tag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post1071982714840504433..comments2024-03-17T19:33:00.050+05:30Comments on न दैन्यं न पलायनम्: सफ़र का सफ़रप्रवीण पाण्डेयhttp://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comBlogger76125tag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-42543778675541418462011-04-18T09:18:36.775+05:302011-04-18T09:18:36.775+05:30@ महेन्द्र मिश्र
बच्चों का उत्साह ही उनकी ऊर्जा का...@ महेन्द्र मिश्र<br />बच्चों का उत्साह ही उनकी ऊर्जा का स्रोत है, हमारा उत्साह ही ढलने लगता है।<br /><br />@ देवेन्द्र <br />तभी रेलवे में जीवन का दर्शन दिखता भी है और मिलता भी है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-53490486486725536162011-04-18T07:44:16.202+05:302011-04-18T07:44:16.202+05:30बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति साधुवाद। आपसे इसपर चर्चा तो...बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति साधुवाद। आपसे इसपर चर्चा तो हुई थी, मन में अपार उत्सुकता भी थी कि आपका सफर का सफर लेख पढूँ किन्तु कुछ अपरिहार्य व्यक्तिगत कारणों से यहाँ बिलम्ब से आया। किन्तु लेख पढकर मन आनंदित हो गया। साधुवाद। रेलव प्लेटफॉर्म और रेल की यात्रा में हमारे खुद के जीवन की अनेक परतों के दृश्य सायाश सामने घटित होते नजर आते हैं। मुझे तो रेल यात्रा व जीवन-यात्रा में अनेक समानताएँ नजर आती हैं।देवेंद्रhttps://www.blogger.com/profile/13104592240962901742noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-48941119571250917352011-04-16T18:21:27.205+05:302011-04-16T18:21:27.205+05:30मेरी समझ से खेल खेलने और खेल को जानने की अभिलाषा ...मेरी समझ से खेल खेलने और खेल को जानने की अभिलाषा जिज्ञासा से बच्चे नहीं थकते हैं ...बच्चों की उर्जा और बड़ों की उर्जा में अंतर तो होता है ...मैं समीर जी के इस विचार से सहमत हूँ ...<br /> ... बहुत बढ़िया लेख .. पढ़कर मूड फेस हो गया ... वाह ..समयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-41568492076963960492011-04-16T00:22:29.847+05:302011-04-16T00:22:29.847+05:30@ singhsdm
सच कहा आपने, रेलवे के प्लेटफार्मों में ...@ singhsdm<br />सच कहा आपने, रेलवे के प्लेटफार्मों में एक पूरा संसार बसता है, भारत की आत्मा बसती है।<br /><br />@ नीरज जाट जी<br />आपने तो अपना जीवन चित्र रेलवे से बना दिया है, दृश्यो की अधिकता है आपके पास तो।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-28345803744839351712011-04-16T00:21:46.117+05:302011-04-16T00:21:46.117+05:30@ सम्वेदना के स्वर
पश्चिम बंगाल तो कला, संगीत का ग...@ सम्वेदना के स्वर<br />पश्चिम बंगाल तो कला, संगीत का गढ़ है।<br /><br />@ संतोष पाण्डेय<br />भारतीय रेल में लाखों जीवन एक साथ जिये जाते हैं, सब एक से बढ़कर एक दृश्य लिये हुये।<br /><br />@ मेरे भाव<br />बहुत धन्यवाद आपका।<br /><br />@ नरेश सिह राठौड़<br />बहुत धन्यवाद आपका। कलाशिविर देखते तो गदगद हो जाते।<br /><br />@ ज्योति सिंह<br />मैं जब भी स्टेशन जाता हूँ, मेरी आँखों में यही दृश्य बार बार पुष्ट होते रहते हैं। बहुत सुन्दर पंक्तियाँ है आपकी।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-36486218061214934022011-04-16T00:21:12.178+05:302011-04-16T00:21:12.178+05:30@ Rakesh Kumar
कला के प्रवाहमयी स्वरूप को देखकर शब...@ Rakesh Kumar<br />कला के प्रवाहमयी स्वरूप को देखकर शब्द भी बह निकले।<br /><br />@ G.N.SHAW<br />आप मंडल कार्यालय आकर सभी चित्र देख सकते हैं।<br /><br />@ ज्ञानदत्त पाण्डेय Gyandutt Pandey<br />उस चित्र में एक साथ ही बहुत कुछ कहने का प्रयास किया गया है।<br /><br />@ दीपक बाबा<br />वह भी एक दुखद दृश्य है, उसे सुधार लें और सुधरा हुआ सुन्दर दृश्य बनाया जाये।<br /><br />@ वीना<br />बहुत धन्यवाद आपका।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-87078343406216397992011-04-16T00:20:36.461+05:302011-04-16T00:20:36.461+05:30@ Sunil Kumar
कला के लिये रेलवे का प्रयास भी सफर ह...@ Sunil Kumar<br />कला के लिये रेलवे का प्रयास भी सफर है।<br /><br />@ मनोज कुमार<br />यह मनोहारी दृश्य कलाशिविर में पहुँचकर मिल गया हमें।<br /><br />@ विष्णु बैरागी<br />इस चित्रावलि में सभी के लिये कुछ न कुछ है।<br /><br />@ राजेश उत्साही<br />शिविर के बाद प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया था, उसमें भी बहुत लोग आये थे।<br /><br />@ ZEAL<br />यहीं पर जीवन के ढेरों रंग मिल जाते हैं।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-9122670957030180112011-04-16T00:20:05.170+05:302011-04-16T00:20:05.170+05:30@ mahendra verma
दो पक्षों को एक आधार देने का कार्...@ mahendra verma<br />दो पक्षों को एक आधार देने का कार्य किया रेलवे ने।<br /><br />@ जयकृष्ण राय तुषार<br />बहुत धन्यवाद आपका।<br /><br />@ rashmi ravija<br />चित्र बनते देखना बहुत ही अच्छा लगता है।<br /><br />@ Abhishek Ojha<br />आपकी कला की समझ मुझसे तो अच्छी ही है।<br /><br />@ संतोष त्रिवेदी<br />जीवन-रेखा की रेलगाड़ी से बहुत समानतायें हैं, रेल से सम्बन्धित चित्र इस तथ्य को बहुत ढंग से समझाते हैं।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-57540612540576274682011-04-16T00:19:35.371+05:302011-04-16T00:19:35.371+05:30@ M VERMA
चित्रकला को समझने भर का प्रयास था मेरे ल...@ M VERMA<br />चित्रकला को समझने भर का प्रयास था मेरे लिये कलाशिविर देखना।<br /><br />@ Patali-The-Village<br />श्री मणिजी ने इस पूरे उपक्रम में केन्द्रीय योगदान दिया है, रेलवे भी जानना चाहती थी कि चित्रकार क्या समझते हैं इस बारे में।<br /><br />@ Shilpa<br />बहुत धन्यवाद आपका।<br /><br />@ shikha varshney<br />बहुत धन्यवाद आपका।<br /><br />@ Avinash Chandra<br />प्रयास कला को समर्पित था और इसी तरह के प्रयास और होने चाहिये।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-14924460959649257592011-04-16T00:19:02.736+05:302011-04-16T00:19:02.736+05:30@ सुशील बाकलीवाल
रेलवे में जीवन अनवरत चलता रहता है...@ सुशील बाकलीवाल<br />रेलवे में जीवन अनवरत चलता रहता है, उसी का प्रस्तुतीकरण था यह शिविर।<br /><br />@ वन्दना<br />बहुत धन्यवाद आपका, इस सम्मान के लिये।<br /><br />@ cmpershad<br />निश्चय ही यात्रियों की सुविधा का भरसक प्रयास तो करती है।<br /><br />@ पी.सी.गोदियाल "परचेत"<br />अब उनमें भी सुधार आ रहा है, चित्र उसके भी लगाये जा सकते हैं।<br /><br />@ सदा<br />रूप वही है बस कलामय हो गयी है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-58617935590288938832011-04-16T00:18:36.120+05:302011-04-16T00:18:36.120+05:30@ संगीता स्वरुप ( गीत )
अभी वह चित्र पूरे हो गये ह...@ संगीता स्वरुप ( गीत )<br />अभी वह चित्र पूरे हो गये हैं, बाद में लगायेंगे।<br /><br />@ संजय भास्कर<br />बहुत धन्यवाद आपका।<br /><br />@ सञ्जय झा<br />बहुत धन्यवाद आपका।<br /><br />@ kshama<br />महात्मा का चित्र सबको बड़ा प्रेरक लगा।<br /><br />@ nivedita<br />यह सफर चलता रहे।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-67414299311434204002011-04-16T00:18:12.095+05:302011-04-16T00:18:12.095+05:30@ ashish
ऐसे कला के आयोजनों को उत्साह मिलना चाहिये...@ ashish<br />ऐसे कला के आयोजनों को उत्साह मिलना चाहिये।<br /><br />@ सतीश पंचम<br />कुछ चित्र तो सबने सराहे।<br /><br />@ रश्मि प्रभा...<br />बहुत धन्यवाद आपका।<br /><br />@ Dr. shyam gupta<br />आपकी बधाई प्रेषित कर दी है, कला के प्रति लोगों का उत्साह देख ही यह सम्भव हो सका हम सबके लिये।<br /><br />@ Dr (Miss) Sharad Singh<br />बहुत धन्यवाद आपका।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-38462057033358437392011-04-16T00:17:47.328+05:302011-04-16T00:17:47.328+05:30@ ajit gupta
भारतीय रेल का साहित्य के संग ही चित्र...@ ajit gupta<br />भारतीय रेल का साहित्य के संग ही चित्रकला से पुराना सम्बन्ध है।<br /><br />@ डॉ॰ मोनिका शर्मा<br />शब्द फिर भी उतना नहीं कह पाते हैं जो चित्र कह जाते हैं।<br /><br />@ भारतीय नागरिक - Indian Citizen<br />बहुत धन्यवाद आपका।<br /><br />@ खुशदीप सहगल<br />बहुत गहन समानता है दोनों के बीच।<br /><br />@ Navin C. Chaturvedi<br />चित्रकला में आकर्षण तो है ही, उसी में खिंचे चले गये।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-14121456996732374802011-04-16T00:17:23.866+05:302011-04-16T00:17:23.866+05:30@ anupama's sukrity !
रेलवे में नियमित कार्यों...@ anupama's sukrity !<br />रेलवे में नियमित कार्यों के अतिरिक्त कला का संवर्धन उन मनों के बारे में जानने का माध्यम बना जिनकी दृष्टि गूढ़ होती है।<br /><br />@ Kajal Kumar<br />निश्चय ही विविधता से भरी है रेल यात्रा, एक समान सुविधायें अपेक्षित भी नहीं है। पर न्यूनतम सुविधायें तो हमारी प्राथमिकता हो ही।<br /><br />@ Ratan Singh Shekhawat<br />रेल यात्रा के अनुभव बहुत कुछ ले आते हैं।<br /><br />@ Shah Nawaz<br />बहुत धन्यवाद आपका।<br /><br />@ Udan Tashtari<br />सफर के सफर में आप उससे मिल भी लिये।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-79899349774072697882011-04-16T00:16:43.121+05:302011-04-16T00:16:43.121+05:30@ Smart Indian - स्मार्ट इंडियन
जिस प्रक्रिया से च...@ Smart Indian - स्मार्ट इंडियन<br />जिस प्रक्रिया से चित्र बने, उसे देखने के बाद इनका मान और बढ़ जाता है।<br /><br />@ honesty project democracy<br />निश्चय ही भारतीय रेलवे सामाजिक और आर्थिक गतिमयता का प्रतिमान है। इन्हीं सरोकारों पर चरचा बनती है।<br /><br />@ Arvind Mishra<br />बहुत धन्यवाद आपका।<br /><br />@ सतीश सक्सेना<br />बहुत धन्यवाद आपका।<br /><br />@ वाणी गीत<br />रेलवे और कला का सम्बन्ध तो पुराना है, यह शिविर उसमें नवीनतम अध्याय है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-67566238982450420262011-04-16T00:16:38.936+05:302011-04-16T00:16:38.936+05:30@ Smart Indian - स्मार्ट इंडियन
जिस प्रक्रिया से च...@ Smart Indian - स्मार्ट इंडियन<br />जिस प्रक्रिया से चित्र बने, उसे देखने के बाद इनका मान और बढ़ जाता है।<br /><br />@ honesty project democracy<br />निश्चय ही भारतीय रेलवे सामाजिक और आर्थिक गतिमयता का प्रतिमान है। इन्हीं सरोकारों पर चरचा बनती है।<br /><br />@ Arvind Mishra<br />बहुत धन्यवाद आपका।<br /><br />@ सतीश सक्सेना<br />बहुत धन्यवाद आपका।<br /><br />@ वाणी गीत<br />रेलवे और कला का सम्बन्ध तो पुराना है, यह शिविर उसमें नवीनतम अध्याय है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-79586580958431086872011-04-15T21:25:15.013+05:302011-04-15T21:25:15.013+05:30अगर मैं भी चित्रकारी कर सकता तो बडे भयंकर भयंकर चि...अगर मैं भी चित्रकारी कर सकता तो बडे भयंकर भयंकर चित्र बनाता। मेरे लिये भी रेलें इमोशनल करने वाली चीजें हैं, जब मैं इसी तरह बैठकर सोचता हूं तब।नीरज मुसाफ़िरhttps://www.blogger.com/profile/10478684386833631758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-90726312543134443812011-04-15T17:33:00.046+05:302011-04-15T17:33:00.046+05:30मुझको तो रेलवे का प्लेटफार्म सदैव भारत की आत्मा सा...मुझको तो रेलवे का प्लेटफार्म सदैव भारत की आत्मा सा लगता है...... प्लेटफार्म देश की आत्मा की नंगी तस्वीर प्रकट करता है. आपकी ये पोस्ट मेरी भावनाओं को आवाज़ दे गयी साधुवाद नव संवत्सर की आपको भी बहुत बहुत बधाई......!!!!!<br />उत्कृष्ट कलाकृतियाँ -कथ्य, रंग संयोजन -एक यादगार आयोजन -चित्र वीथिका के लिए आभार !Pawan Kumarhttps://www.blogger.com/profile/08513723264371221324noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-23603561538912060202011-04-15T17:15:44.256+05:302011-04-15T17:15:44.256+05:30आपकी रचना को पढ़कर एक छोटी सी रचना याद आ गयी उसे...आपकी रचना को पढ़कर एक छोटी सी रचना याद आ गयी उसे लिखने को मन हुआ सो लिख रही हूँ ---------<br />अलविदा ये दोस्त जाने फिर कहाँ हो सामना <br />जा रहे तुम न जाने कौन बस्ती किस शहर <br />दूरियां इनमे हजारो मिल की आई उभर <br />पोछ डालो आँख का आंसूं न देखो घूम कर <br />याद की खामोशियाँ होंगी हमारी हमसफ़र .ज्योति सिंहhttps://www.blogger.com/profile/14092900119898490662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-6591230353492415212011-04-15T17:04:04.029+05:302011-04-15T17:04:04.029+05:30मुझे भी चित्रकला का विशेष ज्ञान नहीं है पर शब्दों ...मुझे भी चित्रकला का विशेष ज्ञान नहीं है पर शब्दों की चित्रकारी करते करते अब चित्रकला के लिये शब्द मिलने लगे हैं। मेरी चित्रकला की समझ चार मौलिक रंगों और दैनिक जीवन की आकृतियों के परे नहीं जा पाती है। बहुधा हम चित्रों को बना बनाया देखते हैं और उसमें रंगों और आकृतियों के अर्थ ढूढ़ते का प्रयास करते हैं, पर उन रंगों और आकृतियों का धीरे धीरे कैनवास पर उभरते हुये देखना एक अनुभव था मेरे लिये। चित्रकारों की ध्यानस्थ अवस्था में बीता समय कल्पना के समुन्दर में लगायी डुबकी के समान था जिसमें खोजे गये रत्न कैनवास में उतरने को प्रतीक्षित थे। वाक्यों में शब्द सजाने के उपक्रम से अधिक कठिन है कैनवास पर रंगों की रेखायें खींचना।<br />kitna achchha likha hai ,abhi safar ka waqt kareeb hai ,platform par khade hone par aapki racha jahan me ubhar aayegi .ati uttamज्योति सिंहhttps://www.blogger.com/profile/14092900119898490662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-22696018706940493462011-04-15T14:31:20.125+05:302011-04-15T14:31:20.125+05:30सुंदर चित्र है | बगैर घूमे ही दर्शन करवा दिया आभार...सुंदर चित्र है | बगैर घूमे ही दर्शन करवा दिया आभार |naresh singhhttps://www.blogger.com/profile/16460492291809743569noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-26749057840003401912011-04-15T12:45:44.168+05:302011-04-15T12:45:44.168+05:30सुन्दर कलाकृतियाँ. श्री मणि के साथ आपका भी आभार .सुन्दर कलाकृतियाँ. श्री मणि के साथ आपका भी आभार .मेरे भावhttps://www.blogger.com/profile/16447582860551511850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-30626177067675422542011-04-15T01:01:24.974+05:302011-04-15T01:01:24.974+05:30चित्र तो सुन्दर हैं ही, आपका लेखन भी काबिलेतारीफ.व...चित्र तो सुन्दर हैं ही, आपका लेखन भी काबिलेतारीफ.वास्तव में भारतीय रेल और आदमी के सपनों और संघर्षो के साथ ही सफलता का भी अद्भुत रिश्ता है.संतोष पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/06184746764857353641noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-24066371963427355632011-04-15T00:26:04.215+05:302011-04-15T00:26:04.215+05:30हावडा स्टेशन पर कला के विद्यार्थियों के द्वारा यात...हावडा स्टेशन पर कला के विद्यार्थियों के द्वारा यात्रियों के बनाए जाने वाले स्केच याद आ गए!सम्वेदना के स्वरhttps://www.blogger.com/profile/12766553357942508996noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6890512683366084987.post-20067061803131376022011-04-14T22:27:36.675+05:302011-04-14T22:27:36.675+05:30सभी चित्र बहुत अच्छे हैं....रेलवे और कला का यह अद्...सभी चित्र बहुत अच्छे हैं....रेलवे और कला का यह अद्भुद संगम लगा...बधाईवीना श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09586067958061417939noreply@blogger.com