tag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post1280983791008832470..comments2024-03-17T19:33:00.050+05:30Comments on न दैन्यं न पलायनम्: शिक्षा - अर्थ व समाजप्रवीण पाण्डेयhttp://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comBlogger28125tag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-42279904468040600922012-12-02T02:03:08.468+05:302012-12-02T02:03:08.468+05:30आपने उलझन में डाल दिया। शिक्षा को जीवन से जोडा जान...आपने उलझन में डाल दिया। शिक्षा को जीवन से जोडा जाना चाहिए या जीवन यापन से?विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-7450642245978124662012-11-25T21:23:18.765+05:302012-11-25T21:23:18.765+05:30शिक्षा प्राप्ति के लिए अर्थ बहुत जरुरी है|शिक्षा प्राप्ति के लिए अर्थ बहुत जरुरी है|Ayodhya Prasadhttps://www.blogger.com/profile/00220293033943017179noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-18808012160054806172012-11-23T15:37:44.403+05:302012-11-23T15:37:44.403+05:30Beautiful analytical post.Beautiful analytical post.ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-21984339090258426092012-11-23T01:53:53.667+05:302012-11-23T01:53:53.667+05:30फ़िलहाल तो सब कुछ बाज़ार की अर्थव्यस्था का ही ग्रास ...फ़िलहाल तो सब कुछ बाज़ार की अर्थव्यस्था का ही ग्रास बन रहा है।संतोष पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/06184746764857353641noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-51573274605088200702012-11-22T23:37:05.428+05:302012-11-22T23:37:05.428+05:30अर्थतन्त्र और शिक्षातन्त्र दोनो सहगामी हैं ।अर्थतन्त्र और शिक्षातन्त्र दोनो सहगामी हैं ।गिरधारी खंकरियालhttps://www.blogger.com/profile/07381956923897436315noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-75424769568487180772012-11-22T22:26:58.317+05:302012-11-22T22:26:58.317+05:30प्रवीण जी आपकी सक्रियता ईर्ष्या का सबब हो सकती है ...प्रवीण जी आपकी सक्रियता ईर्ष्या का सबब हो सकती है किसी के लिए भी .बहर सूरत सलामत रहे यह हाज़िर ज़वाबी और फोकस चौतरफा आपका .शिक्षा हमारे यहाँ अन -उत्पादक खर्ची ज्यादा बनी <br /><br />हुई है इनपुट के बरक्स आउट पुट बहुत कम है गुंजाइश है शिक्षा से सेहत दोनों सेक्टरों में .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-16835508845881248882012-11-22T12:13:15.018+05:302012-11-22T12:13:15.018+05:30सार्थक आलेख ...शिक्षा व्यवस्था में एक साम्य लाना ज...सार्थक आलेख ...शिक्षा व्यवस्था में एक साम्य लाना ज़रूरी है ......Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-4765553157448273972012-11-22T11:43:49.258+05:302012-11-22T11:43:49.258+05:30
क्यों नहीं जुड़ सकी है अर्थ तंत्र की नव्ज़ शिक्षा...<br />क्यों नहीं जुड़ सकी है अर्थ तंत्र की नव्ज़ शिक्षा से ,औपचारिक शिक्षा ,शुद्ध बुनियादी शोध अलग थलग पड़ी है प्रोद्योगिकी <br /><br />को सब गले लगाएं हैं .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-72407322446086188972012-11-22T09:50:43.023+05:302012-11-22T09:50:43.023+05:30उर्जा व्यर्थ न हो , व्यक्ति समर्थ हो . शिक्षा की उ...उर्जा व्यर्थ न हो , व्यक्ति समर्थ हो . शिक्षा की उपयोगिता और उद्देश्य पर सटीक विश्लेषण !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-47653127600052099152012-11-22T01:39:19.626+05:302012-11-22T01:39:19.626+05:30शिक्षा को तो एक मज़ाक बना कर रख दिया गया है -कोई ए...शिक्षा को तो एक मज़ाक बना कर रख दिया गया है -कोई एक कांसेप्ट भी तो हो!प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-78777141975110539712012-11-21T23:34:07.941+05:302012-11-21T23:34:07.941+05:30शिक्षा को लेकर तमाम उहोपोह इसलिए है कि इसकी नींव अ...शिक्षा को लेकर तमाम उहोपोह इसलिए है कि इसकी नींव अर्थतंत्र वाले लोग रख रहे हैं......दूसरे सारा जोर मजदूर, मैनेजर कामगार तैयार करने पर है....पर समाजिक सरोकार से जुड़ी शिक्षा पर अब तक जोर नहीं है..जहां सामूहिकता की भावना का विकास नहीं होगा वहां समाज की उन्नति के बारे में सोचा नहीं जाएगा..जाहिर है कि आमूलचलू परिवर्तन करने से बेहतर है कि शिक्षा के क्षेत्र में लगातार परिवर्तन किया जाए। Rohit Singhhttps://www.blogger.com/profile/09347426837251710317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-49171471848366706982012-11-21T22:51:02.755+05:302012-11-21T22:51:02.755+05:30बहुत अच्छा विश्लेषण किया है नई पीढ़ी के सर्वांगीण...बहुत अच्छा विश्लेषण किया है नई पीढ़ी के सर्वांगीण विकास के लिए तथा शिक्षा हर एक वर्ग तक पंहुचने के लिए पद्दति में सुधार की आवश्यकता है पर इसके विपरीत आजकल निर्धनों को सही और अच्छी शिक्षा मिल ही नहीं सकती है शिक्षण संस्थान मनमाना धन वसूलने में लगे हैं सरकारी स्कूलों में इतना ध्यान नहीं दिया जाता किसी भी देश की विकासशीलता में वहां की शिक्षा प्रणाली को सुद्रढ़ बनाना पहला कदम होना चाहिए बहुत बहुत बधाई इस उत्कृष्ट आलेख के लिए Rajesh Kumarihttps://www.blogger.com/profile/04052797854888522201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-63459517793806817122012-11-21T21:19:07.605+05:302012-11-21T21:19:07.605+05:30.
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यह बात तय है कि सब कुछ बाजार की अर्थव्यवस्था....<br />.<br />.<br />यह बात तय है कि सब कुछ बाजार की अर्थव्यवस्था के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता है। <br /><br /><br />...प्रवीण https://www.blogger.com/profile/14904134587958367033noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-21199562151959037522012-11-21T18:30:37.201+05:302012-11-21T18:30:37.201+05:30अच्छा विश्लेषण। इस संदर्भ में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य ...अच्छा विश्लेषण। इस संदर्भ में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य , जो मेरे दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, मैं यहाँ कहना चाहूँगा-<br />1.शिक्षा निश्चय ही आर्थिक आधार के अतिरिक्त अन्य आधारसतंभों जैसे सामाजिक राजनयिक व्यवस्था, देश की सुरक्षा, सामरिक व्यवस्था इत्यादि इसतरह संकलित उद्देश्य की सहज आधारशिला होती है, किंतु यह भी यथार्थ है कि व्यक्तिगत उन्नति में आर्थिक कारकों का सर्वोपरि महत्व होने के कारण अततः आर्थिक कारक शिक्षा की दिशा के मुख्य कारक स्वाभविक रूप से सिद्ध होते हैं।<br />2.शिक्षा का न सिर्फ लघुगामी बल्कि दूरगामी लक्ष्यों की आपूर्ति में भी प्रधानता है। अतः सतत व सर्वांगीण उन्नति के लिये आवस्यक है कि शिक्षा की दिशा दूरगामी लक्ष्यों की पूर्ति को ध्यान में रखकर ही निर्धारित करनी चाहिये ।देवेंद्रhttps://www.blogger.com/profile/13104592240962901742noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-70530518124344976922012-11-21T18:00:09.109+05:302012-11-21T18:00:09.109+05:30The prevelence of taking tutions at every level is...The prevelence of taking tutions at every level is fast disintegrating the learning process and probing aswell as self study.Something should be done to arrest this .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-61842634376618152122012-11-21T17:37:19.808+05:302012-11-21T17:37:19.808+05:30पहले निर्धारित करना होगा कि अपनी शिक्षा व्यवस्था स...पहले निर्धारित करना होगा कि अपनी शिक्षा व्यवस्था से हम आखिर चाहते क्या हैं.बहुत सारगर्भित आलेख.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-51947117271949474952012-11-21T15:12:31.097+05:302012-11-21T15:12:31.097+05:30अर्थ तंत्र भारी पड रहा है शिक्षा पर ! अर्थ तंत्र भारी पड रहा है शिक्षा पर ! पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-70628784560826389442012-11-21T12:44:21.979+05:302012-11-21T12:44:21.979+05:30गहन भाव लिये सशक्त आलेख.. .आभारगहन भाव लिये सशक्त आलेख.. .आभारसदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-37134309759489385722012-11-21T12:41:38.183+05:302012-11-21T12:41:38.183+05:30विचारपूर्ण अभिव्यक्ति .....विचारपूर्ण अभिव्यक्ति .....Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-91991587372397631742012-11-21T12:31:57.809+05:302012-11-21T12:31:57.809+05:30व्यक्ति को अर्थतन्त्र का पूरक बनाया जा रहा है, इ...व्यक्ति को अर्थतन्त्र का पूरक बनाया जा रहा है, इसलिए सभी को घुडदौड का घोड़ा बनाकर दौड़ाया जा रहा है। जो जितनी दूर तक जाए वह ही उत्तम है। अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-27180050867488989762012-11-21T11:43:41.765+05:302012-11-21T11:43:41.765+05:30शिक्षा के विषय में गहन विश्लेषण .... शिक्षा के विषय में गहन विश्लेषण .... संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-48951854363570905242012-11-21T11:42:14.823+05:302012-11-21T11:42:14.823+05:30सटीक प्रस्तुति ।
शुभकामनायें ।।सटीक प्रस्तुति ।<br />शुभकामनायें ।।रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-2532448474143675862012-11-21T10:50:28.430+05:302012-11-21T10:50:28.430+05:30छात्र ,शिक्षक औ शिक्षण सामिग्री
तीनों की धुरी खु...छात्र ,शिक्षक औ शिक्षण सामिग्री <br /><br />तीनों की धुरी खुद शिक्षक है .टीचर है .आप जानते हैं टीचर होना बड़ी बात है .टीचर होना अपडेट रहना है, चौतरफा ज्ञान विज्ञान से सिर्फ अपने विषय या पाठ्य क्रम से बाहर निकलके आउट आफ <br /><br />बोक्स <br /><br />सोचने कुछ नया करने ,नए के प्रति रूचि पैदा कर सके वही सच्चे अर्थों में शिक्षक है .हमने भी शिक्षण कार्य किया बरसों बरस थोड़ा हटके कुछ करने की कोशिश की भौतिकी से हटके सेहत पर ,बात <br /><br />करने <br /><br />का ढंग सामिग्री खोजने की तरकीबें ,रोज़ मर्रा के चर्चित विषयों नूतन अन्वेषणों को भी क्लास रूम में जगह दी .टीचर में अगर दम है तो छात्र आयेंगे ही आयेंगे उसे बाज़ीगर ,अभिनेता बनना होगा <br /><br />,हमने भाषा के अलंकरण को पूरी तरजीह दी वही तो सही गहना है आपके व्यक्तित्व का .आप बोलतें कैसे हैं कैसे केरी करते हैं अपने आप को यह सिखलाना शिक्षक का पहला दायित्व है .<br /><br />शिक्षण सामिग्री में आज औडियोविज्युअल एड्स की बहुत ज़रुरत है .क्लास में ब्लेक बोर्ड से हटके एक्शन भी होना चाहिए ब्लेक बोर्ड शिक्षा की सीमाएं मुखरित हो चुकीं हैं .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-83764474415988286042012-11-21T09:29:29.731+05:302012-11-21T09:29:29.731+05:30अर्थपूर्ण विश्लेषण |अर्थपूर्ण विश्लेषण |amit kumar srivastavahttps://www.blogger.com/profile/10782338665454125720noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-1148434598573134782012-11-21T09:23:43.115+05:302012-11-21T09:23:43.115+05:30आज अच्छी शिक्षा के लिए पैसा आवश्यक है,,,आज अच्छी शिक्षा के लिए पैसा आवश्यक है,,,धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.com