tag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post2147315071058845015..comments2024-03-17T19:33:00.050+05:30Comments on न दैन्यं न पलायनम्: रघुबीरजी की कथाप्रवीण पाण्डेयhttp://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comBlogger76125tag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-78686158722040475192012-01-19T15:11:22.083+05:302012-01-19T15:11:22.083+05:30बहुत दिनों बाद आना हुआ पहले २ कड़ी पढ़ी तब समझ नही प...बहुत दिनों बाद आना हुआ पहले २ कड़ी पढ़ी तब समझ नही पाई ये है कौन रघुबिर्जी और प्रथम कड़ी पे वो कहानी ले आई बहुत रोचक ढंग से लिखा है आपने बधाई !Coralhttps://www.blogger.com/profile/18360367288330292186noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-73264537184910534332012-01-18T09:31:11.593+05:302012-01-18T09:31:11.593+05:30एक ही इंसान तीन दुनिया लिए हुए और बड़ी बात ये कि ती...एक ही इंसान तीन दुनिया लिए हुए और बड़ी बात ये कि तीनो में "कॉमन" बहुत ही कम चीज़ें, एक दम ना के बराबर| बार ये ज़िंदगी है जो बस जिए जाते हैं हम, अपने अपने अंदर अपने अपने रघुबीर लिए हुए|बहुत अच्छा लगा पढ़के, खुद के अंदर तीनों विश्वों को पहचानना शुरू करना है अब!!!!देवांशु निगमhttps://www.blogger.com/profile/16694228440801501650noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-37706306642411777192012-01-18T02:12:11.007+05:302012-01-18T02:12:11.007+05:30भीतर भी रघुवीर हैं बाहर भी रघुवीर.भीतर भी रघुवीर हैं बाहर भी रघुवीर.संतोष पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/06184746764857353641noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-37670758337470311032012-01-17T22:45:42.788+05:302012-01-17T22:45:42.788+05:30आपकी श्रृंखला के माध्यम से हम भी अपने अंदर के रघुव...आपकी श्रृंखला के माध्यम से हम भी अपने अंदर के रघुवीर जी को पहचान जाएँ ......निवेदिता श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/17624652603897289696noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-33945938377687487452012-01-17T20:59:28.550+05:302012-01-17T20:59:28.550+05:30Praveen ji
bahut gahra vishleshan kar diya hai a...Praveen ji <br /> bahut gahra vishleshan kar diya hai aapne ek samaany si sthiti ka!sochne yogya hai.Hari Shanker Rarhihttps://www.blogger.com/profile/10186563651386956055noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-84116758265761504792012-01-17T12:38:05.263+05:302012-01-17T12:38:05.263+05:30सच है। हम सब कहीं न कहीं रघुबीरजी हैं। इसीलिए यह प...सच है। हम सब कहीं न कहीं रघुबीरजी हैं। इसीलिए यह पोस्ट अपनी सी लगी।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-48787636029674998682012-01-17T08:33:18.447+05:302012-01-17T08:33:18.447+05:30रघुबीरजी थोड़ी हम सबके भीतर विद्यमान हैं,रघुबीरजी थोड़ी हम सबके भीतर विद्यमान हैं,संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-2014785425462377202012-01-17T00:59:56.625+05:302012-01-17T00:59:56.625+05:30achchhii prastuti
vikram7: महाशून्य से व्याह रचाय...achchhii prastuti<br /><br /><a href="http://vikram7-vikram7.blogspot.com/2012/01/blog-post_16.html#links" rel="nofollow">vikram7: महाशून्य से व्याह रचायें......</a>vikram7https://www.blogger.com/profile/06934659997126288946noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-74945873154514723192012-01-16T23:08:39.203+05:302012-01-16T23:08:39.203+05:30raghubir ji lajabab prstuti lagi bhutsundar drisht...raghubir ji lajabab prstuti lagi bhutsundar drishtikon mila ....abhar pandey ji.....ap mere blog pr kb darshan denge pandey ji....ab bahut der tk prateeksha ho chuki hai bhai .Naveen Mani Tripathihttps://www.blogger.com/profile/12695495499891742635noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-63538229785429570562012-01-16T16:38:24.650+05:302012-01-16T16:38:24.650+05:30रघुबीर जी को आपकी कलम से पढ़ना अच्छा लगा ...आपका ...रघुबीर जी को आपकी कलम से पढ़ना अच्छा लगा ...आपका आभार ।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-43374680127550802412012-01-16T15:42:10.834+05:302012-01-16T15:42:10.834+05:30दूसरा और मानसिक विश्व उनकी पर्यावरणीय चेतना का है।...दूसरा और मानसिक विश्व उनकी पर्यावरणीय चेतना का है। इस चेतना के कारण वह सोसाइटी के सचिव हुये या सोसाइटी के सचिव होने के बाद उनकी पर्यावरणीय कुण्डलनी जागृत हुयी, ठीक ठीक कहना कठिन है पर उनके पर्यावरणीय प्रयोगों की चाह ने सोसाइटी में कई बार उत्सुकता, भय और सुख की त्रिवेणी बहायी है। नये प्रयोग के बारे में सोचना, उसे क्रमशः कार्यान्वित करना और उसमें आने वाली बाधाओं को झेलना, किसी गठबन्धन सरकार चलाने से कम कठिन नहीं है। अपने परिवेश में घटनाओं का संलिप्त साक्षी बनना उनके दूसरे विश्व का केन्द्रबिन्दु है और समयरेखा में मध्य में अवस्थित है।<br />दूसरा और मानसिक विश्व उनकी पर्यावरणीय चेतना का है। इस चेतना के कारण वह सोसाइटी के सचिव हुये या सोसाइटी के सचिव होने के बाद उनकी पर्यावरणीय कुण्डलनी जागृत हुयी, ठीक ठीक कहना कठिन है पर उनके पर्यावरणीय प्रयोगों की चाह ने सोसाइटी में कई बार उत्सुकता, भय और सुख की त्रिवेणी बहायी है। नये प्रयोग के बारे में सोचना, उसे क्रमशः कार्यान्वित करना और उसमें आने वाली बाधाओं को झेलना, किसी गठबन्धन सरकार चलाने से कम कठिन नहीं है। अपने परिवेश में घटनाओं का संलिप्त साक्षी बनना उनके दूसरे विश्व का केन्द्रबिन्दु है और समयरेखा में मध्य में अवस्थित है।virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-28000300070967486032012-01-16T14:27:56.245+05:302012-01-16T14:27:56.245+05:30जय रघुबीर जी की !जय रघुबीर जी की !पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-64903813548016869872012-01-16T11:53:50.717+05:302012-01-16T11:53:50.717+05:30रघुवीर जी जीवन दर्शन के महत्व पूर्ण पहलु को उद्घ...रघुवीर जी जीवन दर्शन के महत्व पूर्ण पहलु को उद्घाटित करते हैंगिरधारी खंकरियालhttps://www.blogger.com/profile/07381956923897436315noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-21284686048282893662012-01-15T21:53:17.183+05:302012-01-15T21:53:17.183+05:30बहुत सुंदर प्रस्तुति,बढ़िया अभिव्यक्ति| मकर संक्रां...बहुत सुंदर प्रस्तुति,बढ़िया अभिव्यक्ति| मकर संक्रांति की शुभकामनायें|Patali-The-Villagehttps://www.blogger.com/profile/08855726404095683355noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-31552115862133855952012-01-15T20:20:27.829+05:302012-01-15T20:20:27.829+05:30आप भी हैं रघुबीरजी, आपकी रचनाओं से झलकता है।आप भी हैं रघुबीरजी, आपकी रचनाओं से झलकता है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-31045317685217928272012-01-15T20:18:58.132+05:302012-01-15T20:18:58.132+05:30यह त्रिविमीय चेतना निश्चय ही समग्रता से हम सबके सा...यह त्रिविमीय चेतना निश्चय ही समग्रता से हम सबके सामने आयेगी..प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-33828822621774023122012-01-15T20:17:22.009+05:302012-01-15T20:17:22.009+05:30संक्रान्ति के समय गूगल महाराज कुछ संक्रमण की स्थित...संक्रान्ति के समय गूगल महाराज कुछ संक्रमण की स्थिति में लग रहे हैं।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-63135994511536070682012-01-15T20:13:19.337+05:302012-01-15T20:13:19.337+05:30मैं आपके रघुबीरजी के बारे में भी जानना चाहूँगा..मैं आपके रघुबीरजी के बारे में भी जानना चाहूँगा..प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-37769186648029922122012-01-15T20:00:39.668+05:302012-01-15T20:00:39.668+05:30उन्हीं को जगाने का प्रयास करना चाहेगी यह लेखमाला।उन्हीं को जगाने का प्रयास करना चाहेगी यह लेखमाला।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-69464461074738149422012-01-15T19:59:31.256+05:302012-01-15T19:59:31.256+05:30सब विश्व रह रह कर जागते हैं हम सबके हृदय में, समाज...सब विश्व रह रह कर जागते हैं हम सबके हृदय में, समाज में मान मिलने भर लगे, उनकी उड़ानों को।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-19393190249125959822012-01-15T19:57:46.438+05:302012-01-15T19:57:46.438+05:30सबकी प्रार्थनाओं में यह शक्ति अवश्य आयेगी।सबकी प्रार्थनाओं में यह शक्ति अवश्य आयेगी।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-77461265492533091292012-01-15T19:57:03.031+05:302012-01-15T19:57:03.031+05:30बहुत से रघुबीरजी अस्तित्व में आने को तैयार बैठे है...बहुत से रघुबीरजी अस्तित्व में आने को तैयार बैठे हैं, संतुलन की कला अनुभव से आ ही जायेगी।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-40303662974075418682012-01-15T19:18:15.894+05:302012-01-15T19:18:15.894+05:30अभिनव परिस्थितियों के लिये अभिनव व्यक्तित्व रघुबीर...अभिनव परिस्थितियों के लिये अभिनव व्यक्तित्व रघुबीरजी का।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-34070774504782182352012-01-15T19:17:08.151+05:302012-01-15T19:17:08.151+05:30रघुबीरजी का मन बारी बारी से तीनों में भटकता है, एक...रघुबीरजी का मन बारी बारी से तीनों में भटकता है, एक की अधिकता दूसरे में जाने को प्रेरित करने लगती है, यही उनके संतुलन का आधार है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-76841145889364780832012-01-15T19:13:47.245+05:302012-01-15T19:13:47.245+05:30आपका सुझाव ध्यान में रखकर बड़ा ही सरल करने का प्रय...आपका सुझाव ध्यान में रखकर बड़ा ही सरल करने का प्रयास करते रहते हैं।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.com