प्रक्रिया की रूप रेखा बनके तैयार हो जाती है .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-12112487113201101772012-02-20T21:01:32.708+05:302012-02-20T21:01:32.708+05:30sabjee aur grihasthi ka saman chahe mall se kharee...sabjee aur grihasthi ka saman chahe mall se khareede ya haat se parantu bhawnayen to ek see hoti hai.aap ke saare lekh man ko choone waale hai.bahut badhia.banakatamishrahttps://www.blogger.com/profile/12793268581847762104noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-12757706396880311172012-02-20T18:52:16.714+05:302012-02-20T18:52:16.714+05:30hamaare bujurg behatar dhang se jivan ko samajhte ...hamaare bujurg behatar dhang se jivan ko samajhte hain---.<br />poonamपूनम श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09864127183201263925noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-27093923206608717892012-02-20T16:43:11.527+05:302012-02-20T16:43:11.527+05:30बहुत सही कहा ..सच है..यही जीवन है..शिव रात्रि पर ह...बहुत सही कहा ..सच है..यही जीवन है..शिव रात्रि पर हार्दिक बधाई..Maheshwari kanerihttps://www.blogger.com/profile/07497968987033633340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-26341967297203396982012-02-20T12:08:11.936+05:302012-02-20T12:08:11.936+05:30sir jee,
aapne bahut hi badhiya upay sujhaya hai.....sir jee,<br />aapne bahut hi badhiya upay sujhaya hai...RAJESH KUMARhttps://www.blogger.com/profile/16330491902808021388noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-64593383910309214062012-02-20T10:06:48.195+05:302012-02-20T10:06:48.195+05:30SIR
ZINDAGI KE HAR CHHOTI BADI GHATNA KO SUNDAR SH...SIR<br />ZINDAGI KE HAR CHHOTI BADI GHATNA KO SUNDAR SHABDO ME VYAKT KARNE KI AAPKI ADBHUT KALA SE MUJHE EHSAS HO RAHA HAI KI AANE WALE DINO ME AAPKE DWARO LIKHE BEST SELLER BOOKS PADHANE KO MILEGA...PAKKA MILEGA...RAJESH KUMARhttps://www.blogger.com/profile/16330491902808021388noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-61172606431718895932012-02-20T07:51:30.058+05:302012-02-20T07:51:30.058+05:30बहुत सुंदर आलेख ...छोटी छोटी बातों में छुपी जीवन क...बहुत सुंदर आलेख ...छोटी छोटी बातों में छुपी जीवन की बड़ी-बड़ी खुशियाँ ...Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-68281915592992560692012-02-19T18:59:50.253+05:302012-02-19T18:59:50.253+05:30वाह !!, सुन्दर पोस्ट,
ठीक मटर की फलियों सी.वाह !!, सुन्दर पोस्ट,<br /> ठीक मटर की फलियों सी.Kewal Joshihttps://www.blogger.com/profile/05259895497389545585noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-29437845119124240052012-02-19T18:33:40.735+05:302012-02-19T18:33:40.735+05:30घर से बलात भेजे गये मानुष को जब स्वतन्त्र देवता जै...घर से बलात भेजे गये मानुष को जब स्वतन्त्र देवता जैसा सम्मान मिलता है, तो सब्जी खरीदने जैसा कर्म भी अत्यन्त रोचक हो जाता है।....<br /><br />सही कहते हैं... रोचक प्रस्तुति...<br />सादर.S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib')https://www.blogger.com/profile/10992209593666997359noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-82687691107631734662012-02-19T18:31:17.760+05:302012-02-19T18:31:17.760+05:30Wow, Such a true and nice postWow, Such a true and nice postSEPOhttps://www.blogger.com/profile/18165767356704947895noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-91693038520869982092012-02-19T18:29:09.929+05:302012-02-19T18:29:09.929+05:30umda likhte hai aap,lga ke hum bhi aap ke sath hi ...umda likhte hai aap,lga ke hum bhi aap ke sath hi khridari kar rhen haiAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-57629144591102505512012-02-19T18:24:17.967+05:302012-02-19T18:24:17.967+05:30भाई .....मान गए |मटर खरीदना भी कोई आसान काम नहीं ...भाई .....मान गए |मटर खरीदना भी कोई आसान काम नहीं | कल से सब्जी मंडी मेरे खरीदने की दृष्टियाँ बदली बदली सी होंगीं |Naveen Mani Tripathihttps://www.blogger.com/profile/12695495499891742635noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-65906197928720278592012-02-19T17:51:42.228+05:302012-02-19T17:51:42.228+05:30आपके हर काम की तरह सब्जी खरीदना भी सुनियोजित व हाई...आपके हर काम की तरह सब्जी खरीदना भी सुनियोजित व हाईटेक है। और जैसा आपने कहा, यह तो बिल्कुल सही है कि यदि खाने-पीने का सामान व साग-सब्जी खरीददारी खुद की जाय तो खाने का स्वाद जरूर विशेष हो जाता है।मेरी भी यही कोशिश रहती हे कि साग-सब्जी खुद ही खरीदी जाये, बस यह है कि इस कार्य में पत्नी जी का सहयोगी का रोल निभाना ज्यादा अच्छा व उपयुक्त लगता है।देवेंद्रhttps://www.blogger.com/profile/13104592240962901742noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-89438968590975688742012-02-19T17:46:46.687+05:302012-02-19T17:46:46.687+05:30मटर के दाने पनीर के साथ एक डेढ़ मिनिट माइक्रोवेव क...मटर के दाने पनीर के साथ एक डेढ़ मिनिट माइक्रोवेव करके खाइए .स्वाद के अनुरूप काली मिर्च पाउडर नमक स्तेमाल कर सकतें हैं .ताज़ी सब्जी की रंगत आकर्षित करती है बीनाई (विज़न )में इजाफा करती है . <br /><br />उबली हुई मूंफाली हमने चेन्नई में खाई है खूब .ज्यादा पौष्टिक होता है नमक भी कम लेती है .रोस्टिद(भुनी हुई ,तली हुई नहीं )का अपना स्वाद है .मध्य प्रदेश में कच्ची गीली मूंगफली आधा रेत में सेंक कर नमक हरीमिर्चा के साथ खाई जाती है . बस तली हुई बेसन चढ़ी (हल्दी राम) की मूंगफली से बचिए .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-57390210445290401342012-02-19T17:34:28.137+05:302012-02-19T17:34:28.137+05:30हमारे घर में भी सारी बुद्धि सब्जी लेने में लगती है...हमारे घर में भी सारी बुद्धि सब्जी लेने में लगती है। आलू मुंडेरा मण्डी से। मटर फाफमऊ से, स्पेंसर और बिगबाजार के रेट का तुलनात्मक अध्ययन... गांव से मन्गाई आलू 300 की 65 किलो पड़ी... इत्यादि। <br /><br />हम सब सब्जीलॉजी में पोस्ट ग्रेज्युयेट हो गये हैं! :-)Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-53557727703477975202012-02-19T15:58:34.309+05:302012-02-19T15:58:34.309+05:30वाह जी , अपन तो न सिर्फ़ हाट बजार बल्कि पाक कला हस्...वाह जी , अपन तो न सिर्फ़ हाट बजार बल्कि पाक कला हस्त कला आदि तमाम टाईप की कला में पारंगत हो चुके हैं , सूची अनुसूचि सबे झेल जा रहे हैं । मटरवा का फ़ोटो देख के मोन हरिया गयाअजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-16246418004923630862012-02-19T15:02:23.994+05:302012-02-19T15:02:23.994+05:30मैं तो हरी मटर को खाने के दौरान उसके खेत तक का आनं...मैं तो हरी मटर को खाने के दौरान उसके खेत तक का आनंद उठा लेता हूँ। दरअसल मटर को छीलने के बाद उसकी फली को थोड़ा सा मसल कर सूंघा जाय तो वही खुशबू मिलती है जो मटर के खेतों की ओर से हवा चलने पर आती है। अबकी ट्राई किजिएगा। मटर तो मटर उसकी फलियां भी 'खेतिहर नॉस्टॉल्जिया' वाली कैफ़ियत रखती हैं।सतीश पंचमhttps://www.blogger.com/profile/03801837503329198421noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-6125242489842187212012-02-19T14:46:27.252+05:302012-02-19T14:46:27.252+05:30बहुत रोचक प्रस्तुति...मॉल में खरीदारी करने से एक स...बहुत रोचक प्रस्तुति...मॉल में खरीदारी करने से एक सुविधा रहती है कि एक ही जगह सब सामान मिल जाता है, वरना पहले अलग अलग दुकानों के चक्कर लगाने होते थे. पहला अनुभव न भी हो, ज़िंदगी सब कुछ सिखा देती है, शॉपिंग करना भी..पर मटर छांटना वास्तव में मुश्किल काम है..Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-23373118902030443572012-02-19T13:40:18.240+05:302012-02-19T13:40:18.240+05:30अभी देखा अमित जी भी पढ़ गये हैं,अब शायद आज हमारे घ...अभी देखा अमित जी भी पढ़ गये हैं,अब शायद आज हमारे घर भी मीठी मटर आ जाए .......:)निवेदिता श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/17624652603897289696noreply@blogger.com